नमस्कार किसान भाइयों, अगर आप भी सोचते हो कि “खाद तो डाल दी, लेकिन सही डाली या नहीं?”, तो यकीन मानो आप अकेले नहीं हो। ये सवाल हर किसान भाई के मन में आता है। क्योंकि अगर सही फसल में सही खाद नहीं डाली, तो न फसल बढ़िया होगी और न ही मेहनत का फल मिलेगा। कौन सी खाद किस फसल में डालनी चाहिए : आसान और पूरी जानकारी।
तो चलिए आज हम बिल्कुल आसान भाषा में समझते हैं कि कौन सी खाद किस फसल में डालनी चाहिए, ताकि उपज भी बढ़े और मिट्टी की सेहत भी बनी रहे।
सबसे पहले समझो – फसल को क्या चाहिए?
आपको बता दें कि हर फसल को बढ़ने के लिए तीन जरूरी पोषक तत्व चाहिए:
- नाइट्रोजन (N) – पत्तों और हरे भाग के लिए।
- फॉस्फोरस (P) – जड़ और फूल बनने के लिए।
- पोटाश (K) – फलों की गुणवत्ता और रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए।
अब जानते हैं कि किस फसल में कौन-सी खाद का इस्तेमाल कब और कितना करना चाहिए।

1. गेहूं (Wheat)
अगर आप भी एक किसान है तो आपको पता होगा कि गेहूं का उपयोग सबसे ज्यादा होता है क्योंकि गेहूं की फसल तैयार करने में सबसे ज़्यादा नाइट्रोजन की ज़रूरत होती है।
खाद सुझाव:
- DAP (18-46-0): बुवाई के समय।
- यूरिया (46% N): पहली सिंचाई के बाद और फिर जरूरत अनुसार 2 बार।
- म्यूरेट ऑफ पोटाश (MOP): अगर मिट्टी में पोटाश की कमी हो तो।
ज़्यादा यूरिया मत डालना, वरना पत्ते तो खूब निकलेंगे पर दाना कम बनेगा।
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2. धान (Rice)
आपको बता दे कि धान हमारे लिए बहुत उपयोगी है यदि आप चावल के शौक़ीन है तो आप यह रखना है कि धान सबसे ज्यादा पानी में उगने वाली फसल है, तो खाद का बहाव होता है।
खाद सुझाव:
- DAP या सिंगल सुपर फॉस्फेट (SSP): रोपाई के समय।
- यूरिया: तीन बार – रोपाई के 10 दिन बाद, कल्ले निकलने पर और फूल आने से पहले।
- Zinc Sulphate: पानी भरे खेत में ज़िंक की कमी आम होती है।
DAP को गोबर खाद के साथ मिलाकर डालो, असर दोगुना होगा।
3. गन्ना (Sugarcane)
आप लोगों जानते ही होंगे कि गन्ना लंबी अवधि की फसल है, इसको लगातार पोषण चाहिए।
खाद सुझाव:
- गोबर की खाद: खेत तैयार करते समय 10-15 टन/एकड़।
- NPK मिश्रित खाद (15:15:15): बोने के समय।
- यूरिया: 3-4 बार में देना बेहतर रहेगा।
- जिप्सम: मिट्टी में सल्फर की कमी पूरी करता है।
गन्ने में जैविक खाद का उपयोग ज़रूर करें, इससे मिठास और उत्पादन दोनों बढ़ते हैं।
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4. आलू (Potato)
आलू हमारे लिए मुख्य आहार है और यह जड़ वाली फसल है, इसको फॉस्फोरस और पोटाश ज्यादा चाहिए।
खाद सुझाव:
- DAP: बुवाई के साथ।
- MOP (पोटाश): फसल में मोटापा और स्वाद बढ़ाने के लिए।
- यूरिया: हल्की मात्रा में डालें, ज्यादा न डालें वरना सड़न हो सकती है।
सड़ी गोबर खाद जरूर डालें, इससे आलू ज्यादा साफ-सुथरे और टिकाऊ बनते हैं।
5. सरसों (Mustard)
सरसों का तेल हमारे जीवन का मुख्य आहार है और यह कम लागत वाली फसल, लेकिन सही खाद जरूरी है।
खाद सुझाव:
- DAP: बुवाई के समय 40-50 किलो/एकड़।
- यूरिया: फूल आने से पहले।
- बोरोन: दाने ठीक बनने के लिए जरूरी है।
बुवाई से पहले मिट्टी की जांच करवा लें, तभी सही मात्रा में खाद डालना आसान होगा।

6. टमाटर, भिंडी, बैंगन जैसी सब्ज़ियां
इन फसलों को संतुलित पोषण चाहिए।
खाद सुझाव:
- गोबर की खाद: 8-10 टन/एकड़।
- NPK (19:19:19) या (12:32:16): बुवाई के समय और फिर 20-25 दिन के अंतराल पर।
- माइक्रोन्यूट्रिएंट्स (जैसे जिंक, बोरॉन, आयरन): स्प्रे के रूप में।
सब्ज़ियों में ड्रिप के साथ पानी में घुलनशील खाद (WSP) देना ज्यादा असरदार होता है।
7. फलदार पौधे (जैसे आम, नींबू, अमरूद)
आपको बता दें कि धीमी पर स्थाई ग्रोथ होती है।
खाद सुझाव:
- गोबर खाद + नीम की खली: साल में 2 बार डालें मार्च और सितंबर में।
- NPK खाद: पेड़ की उम्र के अनुसार मात्रा तय करें।
- जिंक और बोरोन स्प्रे: फूल आने से पहले ज़रूरी है।
पेड़ के तने से 1.5 फीट की दूरी पर खाद डालें, ताकि जड़ को पूरा पोषण मिले।
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खाद डालने के समय और तरीके कुछ ज़रूरी बातें:
- खेत की मिट्टी की जांच जरूर करवाएं। इससे आपको पता चलेगा कि मिट्टी में कौन-सा पोषक तत्व कम है।
- खाद को एक साथ न डालें, उसे टुकड़ों में दें। इससे पौधे धीरे-धीरे ले पाते हैं।
- बारिश के मौसम में नाइट्रोजन वाली खाद कम ही दें, वरना बह जाती है।
- जैविक और रासायनिक खाद का संतुलन बनाए रखें।
- खेत में कंपोस्ट या वर्मी कम्पोस्ट मिलाना बहुत फायदेमंद रहता है।
निष्कर्ष: सही खाद, सही समय, सही फसल।
तो दोस्तों, अब जब भी अगली बार फसल बोओ, तो यह जरूर सोचो कि “मेरी फसल को असल में चाहिए क्या?” और फिर उसी के अनुसार खाद का चुनाव करो।
सिर्फ खाद डालने से नहीं, सही खाद, सही मात्रा और सही समय से ही खेती में असली फायदा होता है।
आपका खेत भी लहलहाएगा और जेब भी भर जाएगी बस थोड़ी समझदारी और सही जानकारी चाहिए।
अगर ये जानकारी काम की लगी हो तो इसे अपने किसान दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें। और हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।