नमस्कार किसान भाइयों आज हम आपको बताएंगे की खाद पर सब्सिडी क्या है खेती किसानी करने वाला हर किसान जानता है कि खाद (Fertilizer) फसल के लिए कितना जरूरी है। अगर खेत में सही मात्रा और समय पर खाद डाल दी जाए तो पैदावार कई गुना बढ़ जाती है।खाद पर सब्सिडी क्या है? पूरी जानकारी लेकिन दिक्कत ये है कि खाद के दाम हर साल ऊपर-नीचे होते रहते हैं।
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और किसानों के लिए अपनी जेब से महंगी खाद खरीद पाना हमेशा आसान नहीं होता। यही वजह है कि सरकार समय-समय पर खाद पर सब्सिडी (Fertilizer Subsidy) देती है, ताकि किसान को सस्ता खाद मिले और उसकी खेती की लागत कम हो।
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अब सवाल उठता है कि आखिर ये खाद पर सब्सिडी होती क्या है, किसान को इससे कैसे फायदा होता है और सरकार किस तरीके से ये सब्सिडी देती है? चल भाई, इस आर्टिकल में मैं तुझे आसान भाषा में सब कुछ समझाता हूँ।
खाद पर सब्सिडी का मतलब क्या है?
सीधी सी बात है। जब कोई प्रोडक्ट महंगा हो और सरकार चाहे कि वो आम जनता, खासकर किसानों को सस्ते में मिले, तो सरकार बीच में आकर उसकी कीमत का कुछ हिस्सा खुद उठाती है। यही हिस्सा सब्सिडी कहलाता है।
मान ले, यूरिया खाद का असली दाम 2000 रुपये प्रति बोरी है। लेकिन सरकार उसमें से 1700 रुपये खुद दे देती है और किसान को सिर्फ 300 रुपये में बोरी मिल जाती है। यानी सरकार की तरफ से जो पैसे दिए जा रहे हैं, वही खाद पर सब्सिडी है।इससे फायदा ये होता है कि किसान को अपनी फसल में पर्याप्त खाद डालने में आसानी रहती है और उसकी खेती की लागत बहुत कम हो जाती है।
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सरकार क्यों देती है खाद पर सब्सिडी?
अब तू सोच रहा होगा कि सरकार इतना पैसा क्यों खर्च करती है? असल में, भारत एक कृषि प्रधान देश है और हमारी अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा खेती से जुड़ा है। अगर किसान को सस्ता खाद नहीं मिलेगा तो वो कम खाद डालेगा, पैदावार घटेगी और फिर अनाज की कमी हो जाएगी।
- खेती की लागत घटाने के लिए :खेती में बीज, पानी, मजदूरी और खाद का बड़ा खर्च होता है। इसमें अगर सरकार मदद करे तो किसान का बोझ कम होता है।
- अनाज की पैदावार बढ़ाने के लिए :सही समय पर और पर्याप्त खाद मिलने से फसल अच्छी होती है और देश में अनाज की कमी नहीं होती।
- किसानों की आय बढ़ाने के लिए: अगर लागत कम होगी तो मुनाफा अपने आप बढ़ जाएगा।
- ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए :खेती अच्छी होगी तो गाँव में पैसा घूमेगा, मजदूरों को काम मिलेगा और बाजार में भी तेजी आएगी।
खाद सब्सिडी किन-किन खादों पर मिलती है?
सरकार कई तरह की खादों पर सब्सिडी देती है। लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा हमेशा यूरिया (Urea) और डीएपी (DAP – Di-Ammonium Phosphate) की होती है।
- यूरिया पर सब्सिडी: भारत में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाली खाद यही है। सरकार इसे बहुत सस्ते दाम पर उपलब्ध कराती है। किसान भाई अक्सर कहते हैं कि “यूरिया तो सरकार का तोहफा है।”
- डीएपी पर सब्सिडी: गेहूँ और धान जैसी फसलों में डीएपी का बहुत इस्तेमाल होता है। सरकार इस पर भी सब्सिडी देती है ताकि किसान इसे आराम से खरीद सके।
- पोटाश और एनपीके (NPK) खाद: इन पर भी सब्सिडी मिलती है, लेकिन ये कंपनियों और मार्केट पर निर्भर करता है।
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खाद सब्सिडी कैसे मिलती है?
अब एक अहम सवाल सरकार ये सब्सिडी किसान को देती कैसे है?असल में, सरकार सीधे किसान को पैसे नहीं देती। बल्कि ये सब्सिडी खाद बनाने वाली कंपनियों को दी जाती है। कंपनी असली दाम से सस्ता करके खाद किसानों को देती है और बाद में उस अंतर की भरपाई सरकार से कर लेती है।
आजकल तो सरकार ने इसमें और पारदर्शिता लाने के लिए DBT (Direct Benefit Transfer) System भी लागू कर दिया है। यानी जब किसान खाद खरीदता है, तो उसकी जानकारी तुरंत सरकार तक पहुँच जाती है और सब्सिडी की रकम सीधे कंपनी को ट्रांसफर हो जाती है।
किसानों को खाद सब्सिडी से क्या फायदा है?
फायदा | जानकारी |
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कम लागत में खेती | सरकार सब्सिडी देकर खाद सस्ती उपलब्ध कराती है, जिससे किसानों का उत्पादन खर्च कम हो जाता है। |
ज्यादा मुनाफा | जब लागत कम होती है तो फसल बेचने पर किसान को ज्यादा मुनाफा मिलता है। |
आसानी से उपलब्धता | सब्सिडी वाले खाद की सप्लाई सरकार तय करती है, जिससे किसानों को समय पर खाद मिल सके। |
खेती का विस्तार | कम खर्च में खाद मिलने से किसान ज्यादा जमीन पर खेती कर पाते हैं। |
उत्पादन में बढ़ोतरी | सही मात्रा और समय पर खाद मिलने से फसल की पैदावार बेहतर होती है। |
छोटे किसानों को राहत | जिनके पास कम जमीन और पूंजी है, उन्हें यह सब्सिडी बहुत मदद करती है। |
खाद की गुणवत्ता | सब्सिडी के तहत मिलने वाली खाद आमतौर पर प्रमाणित और अच्छी गुणवत्ता वाली होती है। |
किसानों पर कर्ज का बोझ कम | कम दाम पर खाद मिलने से किसानों को कर्ज लेने की जरूरत कम पड़ती है। |
- कम दाम पर खाद मिलती है : किसान सस्ता खाद खरीद पाता है।
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- खेती की लागत घटती है : खाद का खर्च कम हो जाने से कुल लागत भी घट जाती है।
- फसल अच्छी होती है :सही मात्रा में खाद मिलने से पैदावार बढ़ जाती है।
- किसानों की आय बढ़ती है :कम लागत और ज्यादा पैदावार का सीधा असर किसान की जेब पर पड़ता है।
- देश की खाद्य सुरक्षा मजबूत होती है: जब किसान सही तरीके से खेती करेगा तो देश में अनाज की कोई कमी नहीं होगी।

खाद पर सब्सिडी से जुड़ी चुनौतियाँ
जहाँ फायदे हैं, वहीं कुछ चुनौतियाँ भी हैं। कई बार देखा गया है कि कुछ किसान जरूरत से ज्यादा यूरिया का इस्तेमाल करने लगते हैं क्योंकि वो सस्ती मिलती है। इससे मिट्टी की सेहत खराब हो जाती है।
दूसरी दिक्कत ये है कि सब्सिडी पर सरकार का खर्च बहुत बढ़ जाता है। हर साल सरकार खरबों रुपये सिर्फ खाद पर सब्सिडी देने में खर्च करती है। अगर ये पैसा सही तरह से इस्तेमाल न हो तो देश की अर्थव्यवस्था पर भी बोझ पड़ सकता है।
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आगे सरकार क्या कर रही है?
सरकार अब कोशिश कर रही है कि सब्सिडी का फायदा सिर्फ असली किसानों तक पहुँचे। इसके लिए आधार कार्ड से लिंक व्यवस्था, DBT सिस्टम और पॉइंट ऑफ सेल मशीनें दुकानों पर लगाई गई हैं। साथ ही, सरकार अब किसानों को जैविक खाद और प्राकृतिक खेती की तरफ भी बढ़ावा दे रही है, ताकि मिट्टी की उर्वरता बनी रहे और सब्सिडी पर होने वाला ज्यादा खर्च भी कम हो।
खाद पर सब्सिडी से जुड़े 5 FAQs
1. किसानों को खाद पर सब्सिडी क्यों दी जाती है?
खाद पर सब्सिडी इसलिए दी जाती है ताकि किसानों को उर्वरक (Fertilizer) सस्ते दाम पर मिल सके। सरकार असली कीमत का बड़ा हिस्सा खुद देती है और किसान को कम पैसे देने पड़ते हैं। इससे खेती की लागत घटती है और किसानों की आमदनी बढ़ती है।
2. खाद की सब्सिडी कौन तय करता है?
भारत सरकार का कृषि मंत्रालय और वित्त मंत्रालय मिलकर सब्सिडी की राशि तय करते हैं। हर साल किसानों की जरूरत, खाद की उपलब्धता और अंतरराष्ट्रीय बाजार की कीमत देखकर सब्सिडी की दर तय की जाती है।
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3. किसानों को खाद पर सब्सिडी कैसे मिलती है?
किसानों को सीधे पैसे नहीं मिलते, बल्कि जब वे खाद खरीदते हैं तो दुकानदार उन्हें सब्सिडी दर पर देता है। बाकी का पैसा सरकार कंपनी को देती है। इस सिस्टम को DBT (Direct Benefit Transfer) कहा जाता है।
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4. क्या सभी प्रकार की खाद पर सब्सिडी मिलती है?
सबसे ज्यादा सब्सिडी यूरिया पर दी जाती है क्योंकि यह खेती में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होती है। इसके अलावा DAP, MOP और NPK जैसी खादों पर भी सरकार सब्सिडी देती है, लेकिन सब्सिडी की दरें अलग-अलग होती हैं।
5. क्या खाद की सब्सिडी हर किसान को मिलती है?
हाँ, खाद की सब्सिडी सभी किसानों को मिलती है। इसके लिए किसान का रजिस्ट्रेशन जरूरी है और खरीदते समय किसान का आधार कार्ड या किसान पहचान पत्र दिखाना होता है।
5 रोचक फैक्ट्स: खाद पर सब्सिडी
- भारत सरकार हर साल लगभग 2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा खाद सब्सिडी पर खर्च करती है।
- भारत में यूरिया सबसे ज्यादा सब्सिडी वाली खाद है और किसान इसे सबसे सस्ते दाम में पाते हैं।
- दुनिया के गिने-चुने देशों में से एक भारत है जहाँ किसानों को इतनी बड़ी मात्रा में खाद पर सब्सिडी दी जाती है।
- पहले किसानों को खाद के लिए लंबी लाइन में लगना पड़ता था, लेकिन अब POS मशीन और आधार वेरिफिकेशन से ये काम तुरंत होता है।
- सरकार अब Nano Urea जैसी नई तकनीक पर भी सब्सिडी दे रही है, जिससे कम मात्रा में ज्यादा असर होता है।
निष्कर्ष:खाद पर सब्सिडी क्या है? पूरी जानकारी
तो भाई, अब तू समझ गया होगा कि खाद पर सब्सिडी क्या है और ये क्यों दी जाती है। असल में ये सिर्फ एक आर्थिक मदद नहीं बल्कि सरकार की तरफ से किसानों को दिया गया सहारा है। इससे खेती की लागत कम होती है, पैदावार बढ़ती है और देश की खाद्य सुरक्षा मजबूत होती है।