नमस्ते किसान भाइयों, अगर आप भी उन किसानों में से हैं जो बारिश का इंतजार करते-करते थक चुके हैं और सोचते हैं कि सूखा आने पर फसल कैसे बचाएं?, तो ये आर्टिकल आपके लिए है। आज हम बिल्कुल आसान और जमीन से जुड़ी भाषा में जानेंगे कि जब बारिश धोखा दे जाए तो भी फसल कैसे जिंदा रखी जा सकती है।
सूखा होता क्या है?
जब लंबे समय तक बारिश नहीं होती और मिट्टी की नमी खत्म हो जाती है, तो उसे ‘सूखा’ कहते हैं। इस समय फसलों को पानी नहीं मिल पाता और वे सूखने लगती हैं। ऐसे हालात में हमें समझदारी से काम लेना होता है, नहीं तो मेहनत और पैसा दोनों बर्बाद हो सकते हैं।

सूखा में फसल कैसे बचाएं : आसान और असरदार उपाय।
1. सूखे में कौन सी फसल लगाएं? (फसल चयन):
सबसे पहले समझिए कि कम पानी वाली फसलें लगाना सूखे से निपटने का पहला और मजबूत कदम है।
- बाजरा, ज्वार, रागी – ये कम पानी में भी अच्छी उपज देती हैं।
- अरहर, मूंग, उड़द – दलहन फसलें भी सूखे में टिक जाती हैं।
- तिल और मूंगफली – ये तिलहन फसलें भी सूखा झेल सकती हैं।
Also read – 2025 मे बैगन की उन्नत खेती कैसे करें – आसान और फायदेमंद तरीका।
2. मिट्टी की नमी बचाना सबसे जरूरी।
जब बारिश नहीं हो रही होती, तो जो नमी मिट्टी में बची है, उसी को संभालना जरूरी होता है। इसके लिए करें:
- खेत की जुताई के बाद ‘मल्चिंग’ करें यानी पुआल या सूखे पत्तों से ढक दें।
- खेत में ज्यादा बार हल न चलाएं, वरना नमी उड़ जाती है।
3. ड्रिप सिंचाई अपनाएं (कम पानी, ज्यादा काम):
अगर आपके पास टपक सिंचाई (ड्रिप इरिगेशन) की व्यवस्था है, तो ये बहुत फायदेमंद है। ये तकनीक हर बूंद को सीधा जड़ तक पहुंचाती है और पानी की बर्बादी नहीं होती।
- इससे 40-60% तक पानी की बचत होती है।
- फसल भी ज्यादा स्वस्थ रहती है।
ड्रिप सिंचाई प्रणाली, कम पानी में खेती कैसे करें
4. जैविक खाद और गोबर खाद का इस्तेमाल करें:
सूखे में रासायनिक खादें असर कम करती हैं, जबकि जैविक खादें मिट्टी की नमी को बनाए रखती हैं।
- गोबर की खाद, वर्मी कंपोस्ट और नीम खली डालने से मिट्टी की ताकत बढ़ती है।
- इससे पौधे सूखा झेलने में सक्षम हो जाते हैं।
5. फसल के चारों ओर मेड़ बनाएं (Water Harvesting):
जब थोड़ी बहुत बारिश हो, तो पानी खेत में ही रोका जाए, ताकि नमी मिट्टी में बनी रहे। इसके लिए:
- खेत के चारों ओर मेड़ बनाएं।
- खेत में पानी के रुकने के लिए छोटे-छोटे गड्ढे भी बनाएं।
6. फसल बीमा जरूर करवाएं:
अगर फिर भी नुकसान होता है, तो सरकार की तरफ से मुआवज़ा पाने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का सहारा लें।
- समय पर बीमा कराएं।
- क्लेम करते समय फोटो, दस्तावेज़ और खेत की स्थिति का सही विवरण दें।

7. सामूहिक खेती और सलाह लें:
जब सब एक साथ मिलकर सूखा से लड़ते हैं, तो हल भी जल्दी निकलता है। आप गांव में किसानों की एक टीम बना सकते हैं जो:
- पानी का सामूहिक भंडारण करें।
- बीज और खाद की जानकारी आपस में साझा करें।
- सरकारी योजनाओं की अपडेट देते रहें।
यह भी जाने – 2025 बकरी पालन से हर महीने कमाई। गांव में शुरू करें ये जबरदस्त बिजनेस।
8. सरकारी योजनाओं और मदद का पूरा फायदा उठाएं:
सरकार सूखे से लड़ने के लिए कई योजनाएं चलाती है। जैसे:
- फसल बीमा योजना।
- जल संचयन योजना।
- निःशुल्क बीज वितरण।
- कृषि सलाह केंद्र।
हर योजना की जानकारी अपने नजदीकी कृषि विभाग या पंचायत कार्यालय से लें।
निष्कर्ष: सूखा आए तो घबराएं नहीं, समझदारी दिखाएं
किसान भाईयो, सूखा कोई नई चीज़ नहीं है, लेकिन हां, इससे निपटने के तरीके हर साल बेहतर हो रहे हैं। आपको बस थोड़ा जागरूक और तैयार रहना है। फसल बचाने के लिए जरूरी है कि सही समय पर सही कदम उठाए जाएं।
तो अगली बार जब बारिश धोखा दे, आप धोखा ना खाएं बल्कि फसल को बचा लें।
अगर ये जानकारी आपको काम की लगी, तो इसे अपने किसान भाइयों के साथ जरूर शेयर करें। और हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।