नमस्कार दोस्तों, अगर आप खेती करते हैं या खेती-बाड़ी में दिलचस्पी रखते हैं तो आज की यह जानकारी आपके लिए ही है। जैसे-जैसे मौसम बदल रहा है, वैसे-वैसे पुराने धान के बीज कई बार उतनी अच्छी पैदावार नहीं देते। इसलिए वैज्ञानिक और कृषि विशेषज्ञ लगातार धान की नई किस्म तैयार कर रहे हैं, ताकि किसान भाइयों को कम मेहनत में ज्यादा मुनाफा मिल सके।
नई किस्मों का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इनमें रोगों से लड़ने की ताकत ज्यादा होती है और कम पानी में भी बढ़िया फसल होती है। यही वजह है कि आजकल किसान पुराने बीज छोड़कर नई किस्मों की तरफ ज्यादा ध्यान दे रहे हैं।
नई किस्मों की सबसे बड़ी खासियत:
धान की नई किस्में पुरानी किस्मों के मुकाबले कई मामलों में बेहतर साबित हुई हैं। ये किस्में जल्दी तैयार होती हैं, पैदावार भी अच्छी देती हैं और बाजार में इनके दाने की क्वालिटी भी पसंद की जाती है।
- नई किस्में रोगों से लड़ने में ज्यादा सक्षम होती हैं।
- बाढ़ या सूखे जैसे हालात में भी अच्छी उपज देती हैं।
- इनसे खेती में लागत कम और मुनाफा ज्यादा होता है।

बेहतरीन धान की नई किस्में:
PRH-10 (Hybrid धान):
PRH-10 एक हाइब्रिड धान की किस्म है, जो खासतौर पर उन किसानों के लिए फायदेमंद है जिन्हें जल्दी फसल काटनी हो। इस किस्म को खेत में लगाने के बाद ज्यादा देखभाल की जरूरत नहीं पड़ती।
PRH-10 के फायदे:
- 120 से 130 दिन में तैयार हो जाती है।
- दाना मोटा और वजनदार होता है।
- रोगों से बचने की ताकत ज्यादा है।
- कम पानी में भी बढ़िया उपज मिल जाती है।
PRH-10 के लिए ध्यान रखें:
- अच्छी क्वालिटी का बीज ही लें।
- खेत की तैयारी अच्छे से करें।
- समय पर खाद और पानी दें।
विशेषता | विवरण |
---|---|
किस्म का नाम | PRH-10 (Hybrid Rice) |
मुख्य फायदा | जल्दी तैयार, ज्यादा पैदावार |
रोग प्रतिरोधक क्षमता | अच्छी |
पानी की जरूरत | सामान्य, कम पानी में भी उपज दे सकता है |
कहां उपयोगी | सामान्य क्षेत्रों में |
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Pusa Basmati 1718:
अगर आप बासमती चावल लगाना चाहते हैं तो Pusa Basmati 1718 आज के समय में सबसे पसंदीदा किस्म है। इसका दाना लंबा, पतला और खुशबूदार होता है जिससे मंडी में अच्छा दाम मिल जाता है।
Pusa Basmati 1718 के फायदे:
- दाने में बढ़िया खुशबू रहती है।
- झुलसा रोग से बचाव करती है।
- निर्यात के लिए बहुत डिमांड में रहती है।
- बाजार में दाम ज्यादा मिलते हैं।
Pusa Basmati 1718 के लिए ध्यान रखें:
- पौध रोपाई के बाद पानी सही से देते रहें।
- खेत में जल जमाव न होने दें।
- फूल आने के समय दवाइयों का छिड़काव जरूर करें।
विशेषता | विवरण |
---|---|
किस्म का नाम | Pusa Basmati 1718 |
मुख्य फायदा | लंबा दाना, खुशबूदार चावल |
रोग प्रतिरोधक क्षमता | झुलसा रोग से बचाव |
पानी की जरूरत | सामान्य |
कहां उपयोगी | बासमती चावल उत्पादन क्षेत्रों में |
Swarna Sub1:
कई किसान ऐसे इलाकों में रहते हैं जहां बारिश ज्यादा होने से खेतों में पानी भर जाता है। ऐसे में फसल बर्बाद हो जाती है। Swarna Sub1 ऐसी किस्म है जो बाढ़ में भी खराब नहीं होती और फिर से उग जाती है।
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Swarna Sub1 के फायदे:
- पानी में डूबने के बाद भी बच जाती है।
- पैदावार अच्छी रहती है।
- रोगों का असर कम पड़ता है।
- बाढ़ ग्रस्त इलाकों के लिए वरदान है।
Swarna Sub1 के लिए ध्यान रखें:
- पौध रोपाई समय पर करें।
- खेत में नमी ज्यादा रहे, इसका ध्यान रखें।
- पौध की देखभाल नियमित करें।
विशेषता | विवरण |
---|---|
किस्म का नाम | Swarna Sub1 |
मुख्य फायदा | बाढ़ में डूबने पर भी फसल बचती है |
रोग प्रतिरोधक क्षमता | सामान्य |
पानी की जरूरत | बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में बेस्ट |
कहां उपयोगी | बाढ़ प्रभावित इलाकों में |
किसानों की पसंद – इन किस्मों को क्यों चुनें?
ऊपर दी गई टेबल से आपको अंदाजा लग गया होगा कि कौन सी किस्म आपके खेत के लिए सही रहेगी। PRH-10 हाइब्रिड किस्म उन किसानों के लिए बढ़िया है जो जल्दी तैयार होने वाली और ज्यादा पैदावार देने वाली फसल चाहते हैं। Pusa Basmati 1718 तो बासमती चावल के लिए बेस्ट मानी जाती है जो लंबे और खुशबूदार दाने की वजह से विदेशों में भी इसकी डिमांड रहती है। वहीं Swarna Sub1 उन इलाकों में वरदान है जहां बाढ़ का खतरा रहता है।

नई किस्मों के फायदे – खेती में बढ़ाएं मुनाफा:
बहुत से किसान अब भी पुरानी किस्मों पर ही टिके हुए हैं। लेकिन अगर आप एक बार नई किस्मों को आजमाएंगे तो फर्क साफ नजर आएगा। नई किस्मों से क्या फायदे होते हैं, जरा देखिए।
- पैदावार में 15% से 20% तक बढ़ोतरी होती है।
- कम पानी और कम दवाइयों में भी फसल अच्छी होती है।
- बीमारियों और कीटों का असर कम पड़ता है।
- बाजार में दाम अच्छे मिलते हैं क्योंकि दाने की क्वालिटी बढ़िया रहती है।
किस्म का नाम | खासियत | कहां उपयोगी |
---|---|---|
PRH-10 (Hybrid धान) | जल्दी तैयार, ज्यादा पैदावार, रोगरोधी | सामान्य इलाकों में |
Pusa Basmati 1718 | लंबा दाना, खुशबूदार, झुलसा रोग से बचाव | बासमती खेती वाले इलाकों में |
Swarna Sub1 | बाढ़ में भी सुरक्षित, अच्छी पैदावार | बाढ़ ग्रस्त इलाकों में |
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खेती में जरूरी सावधानियां:
नई किस्म चाहे कितनी भी अच्छी हो, अगर खेती सही तरीके से नहीं की तो मेहनत बेकार जाएगी। इसलिए ये बातें जरूर ध्यान रखें।
- बीज हमेशा प्रमाणित कंपनी या कृषि विज्ञान केंद्र से ही खरीदें।
- खेत की मिट्टी की जांच करवा लें और उसी हिसाब से खाद डालें।
- सही समय पर सिंचाई और दवाइयों का छिड़काव करें।
- जरूरत से ज्यादा रसायन का इस्तेमाल न करें।
मेरी सलाह – बदलते रहो, बढ़ते रहो:
दोस्तों, खेती में नई किस्मों को अपनाना आज के वक्त में बहुत जरूरी हो गया है। इससे आपका खर्चा भी कम होगा और मुनाफा भी बढ़ेगा। कोशिश करें कि नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क में रहें, वहां से समय-समय पर नई जानकारी और बीज मिलते रहते हैं।
उम्मीद है आपको धान की नई किस्म पर यह जानकारी पसंद आई होगी। अगर हां, तो बताना भाई अगली बार किस टॉपिक पर ऐसा ही आसान और काम का आर्टिकल चाहिए। खेती करते रहिए, खुशहाल रहिए।
आपका दोस्त – खेती की बातें, हमेशा आपके साथ।