नमस्कार किसान भाइयों, अगर आप गोभी की खेती करते हो तो आपने सफेद मक्खी का नाम जरूर सुना होगा। यह एक छोटा सा कीट होता है लेकिन फसल का बड़ा दुश्मन है। गोभी में सफेद मक्खी का इलाज, सफेद मक्खी न सिर्फ पत्तियों का रस चूसती है, बल्कि इसके कारण गोभी के पौधे पीले पड़ जाते हैं, बढ़वार रुक जाती है और उत्पादन बहुत कम हो जाता है।
इसलिए आज हम आपको बताएंगे गोभी में सफेद मक्खी को पहचानने, रोकने और खत्म करने के घरेलू और वैज्ञानिक तरीके, ताकि आपकी फसल हरी-भरी और सुरक्षित रहे।

Table of Contents
- सफेद मक्खी को कैसे पहचानें?
- सफेद मक्खी से गोभी को क्या नुकसान होता है?
- सफेद मक्खी का घरेलू इलाज।
- सफेद मक्खी के लिए दवाई छिड़काव।
- रोकथाम के उपाय।
- निष्कर्ष – समय पर इलाज से बचेगी पूरी फसल।
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1. सफेद मक्खी को कैसे पहचानें?
सफेद मक्खी (Whitefly) एक छोटे आकार की सफेद रंग की उड़ने वाली कीट होती है। यह पत्तियों के नीचे छिपी रहती है और जैसे ही पौधे को हिलाओ, उड़ने लगती है।
पहचान के लक्षण:
- पत्तियों के नीचे सफेद रंग की मक्खियां।
- पत्तों पर चिपचिपा द्रव (हनीड्यू)।
- पत्तियों का पीला पड़ना और सिकुड़ना।
- फसल की बढ़त में रुकावट।
2. सफेद मक्खी से गोभी को क्या नुकसान होता है?
सफेद मक्खी गोभी की पत्तियों का रस चूसती है, जिससे पौधे कमजोर हो जाते हैं। इसके अलावा यह मक्खी “लीफ कर्ल वायरस” जैसी खतरनाक बीमारी भी फैला सकती है।
नुकसान:
- फसल की गुणवत्ता गिर जाती है।
- उत्पादन में भारी कमी आती है।
- बाजार में दाम नहीं मिलते।
- पूरी फसल भी बर्बाद हो सकती है अगर समय पर नियंत्रण न हो।
3. सफेद मक्खी का घरेलू इलाज।
अगर आप रासायनिक दवाओं से बचना चाहते हैं, तो कुछ घरेलू उपायों से भी सफेद मक्खी को कंट्रोल किया जा सकता है:
1. नीम का तेल छिड़कें:
नीम तेल में कीट नाशक गुण होते हैं।
तरीका: 5ml नीम तेल + 1 लीटर पानी + थोड़ा साबुन मिलाकर हर 7 दिन पर छिड़काव करें।
2. लहसुन-मिर्च घोल:
इस देसी स्प्रे से मक्खियां दूर रहती हैं।
तरीका: 100gm लहसुन + 50gm मिर्च पीसकर 1 लीटर पानी में 24 घंटे रखें, फिर छानकर छिड़कें।

3. पीला चिपचिपा कार्ड (Yellow Sticky Trap):
सफेद मक्खी पीले रंग की तरफ आकर्षित होती है।
तरीका: पीले रंग के बोर्ड पर गोंद लगाकर खेत में लगाएं।
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4. सफेद मक्खी के लिए दवाई छिड़काव:
अगर संक्रमण ज्यादा हो गया हो, तो नीचे दी गई दवाओं का छिड़काव करें:
दवाई का नाम | मात्रा | कब छिड़कें |
इमिडाक्लोप्रिड 17.8% SL | 0.3ml/लीटर | 7 दिन के अंतर से |
एसिटामिप्रिड 20% SP | 0.5gm/लीटर | जरूरत अनुसार |
थायोमेथॉक्सम 25% WG | 0.25gm/लीटर | भारी संक्रमण पर |
नोट: छिड़काव सुबह या शाम के समय ही करें। पत्तियों के नीचे तक स्प्रे पहुंचे, इस बात का ध्यान रखें।
5. रोकथाम के उपाय:
- खेत में समय-समय पर निरीक्षण करें।
- पुराने या संक्रमित पौधों को उखाड़कर जला दें।
- फसल चक्र अपनाएं – बार-बार एक ही फसल न लगाएं।
- खेत के आसपास की खरपतवार साफ रखें।
- पीले ट्रैप कार्ड हर 10 फीट पर लगाएं।
6. निष्कर्ष – समय पर इलाज से बचेगी पूरी फसल।
किसान भाइयों, सफेद मक्खी एक छोटा लेकिन खतरनाक कीट है। अगर आप इसे समय पर पहचान लें और इलाज शुरू कर दें, तो आप अपनी गोभी की फसल को पूरी तरह सुरक्षित रख सकते हैं। घरेलू उपाय और उचित दवाइयों के इस्तेमाल से आप उत्पादन भी बढ़ा सकते हैं और नुकसान से भी बच सकते हैं।
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