नमस्कार किसान भाइयों धान भारत की जान है। ये हमारी थाली का चावल बनता है, लेकिन इसकी खेती में कई रोग आड़े आते हैं। ये रोग फसल को चौपट कर सकते हैं और किसान भाई की मेहनत पर पानी फेर सकते हैं। लेकिन घबराने की जरूरत नहीं। धान की खेती में लगने वाले रोग – पहचान, रोकथाम और इलाज अगर सही समय पर रोग की पहचान कर लो और इलाज कर दो, तो फसल बच सकती है और मुनाफा भी पक्का। तो चलो, दोस्तों की तरह गप मारते हैं और धान के मुख्य रोग, उनकी पहचान, रोकथाम और इलाज के बारे में जानते हैं।
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1. भूरा धब्बा रोग (Brown Spot)
क्या दिखता है?
- पत्तियों पर छोटे-छोटे भूरे या गहरे धब्बे बनते हैं, जो गोल या अंडाकार होते हैं।
- धब्बों का बीच हल्का और किनारा गहरा होता है।
- पौधा कमजोर पड़ता है, दाने अच्छे से नहीं भरते, और उपज घट जाती है।

क्यों होता है?
- Drechslera oryzae नाम का फंगस इसका विलेन है।
- ज्यादा नमी, कमजोर पौधे, या मिट्टी में पोषण की कमी इसे बुलावा देती है।
रोकथाम और इलाज
- बीज को बोने से पहले थायरम या कार्बेन्डाजिम (2 ग्राम/किलो बीज) में 24 घंटे भिगोकर सुखा लो।
- रोग दिखे तो मैनकोजेब (0.25%) या कार्बेन्डाजिम (0.1%) का छिड़काव करो।
- खेत में पानी का जमाव न होने दो और संतुलित खाद डालो।
2. झुलसा रोग (Blast Disease)
क्या दिखता है?
- पत्तियों पर धुएं जैसे भूरे-काले धब्बे बनते हैं।
- फूलों का डंठल सूख जाता है, और बालियां नहीं बन पातीं।
- गंभीर होने पर पूरी फसल चौपट हो सकती है।
क्यों होता है?
- Pyricularia oryzae नाम का फंगस इसका जिम्मेदार है।
- ज्यादा नाइट्रोजन खाद, ज्यादा नमी, और ठंडा मौसम इसे बढ़ावा देता है।
रोकथाम और इलाज
- बीज को थायरम से उपचारित करो।
- खाद का बैलेंस रखो, ज्यादा नाइट्रोजन मत डालो।
- रोग दिखे तो ट्राइसीक्लाजोल (0.06%) या कासुगामायसिन (0.2%) का छिड़काव करो।
- खेत को साफ रखो और पुराने पौधों के अवशेष हटाओ।
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3. तनाछेदक (Stem Borer)
क्या दिखता है?
- पौधे की जड़ से ऊपर की पत्तियां सफेद या सूखी दिखती हैं, इसे डेड हार्ट कहते हैं।
- बालियां निकलने के बाद पौधा सूखने लगता है।
क्यों होता है?
- ये कीट पौधे के तने में छेद करके अंदर का रस चूस लेता है।
- गर्म और नम मौसम में ये ज्यादा सक्रिय होता है।
रोकथाम और इलाज
- खेत का बार-बार निरीक्षण करो।
- फेरोमोन ट्रैप लगाओ, ये कीटों को फंसाने में मदद करते हैं।
- क्लोरोपायरीफॉस (0.04%) या कार्टाप हाइड्रोक्लोराइड का छिड़काव करो।
- जैविक तरीके से नीम तेल भी छिड़क सकते हो।
4. पत्ती लपेटक (Leaf Folder)
क्या दिखता है?
- पत्तियां अंदर की ओर लिपट जाती हैं, जैसे कोई रोल कर गया हो।
- अंदर कीड़ा होता है, जो पत्तियों को खा जाता है।
- इससे पौधे का प्रकाश संश्लेषण रुकता है और उपज कम होती है।
क्यों होता है?
- ये कीट पत्तियों में रेशा बनाकर छिपता है और नुकसान करता है।
रोकथाम और इलाज
- पीले स्टिकी ट्रैप लगाओ, ये कीटों को आकर्षित करते हैं।
- नीम तेल (5 मिली/लीटर पानी) का छिड़काव करो।
- जरूरत पड़े तो स्पिनोसेड या इमामेक्टिन बेंजोएट (0.002%) यूज करो।
5. बैक्टीरियल लीफ ब्लाइट (Bacterial Leaf Blight – BLB)
क्या दिखता है?
- पत्तियों के किनारे पीले पड़ते हैं, फिर भूरे होकर सूख जाते हैं।
- गंभीर होने पर पूरी पत्ती सूख सकती है।
क्यों होता है?
- Xanthomonas oryzae नाम का बैक्टीरिया इसका कारण है।
- ज्यादा नमी और ज्यादा नाइट्रोजन इसे बढ़ावा देता है।
रोकथाम और इलाज
- खेत में पानी का जमाव न होने दो, अच्छी जल निकासी रखो।
- बीज को बोने से पहले 52°C गर्म पानी में 30 मिनट डुबोकर उपचार करो।
- स्ट्रेप्टोसाइक्लिन (0.01%) और कॉपर ऑक्सीक्लोराइड (0.25%) का मिश्रण छिड़को।
6. झुलसन या शीथ ब्लाइट (Sheath Blight)
क्या दिखता है?
- पौधे के तने के नीचे पानी जैसे धब्बे बनते हैं।
- बाद में सफेद फफूंदी दिखती है, जो पूरे खेत में फैल सकती है।
क्यों होता है?
- Rhizoctonia solani नाम का फंगस इसका विलेन है।
- ज्यादा नमी और घने पौधे इसे बढ़ावा देते हैं।
रोकथाम और इलाज
- पौधों की दूरी सही रखो, ज्यादा घना न हो।
- जल निकासी का अच्छा इंतजाम करो।
- हेक्साकोनाज़ोल या वेलिडामायसिन (0.1%) का छिड़काव करो।
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7. खैरा रोग (Khaira Disease)
क्या दिखता है?
- पत्तियों पर पीले धब्बे बनते हैं, किनारे भूरे हो जाते हैं।
- पौधा छोटा और कमजोर रह जाता है, उपज घटती है।
क्यों होता है?
- मिट्टी में जिंक (Zinc) की कमी इसका कारण है।
रोकथाम और इलाज
- 5 किलो जिंक सल्फेट + 2.5 किलो चूना को 100 लीटर पानी में मिलाकर छिड़को।
- मिट्टी की जांच करवाकर जिंक की कमी पहले ही चेक कर लो।

रोकथाम के कुछ आसान टिप्स
- बीज उपचार: हर बार बोने से पहले बीज को फफूंदनाशक से ट्रीट करो।
- संतुलित खाद: ज्यादा नाइट्रोजन डालने से रोग बढ़ते हैं, बैलेंस रखो।
- खेत की साफ-सफाई: पुराने पौधों के अवशेष हटाओ, ये रोग का घर होते हैं।
- जल निकासी: खेत में पानी जमा न होने दो।
- निगरानी: हफ्ते में एक बार खेत का चक्कर लगा लो, रोग की शुरुआत में ही पकड़ लो।
- जैविक तरीके: नीम तेल, गोमूत्र, या जैविक कीटनाशक ज्यादा यूज करो।
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कहां से मदद लें?
- कृषि विज्ञान केंद्र (KVK): फ्री में सलाह और टेस्टिंग की सुविधा।
- कृषि विभाग: अपने जिले के ऑफिस में जाकर रोग की जानकारी लो।
- eNAM या CSC केंद्र: रोगमुक्त बीज और दवाइयों की जानकारी ले सकते हो।
- हेल्पलाइन: अपने राज्य की कृषि हेल्पलाइन पर कॉल करो।
निष्कर्ष:धान की खेती में लगने वाले रोग – पहचान, रोकथाम और इलाज
धान की खेती में रोग लगना कोई नई बात नहीं, लेकिन सही जानकारी और थोड़ी सावधानी से इनका मुकाबला आसान है। रोग की पहचान जल्दी करो, जैविक या रासायनिक उपाय अपनाओ, और फसल को बचा लो। अगर खेत साफ
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