नमस्कार किसान भाइयों। अगर आप चाहते हैं कि फसल लहलहाए, उपज बंपर हो और जेब पर बोझ कम पड़े, तो सबसे पहले अपनी मिट्टी को समझें। मिट्टी की जांच (Soil Testing) वो चाबी है, जो खेती को आसान और मुनाफे को बढ़िया बनाती है।किसान अच्छी फसल उगाने के लिए मिट्टी परीक्षण कैसे करें? आइए, बोलचाल की भाषा में जानते हैं कि मिट्टी परीक्षण क्या है, क्यों जरूरी है और इसे कैसे करना है।
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मिट्टी परीक्षण क्या है?
सीधे शब्दों में, मिट्टी परीक्षण मतलब आपकी जमीन का “हेल्थ चेकअप”। इसमें मिट्टी का सैंपल लेकर लैब में उसकी ताकत-कमजोरी चेक की जाती है। जैसे:
- मिट्टी का पीएच (pH) मान – ये कितनी अम्लीय या क्षारीय है
- जैविक कार्बन – मिट्टी की उर्वरता का राज
- NPK (नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश) की मात्रा
- जिंक, सल्फर, बोरॉन जैसे छोटे-मोटे पोषक तत्व
इससे पता चलता है कि मिट्टी में क्या कमी है और कौन-सी फसल इसके लिए बेस्ट रहेगी।

मिट्टी परीक्षण क्यों जरूरी है?
- सही फसल चुनें: हर मिट्टी हर फसल के लिए नहीं होती। परीक्षण से पता चलता है कि क्या बोना सही रहेगा।
- खाद की सही डोज: जरूरत से ज्यादा या कम खाद डालने से फसल खराब हो सकती है। परीक्षण से सही मात्रा पता चलती है।
- ज्यादा उपज: मिट्टी को सही पोषण मिले, तो फसल स्वस्थ होगी और पैदावार बढ़ेगी।
- पैसे की बचत: बेकार में खाद और दवाइयों पर खर्च करने की जरूरत नहीं।
- मिट्टी की सेहत: बार-बार जांच से जमीन बंजर होने से बचती है।
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मिट्टी परीक्षण का सही समय
- बुवाई से पहले: रबी या खरीफ सीजन शुरू होने से 45-60 दिन पहले टेस्ट कर लें।
- फसल कटने के बाद: खाद डालने से पहले टेस्ट करना बेस्ट है।
मिट्टी का सैंपल कैसे लें?
मिट्टी का नमूना लेना कोई रॉकेट साइंस नहीं, लेकिन थोड़ी सावधानी चाहिए। चलिए, स्टेप-बाय-स्टेप समझते हैं:
- खेत को बांट लें
- अगर खेत बड़ा है, तो इसे 1-2 एकड़ के हिस्सों में बांट लें।
- हर हिस्से से 5-6 अलग-अलग जगहों से मिट्टी लें।
- खुदाई करें
- सामान्य फसलों के लिए 6 इंच गहरा खोदें। बागवानी के लिए 12 इंच तक।
- “V” आकार में खोदकर बीच की मिट्टी निकालें।
- मिट्टी मिलाएँ
- सभी जगहों से ली गई मिट्टी को एक साफ बाल्टी में डालकर अच्छे से मिक्स करें।
- अब इस मिश्रण से आधा किलो मिट्टी निकालकर प्लास्टिक बैग या डिब्बे में भर लें।
- लेबल लगाएँ
- बैग पर अपना नाम, खेत का नाम, गांव, फसल का नाम और तारीख लिखें। इससे लैब में कोई गड़बड़ी नहीं होगी।
प्रो टिप: गीली मिट्टी न लें। सैंपल लेने से पहले खेत सूखा होना चाहिए।
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मिट्टी परीक्षण कहां कराएं?
मिट्टी टेस्ट करवाने के कई ऑप्शन हैं:
- कृषि विज्ञान केंद्र (KVK): ये सरकारी सेंटर हैं, जहां सस्ते में टेस्टिंग होती है।
- कृषि विभाग की लैब: हर जिले में सरकार की मिट्टी जांच लैब होती है।
- प्राइवेट लैब्स: थोड़ा महंगा, लेकिन जल्दी रिजल्ट मिलता है।
- मोबाइल सॉयल टेस्टिंग वैन: कुछ जगहों पर ये वैन आती हैं, जो खेत पर ही टेस्ट करती हैं।
- ICAR और IFFCO सेंटर: ये भी भरोसेमंद जगह हैं।
अब तो कुछ पोर्टेबल किट और मोबाइल ऐप्स भी आ गए हैं, जिनसे आप घर बैठे मिट्टी टेस्ट कर सकते हैं।
मिट्टी टेस्टिंग रिपोर्ट में क्या मिलता है?
रिपोर्ट में मिट्टी की पूरी कुंडली मिलती है:
- पीएच मान: मिट्टी अम्लीय है या क्षारीय।
- जैविक कार्बन: मिट्टी की उर्वरता का पैमाना।
- NPK: नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश की मात्रा।
- सूक्ष्म पोषक तत्व: जिंक, सल्फर, बोरॉन वगैरह।

मिट्टी टेस्टिंग के बाद क्या करें?
- खाद का सही इस्तेमाल
- अगर नाइट्रोजन कम है, तो यूरिया या गोबर खाद डालें।
- फास्फोरस की कमी हो, तो DAP या SSP का यूज करें।
- जैविक कार्बन बढ़ाने के लिए वर्मी-कम्पोस्ट या ग्रीन मैन्योर डालें।
- फसल चक्र अपनाएँ
- बार-बार एक ही फसल बोने से मिट्टी थक जाती है। चना, गेहूं, बाजरा जैसी फसलों को बारी-बारी बोएं।
- जैविक खाद का कमाल
- गोबर खाद, वर्मी-कम्पोस्ट और सनहेम्प जैसी ग्रीन मैन्योर फसलों से मिट्टी की सेहत बनी रहती है।
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सरकारी मदद: मिट्टी स्वास्थ्य कार्ड योजना
भारत सरकार की मिट्टी स्वास्थ्य कार्ड योजना किसानों के लिए वरदान है। इसके तहत:
- मुफ्त में मिट्टी जांच की सुविधा
- रिपोर्ट के आधार पर खाद और फसल के सुझाव
- नजदीकी KVK या कृषि विभाग से संपर्क करें और इसका फायदा उठाएँ।
निष्कर्ष:किसान अच्छी फसल उगाने के लिए मिट्टी परीक्षण कैसे करें?
मिट्टी की जांच खेती की नींव है। ये न सिर्फ आपको सही फसल चुनने में मदद करती है, बल्कि खर्च बचाती है और मिट्टी को बंजर होने से रोकती है। जैसा कि पुरानी कहावत है – “मिट्टी सही तो खेती सही, खेती सही तो जेब में पैसा सही।”
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