नमस्कार किसान भाइयों,अगर आप भी टमाटर की खेती करते हो, तो एक बीमारी ज़रूर देखी होगी – झुलसा रोग (Blight)। ये बीमारी टमाटर के पत्तों, तनों और फलों को बर्बाद कर देती है। पौधा ऐसा लगने लगता है जैसे किसी ने आग से जला दिया हो। टमाटर में झुलसा रोग कैसे ठीक करें।
अब सवाल यह है – झुलसा रोग होता क्यों है और इसे ठीक कैसे करें? तो चलिए दोस्त की तरह बताते हैं, एकदम आसान भाषा में।

टमाटर में झुलसा रोग: कारण और समाधान की आसान तरीके?
झुलसा रोग के कारण | उपाय/समाधान |
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1. ज्यादा नमी और बारिश वाला मौसम | पौधों के बीच सही दूरी रखें, खेत में पानी का निकास अच्छा रखें |
2. हर साल एक ही खेत में टमाटर की खेती करना | फसल चक्र अपनाएं – बीच में मटर, गेहूं, सरसों जैसी फसलें लें |
3. पौधों के बीच सही दूरी न रखना | दूरी बनाए रखें ताकि हवा पास हो और पत्ते सूखें |
4. संक्रमित बीज या पौधे का उपयोग | सिर्फ प्रमाणित और स्वस्थ बीज ही लगाएं |
5. खेत में पानी का जमाव या ज्यादा सिंचाई | खेत समतल रखें और जरूरत अनुसार ही पानी दें |
6. रोगग्रस्त पत्तों को न हटाना | जैसे ही बीमारी दिखे, पत्ते तोड़कर जला दें या बाहर फेंक दें |
7. फफूंदनाशक का समय पर इस्तेमाल न करना | Mancozeb, Chlorothalonil या Metalaxyl + Mancozeb का 7-10 दिन पर छिड़काव करें |
8. जैविक उपाय न अपनाना | नीम का तेल (5ml/लीटर) स्प्रे करें, ट्राइकोडर्मा का प्रयोग करें |
9. खेत का नियमित निरीक्षण न करना | हर हफ्ते पत्तों और पौधों की जांच करें |
सबसे पहले समझो – टमाटर में झुलसा रोग होता क्या है?
टमाटर में झुलसा रोग दो तरह का होता है:
- अगेती झुलसा (Early Blight) – यह बीमारी पुराने पत्तों पर गोल, भूरे धब्बों के साथ शुरू होती है। धब्बों के आस-पास पीला रंग दिखता है।
- देरी वाला झुलसा (Late Blight) – यह ज़्यादातर नमी वाले मौसम में फैलता है। पत्तों पर पानी जैसा काला धब्बा और नीचे सफेद फफूंद दिखाई देती है।
झुलसा रोग के लक्षण कैसे पहचानें?
- पत्तों पर भूरे-काले गोल धब्बे बनते हैं।
- पत्ते सूखकर नीचे की ओर झुक जाते हैं।
- तना काला पड़ने लगता है और ऊपर से टूटने लगता है।
- फल काले धब्बों से सड़ने लगते हैं।
- पूरी बेल कमजोर और मुरझाई सी लगती है।
सुझाव: अगर आपके टमाटर के पत्ते अचानक खराब दिखने लगें, तो समय रहते इलाज करना जरूरी है, नहीं तो पूरी फसल खराब हो सकती है।
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टमाटर में झुलसा रोग क्यों होता है?
- ज्यादा नमी और बारिश वाला मौसम।
- एक ही खेत में हर साल टमाटर की खेती करना।
- पौधों के बीच सही दूरी न रखना।
- खेत में पानी जमाव या ज्यादा सिंचाई।
- संक्रमित बीज या पौधे का इस्तेमाल।
टमाटर में झुलसा रोग का इलाज कैसे करें? – आसान और असरदार तरीके।
1. रोगग्रस्त पत्तों को तुरंत हटा दें।
जैसे ही पत्तों पर झुलसा दिखे, उन्हें तोड़कर जला दें या खेत से बाहर फेंक दें। इससे बीमारी फैलती नहीं है।
2. खेत में हवा और रोशनी का ध्यान रखें।
पौधों के बीच सही दूरी रखें ताकि हवा पास हो और पत्ते जल्दी सूखें। नमी कम होगी तो फफूंद नहीं फैलेगी।
3. फफूंदनाशक का सही इस्तेमाल करें।
नीचे दिए गए दवाओं में से कोई एक का 7-10 दिन के अंतर पर छिड़काव करें:
- Mancozeb 75% WP (2.5 ग्राम प्रति लीटर पानी)
- Chlorothalonil 75% WP (2 ग्राम प्रति लीटर पानी)
- Metalaxyl + Mancozeb (2 ग्राम प्रति लीटर पानी)
बोनस टिप: अगर मौसम ज्यादा नमी वाला हो, तो दवा का छिड़काव पहले ही कर दो, ताकि बीमारी को रोका जा सके।
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4. नीम का तेल और जैविक उपाय अपनाएं।
एक लीटर पानी में 5ml नीम का तेल मिलाकर स्प्रे करें। ये फंगस को प्राकृतिक तरीके से मारता है और फसल को नुकसान भी नहीं करता।
5. फसल चक्र अपनाएं।
हर बार टमाटर उगाने की बजाय बीच में कोई दूसरी फसल जैसे – मटर, गेहूं या सरसों लगाएं ताकि फफूंद मिट्टी में ना टिके।
6. खेत का नियमित निरीक्षण करें।
हफ्ते में एक बार जरूर जांच करें कि कहीं कोई पत्ता संक्रमित तो नहीं। शुरुआत में पता चल गया तो इलाज आसान हो जाता है।

झुलसा रोग से बचाव के उपाय – क्योंकि रोकथाम इलाज से बेहतर है।
- सिर्फ स्वस्थ और प्रमाणित बीज ही लगाएं।
- पौधे तैयार करने से पहले नर्सरी की मिट्टी का सैनेटाइजेशन करें।
- खेत में पानी जमा न होने दें।
- हर फसल के बाद खेत की गहरी जुताई करें।
- पौधे लगाते वक्त ट्राइकोडर्मा जैसी जैविक दवाएं मिलाएं।
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टमाटर की अच्छी फसल चाहिए तो झुलसा रोग पर पूरा ध्यान देना जरूरी है।
देखो भाई, झुलसा रोग कोई मामूली चीज नहीं है। ये अगर फैल गया तो आपकी सारी मेहनत पर पानी फिर सकता है। इसलिए शुरुआत से ही सतर्क रहना जरूरी है। सही दूरी, सही सिंचाई, साफ-सफाई और वक्त पर दवा , यही इसके रामबाण इलाज हैं।
आखिरी बात – किसान से किसान की सलाह।
अगर आप टमाटर की खेती से अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हो, तो सबसे पहले इस रोग से बचो। थोड़ा ध्यान रखोगे, समय पर दवा करोगे, और खेत की नियमित निगरानी करोगे तो झुलसा रोग को आने ही नहीं दोगे। और अगर आ भी गया, तो शुरुआत में ही रोक दोगे।
अगर आपको यह जानकारी पसंद आई हो या मददगार लगी हो, तो इसे अपने किसान भाइयों के साथ जरूर शेयर करें।
आज के समय में टमाटर की खेती करने वाले ज्यादातर किसान झुलसा रोग (Blight disease in tomato plant) से परेशान रहते हैं। चाहे बात Early Blight की हो या Late Blight, यह बीमारी टमाटर की पूरी फसल को चौपट कर सकती है। जब टमाटर के पत्ते सूखना शुरू हो जाएं या उन पर फफूंद जैसे काले धब्बे दिखें, तो समझ लीजिए कि टमाटर में फफूंद की बीमारी फैल रही है। ऐसे में समय रहते टमाटर में झुलसा रोग का इलाज करना बेहद ज़रूरी होता है।
इस बीमारी से बचाव के लिए किसानों को चाहिए कि वे टमाटर की बीमारी की पहचान सही समय पर करें और प्राकृतिक या रासायनिक फफूंदनाशक का इस्तेमाल करें। इसके अलावा, टमाटर की फसल बचाने के उपाय जैसे – खेत में नमी नियंत्रण, पौधों की उचित दूरी और फसल चक्र अपनाना बेहद कारगर साबित होते हैं। अगर आप यह सब सावधानी बरतें, तो झुलसा रोग को फैलने से पहले ही रोका जा सकता है।