वर्षा ऋतु में बोई जाने वाली सब्जियां || बरसात में बोई जाने वाली फसलें

सभी किसान भाइयों को मेरा नमस्कार जैसा की आप जानते हैं की भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहाँ हर मौसम की अपनी खास फसलें और सब्जियाँ होती हैं। लेकिन जब बात आती है वर्षा ऋतु की, यानी जून से सितंबर तक का समय, तो यह मौसम किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं होता। जब आसमान से बूंदें गिरती हैं और मिट्टी की भीनी खुशबू फैलती है, तब वर्षा ऋतु में बोई जाने वाली सब्जियां खेतों में जान फूंक देती हैं। यह वह समय होता है जब मिट्टी में नमी बढ़ जाती है, तापमान अनुकूल रहता है और फसलें तेजी से पनपती हैं।

वर्षा ऋतु में बोई जाने वाली सब्जियां || बरसात में बोई जाने वाली फसलें

इस लेख में हम जानेंगे कि वर्षा ऋतु में कौन-कौन सी सब्जियां बोई जाती हैं, उनके लिए किस प्रकार की मिट्टी और देखभाल की आवश्यकता होती है, और क्यों यह समय खेती के लिए इतना खास होता है।

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वर्षा ऋतु में खेती की खासियत

वर्षा ऋतु में वातावरण में नमी बनी रहती है, जिससे पौधों को अच्छी ग्रोथ मिलती है। धूप और बारिश का संतुलन पौधों के विकास के लिए अनुकूल होता है। इस मौसम में ज़मीन की ऊपरी परत नरम रहती है, जिससे बीज बोना आसान हो जाता है और अंकुरण दर भी अधिक होती है। साथ ही बारिश के पानी से सिंचाई की लागत भी कम हो जाती है, जो छोटे किसानों के लिए राहत की बात होती है।

वर्षा ऋतु में बोई जाने वाली प्रमुख सब्जियां

1. भिंडी (Lady Finger)

भिंडी एक बेहद लोकप्रिय और पोषक सब्जी है। यह सब्जी वर्षा ऋतु में बहुत अच्छी तरह उगती है क्योंकि इसे गर्मी और नमी दोनों पसंद है। भिंडी के बीज जून से अगस्त के बीच बोए जाते हैं और लगभग 45 दिनों में फसल तैयार हो जाती है।

भिंडी में फाइबर, फोलिक एसिड और विटामिन C भरपूर होता है। इसकी देखभाल में विशेष ध्यान देना होता है कि पानी का जमाव न हो, वरना जड़ें सड़ सकती हैं।

2. लौकी (Bottle Gourd)

लौकी बेल वाली सब्जी है जो वर्षा ऋतु में बहुत तेजी से बढ़ती है। इसे मिट्टी में थोड़ी ऊँचाई पर बोया जाता है ताकि जलभराव से बचा जा सके। इसके बीज जून-जुलाई में बोना उचित होता है।

लौकी न केवल स्वादिष्ट होती है बल्कि पाचन में भी लाभकारी है। इसका उपयोग सब्जी, हलवा और सूप आदि में होता है।

3. तोरई (Ridge Gourd)

तोरई की खेती भी बरसात के मौसम में बहुत लाभदायक होती है। यह सब्जी भी बेल पर उगती है और अच्छी धूप व नमी में पनपती है। इसे भी ऊँचाई वाली जगह पर बोना चाहिए ताकि पानी इकट्ठा न हो।

तोरई शरीर को ठंडक देती है और पाचन को सुधारती है। इसे घरेलू रसोई में रोजाना इस्तेमाल किया जाता है।

4. बैंगन (Brinjal)

वर्षा ऋतु में बोई जाने वाली सब्जियों में बैंगन एक और महत्वपूर्ण सब्जी है। इसकी नर्सरी अप्रैल-मई में तैयार की जाती है और पौधे जून-जुलाई में खेतों में लगाए जाते हैं। बैंगन हर तरह की मिट्टी में उग सकता है लेकिन दोमट मिट्टी में इसका उत्पादन सबसे अच्छा होता है।

बैंगन लो कैलोरी सब्जी है जो आयरन और फाइबर का अच्छा स्रोत है।

5. मिर्च (Chili)

मिर्च को बारिश की शुरुआत में बोया जाता है। इसका पौधा नमी में अच्छी तरह बढ़ता है लेकिन अत्यधिक पानी इसे खराब कर सकता है। इसलिए इसे भी ऊँची क्यारियों में लगाना बेहतर होता है।

मिर्च को मसालों की रानी भी कहा जाता है और यह हर रसोई का जरूरी हिस्सा है। इसमें विटामिन C भरपूर मात्रा में होता है।

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6. टमाटर (Tomato)

बरसात के मौसम में टमाटर की खेती थोड़ा ध्यान मांगती है क्योंकि अत्यधिक पानी और कीटों का खतरा बना रहता है। लेकिन यदि सही नर्सरी तैयार की जाए और पौधों को सहारा दिया जाए तो यह फसल भी अच्छी हो सकती है।

टमाटर को सलाद, सब्जी, चटनी से लेकर सॉस तक हर जगह प्रयोग किया जाता है और यह बाजार में हमेशा मांग में रहता है।

7. कद्दू (Pumpkin)

कद्दू भी बेल पर उगने वाली सब्जी है जो वर्षा ऋतु में बहुत अच्छे से बढ़ती है। इसके लिए उपजाऊ, जलनिकासी वाली मिट्टी सबसे बेहतर मानी जाती है। इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन A और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं।

कद्दू की बेलें जल्दी फैलती हैं और थोड़े से प्रयास में अच्छा उत्पादन देती हैं।

8. हरी बीन्स (Green Beans)

हरी बीन्स वर्षा ऋतु की एक और लाभदायक सब्जी है। यह मिट्टी की ऊपरी सतह पर ही फल देती है और जल्दी तैयार हो जाती है। इसकी बुवाई जून-जुलाई में की जाती है और लगभग 50-60 दिन में फसल तैयार हो जाती है।

हरी बीन्स में प्रोटीन और फाइबर भरपूर होता है और यह वजन घटाने वालों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है।

9. पत्तेदार सब्जियां (पालक, मैथी)

पालक और मैथी जैसी पत्तेदार सब्जियां वर्षा ऋतु में बोई जाने वाली सब्जियों में खास महत्व रखती हैं। इनका जीवन चक्र छोटा होता है और इन्हें बार-बार उगाया जा सकता है। ये मिट्टी को भी उपजाऊ बनाती हैं और किसानों को नियमित आय देती हैं।

10. परवल (Pointed Gourd)

परवल की खेती वर्षा ऋतु में सबसे अधिक लाभकारी मानी जाती है, खासकर बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में। इसकी बेलें नमी और गर्मी में खूब फैलती हैं और एक बार रोपाई के बाद सालों तक फल देती हैं।

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वर्षा ऋतु में खेती के लिए ज़रूरी बातें

  • जलनिकासी का प्रबंध ज़रूरी है ताकि पानी रुकने से जड़ें न सड़ें।
  • जैविक खाद और गोबर की खाद का उपयोग मिट्टी की गुणवत्ता बनाए रखता है।
  • बीज बोने से पहले बीज उपचार करना चाहिए ताकि बीमारियों से बचाव हो सके।
  • कीट नियंत्रण के लिए नीम तेल और घरेलू उपाय अपनाना सबसे अच्छा रहता है।

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वर्षा ऋतु में बोई जाने वाली सब्जियां किसानों और घर के बागवानी प्रेमियों के लिए एक सुनहरा मौका देती हैं। यह मौसम प्राकृतिक रूप से अनुकूल होता है, जिससे उत्पादन अच्छा मिलता है और देखभाल की लागत भी कम आती है। यदि सही समय पर, सही तकनीक के साथ खेती की जाए तो यह मौसम आय और पोषण दोनों के लिहाज से फायदेमंद साबित होता है।

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