नमस्कार किसान भाइयों और दोस्तों, अगर आप खेती-किसानी में कुछ नया करना चाहते हैं, तो मूंगफली की खेती आपके लिए एक बेहतरीन मौका हो सकता है। आज मैं आपको बताऊंगा कि Moongfali Ki Kheti कैसे की जाती है, इसमें कितना खर्च आता है, कहां से बीज लें और कैसे अच्छा मुनाफा कमाएं, सब कुछ आसान भाषा में।
आज के समय में जब किसान भाई ज्यादा मुनाफा चाहते हैं, तो मूंगफली की खेती कैसे करें यह सवाल बहुत आम हो गया है। मूंगफली की फसल का खर्च कम है और प्रति एकड़ पैदावार भी बढ़िया मिलती है। सही मौसम, अच्छी मिट्टी और सर्टिफाइड बीज से अगर मूंगफली की बुवाई का समय ठीक पकड़ा जाए, तो किसानों को प्रति एकड़ 8-12 क्विंटल दाना आसानी से मिल जाता है। इस फसल की सबसे खास बात यह है कि ये जमीन की उर्वरता भी बढ़ा देती है, जिससे अगली फसल भी बेहतर होती है।

Moongfali Ki Kheti: जरूरी जानकारी एक नजर में?
टॉपिक | जानकारी (आसान भाषा में) |
---|---|
1. मिट्टी और मौसम | बलुई या दोमट मिट्टी सबसे सही, बुवाई मई-जुलाई में करें |
2. बीज की मात्रा | एक एकड़ के लिए 40-50 किलो सर्टिफाइड बीज चाहिए |
3. खाद और उर्वरक | 5-7 टन गोबर की खाद + DAP/NPK देना फायदेमंद रहता है |
4. सिंचाई का समय | फूल और दाना बनने के वक्त सिंचाई जरूरी होती है |
5. पैदावार प्रति एकड़ | 8 से 12 क्विंटल तक दाना मिल सकता है |
6. खर्च और मुनाफा | 15-20 हजार खर्च, 30-40 हजार तक शुद्ध मुनाफा संभव |
7. बीज ट्रीटमेंट | रोगनाशक दवा से बीज को ट्रीट करना जरूरी होता है |
8. तुड़ाई और भंडारण | पौधे पीले पड़ें तो उखाड़ें, दाने सुखाकर स्टोर करें |
9. कीट व रोग नियंत्रण | सफेद मक्खी, तना छेदक आदि पर समय पर दवाई छिड़कें |
10. बिक्री और मार्केटिंग | मंडी के बजाय सीधे व्यापारी को बेचें तो ज्यादा रेट |
1. मूंगफली की खेती क्यों फायदेमंद है?
मूंगफली की खेती किसानों के लिए मुनाफे का सौदा मानी जाती है। इससे तेल, दाना और चारा , तीनों चीजें मिलती हैं। कम लागत में अच्छी पैदावार और बाजार में बढ़िया दाम मिल जाते हैं।
- मूंगफली तेल, दाना और चारे , तीनों के लिए काम आती है।
- कम पानी में भी अच्छी उपज दे देती है।
- इसकी खेती से जमीन की उर्वरकता बढ़ती है क्योंकि यह नाइट्रोजन भी जोड़ती है।
- एक एकड़ से 8-12 क्विंटल दाना आराम से मिल जाता है।
- बाजार में मांग हमेशा बनी रहती है चाहे तेल मिल हो या लोकल मंडी।
2. मूंगफली की खेती के लिए सही जमीन और मौसम:
मूंगफली उगाने के लिए बलुई या दोमट मिट्टी सबसे सही रहती है। इसमें पानी जमता नहीं, जिससे फसल सड़ने से बच जाती है। गर्म मौसम और सही बारिश से बीज बढ़िया तरीके से अंकुरित होते हैं।
- मूंगफली की खेती के लिए बलुई और दोमट मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है।
- अच्छी जल निकासी होनी चाहिए, पानी रुकेगा तो फसल खराब हो जाएगी।
- मूंगफली के लिए गरम मौसम चाहिए मई से जुलाई बुवाई का सही समय है।
- अगर खरीफ में बोना चाहते हैं तो बारिश शुरू होते ही बुवाई कर दें।
Also read – गांव में स्मार्ट मंडी कैसे मिलेगी? ऐसे समझो जैसे दोस्त समझा रहा हो।
3. बीज की तैयारी और बुवाई:
हमेशा अच्छा और सर्टिफाइड बीज ही खरीदें ताकि उत्पादन अच्छा हो। बुवाई से पहले बीज को दवा से ट्रीट करें ताकि कोई रोग न लगे। सही दूरी पर बुवाई करने से पौधे मजबूत होते हैं।
- बीज हमेशा भरोसेमंद स्रोत से लें कृषि विभाग या सर्टिफाइड एजेंसी से।
- एक एकड़ खेत के लिए करीब 40-50 किलो बीज चाहिए।
- बुवाई से पहले बीज को रोगनाशक दवा से ट्रीट करना जरूरी है इससे बीज सड़ता नहीं।
- कतार से कतार की दूरी 30 से 45 सेमी रखें और पौधे से पौधे की दूरी 10-15 सेमी।
4. खेत की तैयारी:
खेत को भुरभुरा और समतल रखना जरूरी है ताकि नमी सही बनी रहे। 2-3 बार जुताई करके पाटा चला दें तो मिट्टी नरम हो जाएगी। इससे बीज जल्दी अंकुरित होंगे और जड़ें मजबूत बनेंगी।
- बुवाई से पहले खेत को अच्छी तरह से जोत लें और बराबर कर दें।
- 2-3 जुताई कर के पाटा चला दें ताकि मिट्टी भुरभुरी हो जाए।
- खेत समतल रहेगा तो पानी जमा नहीं होगा।
Also read – जैविक खेती को बढ़ावा देने में AI की भूमिका
5. खाद और उर्वरक:
गोबर की खाद मूंगफली के लिए बहुत फायदेमंद होती है। इसके साथ DAP या NPK भी सही मात्रा में डालें तो उत्पादन अच्छा होगा। खाद डालने के बाद हल्की सिंचाई कर दें तो बीज अच्छी तरह फूटेंगे।
- मूंगफली के लिए गोबर की खाद बहुत फायदेमंद है बुवाई से पहले 5-7 टन गोबर की खाद डाल दें।
- इसके अलावा DAP या NPK भी जरूरत के हिसाब से डाल सकते हैं।
- बुवाई के समय हल्की सिंचाई कर दें तो अंकुरण अच्छा होगा।
6. सिंचाई और देखभाल:
मूंगफली को बहुत ज्यादा पानी नहीं चाहिए पर फूल और दाना बनने पर सिंचाई जरूरी है। खेत को खरपतवार से साफ रखें वरना पौधे कमजोर पड़ जाएंगे। कीटों पर नजर रखकर दवाई छिड़कें तो नुकसान नहीं होगा।
- मूंगफली को ज्यादा पानी नहीं चाहिए लेकिन फूल आने और दाना बनने के समय पानी जरूर दें।
- खरपतवार निकालते रहें, वरना फसल कमजोर हो जाएगी।
- कीटों और रोगों पर नजर रखें जैसे सफेद मक्खी, तना छेदक आदि।

7. कब काटें और कैसे भंडारण करें:
जब पौधे पीले होने लगें तो फसल तैयार मानी जाती है। पौधों को उखाड़कर कुछ दिन धूप में सुखा लें। फिर दाने निकालकर सूखी और साफ जगह पर स्टोर करें ताकि नमी से खराब न हों।
- पौधे जब पीले पड़ने लगें और पत्तियां सूखने लगें तो समझो फसल तैयार है।
- जड़ से उखाड़कर 4-5 दिन धूप में सुखा लें।
- दाने निकालकर साफ जगह पर स्टोर करें नमी से बचाकर रखें।
Also read – छोटे किसान को AI कैसे समझाएं? आसान भाषा में पूरी जानकारी।
8. मूंगफली बेचकर कितना मुनाफा होगा?
मूंगफली से किसानों को अच्छी कमाई हो जाती है। एक एकड़ से आराम से 30-40 हजार रुपए का शुद्ध मुनाफा निकल आता है। अगर मंडी के बजाय सीधे व्यापारी को बेचेंगे तो रेट और बढ़ जाता है।
- एक एकड़ से 30-40 हजार रुपए का फायदा आराम से हो सकता है, खर्च निकाल कर भी।
- अगर मंडी के बजाय सीधे तेल मिल या लोकल व्यापारी को बेचते हैं तो दाम और बढ़ सकते हैं।
निष्कर्ष: Moongfali Ki Kheti?
तो दोस्तों, Moongfali Ki Kheti थोड़ी मेहनत से बड़ी कमाई देने वाली खेती है। अगर आप भी कम लागत में अच्छा मुनाफा चाहते हैं, तो अगली बार मूंगफली जरूर लगाएं। सही बीज, सही समय और थोड़ी समझदारी से आप भी अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं। अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी हो तो अपने गांव या दोस्तों में जरूर शेयर करें ताकि ज्यादा से ज्यादा किसान भाई इसका फायदा उठा सकें।
अगर कोई किसान यह सोच रहा है कि मूंगफली बीज कहां से खरीदें या इसमें कौन सी खाद डालें, तो जवाब है नजदीकी कृषि केंद्र से सर्टिफाइड बीज लें और बुवाई से पहले गोबर की खाद और DAP डालें। मूंगफली की पैदावार प्रति एकड़ बढ़ाने के लिए सिंचाई और कीट नियंत्रण जरूरी है। जब फसल तैयार हो जाए तो मूंगफली का मार्केट रेट 2025 में 5000–6000 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच सकता है, और अगर आप सीधे व्यापारी को बेचते हैं, तो मूंगफली खेती से कितना फायदा होता है – इसका जवाब 40 हजार तक का शुद्ध मुनाफा भी हो सकता है।