dhaniya ki kheti से अधिक पैदावार कैसे ले सकते है – पूरी जानकारी आसान भाषा में

किसान भाइयों को मेरा प्रणाम, अगर आप एक किसान हैं या खेती में दिलचस्पी रखते हैं, तो आपने जरूर सोचा होगा कि dhaniya ki kheti से अधिक पैदावार कैसे ले सकते है। धनिया (Coriander) एक ऐसी फसल है जिसकी मांग हमेशा बनी रहती है – चाहे वह हरी पत्तियों के रूप में हो या सूखे बीजों के रूप में। इसका सही तरीके से उत्पादन करके आप कम ज़मीन में भी अच्छी कमाई कर सकते हैं। लेकिन इसके लिए कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है।

इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि कैसे आप धनिया की खेती में अधिक उत्पादन ले सकते है वो भी बिल्कुल आसान भाषा में।

dhaniya ki kheti से अधिक पैदावार कैसे ले सकते है – पूरी जानकारी आसान भाषा में

1.आप सही मौसम का चुनाव करें

धनिया ठंडे मौसम की फसल है। इसकी बुआई अक्टूबर से नवंबर तक करना सबसे उपयुक्त माना जाता है। यदि आप समय पर बुवाई करते हैं, तो पौधे की बढ़त बहुत अच्छी होती है और बीज भी भरपूर आते हैं। बहुत ज्यादा ठंड या बारिश इसकी फसल को नुकसान पहुंचा सकती है।

धनिया की खेती से अधिक पैदावार कैसे ले?

अगर आप भी यह सोचते हैं कि धनिया का उत्पादन कैसे बढ़ाएं, तो सबसे जरूरी है कि आप इसकी शुरुआत सही मौसम और बीज चयन से करें। धनिया की फसल कब बोनी चाहिए इसका जवाब है अक्टूबर से नवंबर का महीना। धनिया की खेती की जानकारी रखने वाले किसान जानते हैं कि बुआई में देरी या गलत मौसम फसल को नुकसान पहुंचा सकता है। बुवाई से पहले खेत की अच्छी तरह से जुताई करें और धनिया की बुआई कैसे करें यह सीख लें – जैसे बीज को दो भागों में तोड़ना और 30×10 सेमी की दूरी रखना। साथ ही, बीज उपचार और रोग-प्रतिरोधक किस्मों का इस्तेमाल करें ताकि शुरुआत से ही धनिया की खेती से अधिक पैदावार मिले।

टॉपिकविवरण
धनिया की बुआईअक्टूबर-नवंबर में करें, बीज को दो भागों में तोड़कर बोएं।
बीज की दूरीकतार में 30 सेमी और पौधों में 10 सेमी की दूरी रखें।
मिट्टी और pH मानदोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त, pH मान 6 से 7 के बीच हो।
सिंचाईपहली सिंचाई 7 दिन बाद, फिर हर 15-20 दिन में हल्की सिंचाई करें।
खाद का प्रयोग15-20 क्विंटल गोबर की खाद, 40-20-20 NPK उर्वरक प्रति एकड़ डालें।
बीज की किस्मेंराजेंद्र स्वर्णा, आरसीआर 41, धनिया सुपर जैसी प्रमाणित किस्में लगाएं।
कीट और रोग नियंत्रणनीम तेल या Dimethoate/Imidacloprid का छिड़काव करें (जरूरत अनुसार)।
खरपतवार नियंत्रण20-25 दिन में निराई-गुड़ाई करें, Pendimethalin का उपयोग करें।
हरी पत्तियों की कटाईपहली कटाई 30-40 दिन में, फिर हर 10-15 दिन में करें।
इंटरक्रॉपिंगगेहूं, चना, मैथी के साथ धनिया लगाकर ज़मीन का बेहतर उपयोग करें।

2. उपयुक्त ज़मीन और मिट्टी का चयन

धनिया की अच्छी पैदावार के लिए दोमट मिट्टी सबसे बेहतर मानी जाती है दोमट मिट्टी को अच्छा इसलिए मना जाता है क्यों कि इसमें पानी जल्दी सुख जाता है और साथ ही ज़मीन का pH मान 6 से 7 के बीच होनी चाहिए। खेत को अच्छी तरह से जोतकर भुरभुरा बनाएं ताकि बीज अच्छे से अंकुरित हो सकें।

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3. बीज की क्वालिटी और ट्रीटमेंट जरूर देखे

धनिया की खेती से अधिक पैदावार लेने के लिए अच्छे बीज का चुनाव। बीज हमेशा प्रमाणित और रोग-प्रतिरोधक किस्मों से लें जैसे ‘राजेंद्र स्वर्णा’, ‘आरसीआर 41’, या ‘धनिया सुपर’ आदि।बीज को बुवाई से पहले फफूंदनाशक (Trichoderma या थायरम) से उपचार जरूर करें। इससे फसल में रोग कम लगते हैं और उत्पादन ज्यादा होता है।

4. बीज की बुआई कैसे करें?

धनिया की बुवाई ड्रिल विधि से करना सबसे अच्छा रहता है। बीजों को दो भागों में तोड़कर बोना चाहिए ताकि अंकुरण बेहतर हो। कतार से कतार की दूरी 30 सेंटीमीटर और पौधे से पौधे की दूरी 10 सेंटीमीटर रखें। प्रति एकड़ लगभग 10-12 किलो बीज पर्याप्त होता है।

5. सिंचाई का सही समय और तरीका

धनिया की फसल को बहुत ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती, लेकिन समय पर सिंचाई जरूरी है। पहली सिंचाई बुवाई के 7 दिन बाद करें, फिर हर 15-20 दिन पर हल्की सिंचाई करते रहें। ध्यान रखें ,पानी का ठहराव ना हो वरना जड़ सड़ सकती है।

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6. खाद और उर्वरक का संतुलित उपयोग

धनिया में कौन सी खाद डालें यह सवाल अक्सर किसान भाइयों के मन में आता है, और इसका आसान जवाब है संतुलित मात्रा में गोबर की खाद और NPK उर्वरक का सही अनुपात। धनिया की सिंचाई समय-समय पर हल्की करें, ताकि मिट्टी में नमी बनी रहे लेकिन पानी ठहरे नहीं। साथ ही, धनिया की फसल में कीट नियंत्रण भी उतना ही जरूरी है – इसके लिए नीम तेल या हल्के रासायनिक छिड़काव अपनाएं। जो किसान कम लागत में ज्यादा पैदावार चाहते हैं, वे इंटरक्रॉपिंग का तरीका अपनाएं और साथ ही खरपतवार नियंत्रण का भी ध्यान रखें। ये सारी बातें मिलकर आपकी धनिया की खेती को ज्यादा लाभदायक बना सकती हैं।

  • बुवाई से पहले गोबर की खाद (15-20 क्विंटल प्रति एकड़) ज़रूर मिलाएं।
  • साथ में NPK उर्वरक का भी संतुलित उपयोग करें – 40 किग्रा नाइट्रोजन, 20 किग्रा फॉस्फोरस और 20 किग्रा पोटाश प्रति एकड़।
  • नाइट्रोजन को दो बार में दें – एक हिस्सा बुवाई के समय और दूसरा 30 दिन बाद।

7. खरपतवार नियंत्रण (Weed Control)

खरपतवार धनिया की फसल में पोषक तत्वों की चोरी करते हैं, जिससे उत्पादन घटता है। बुवाई के 20-25 दिन बाद निराई-गुड़ाई जरूर करें। अगर ज्यादा खरपतवार हों तो Pendimethalin जैसे शाकनाशकों का छिड़काव किया जा सकता है।

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8. रोग और कीट नियंत्रण

  • धनिया में झुलसा रोग, पत्तियों का पीला होना और कीट जैसे एफिड्स (Aphids) का हमला आम होता है।
  • जैविक विकल्पों में नीम तेल का छिड़काव करें।
  • रासायनिक कीटनाशकों में Dimethoate या Imidacloprid का हल्का छिड़काव करें लेकिन सावधानी के साथ।
  • रोगों से बचाने के लिए फसल चक्र अपनाएं और बीज उपचार न भूलें।

9. कटाई और उपज बढ़ाने की तरकीब

धनिया की कटाई तब करें जब पौधे पूरी तरह से सूखने लगे और बीज पकने लगें। देर करने से बीज झड़ सकते हैं और नुकसान हो सकता है।अगर आप केवल हरी पत्तियों के लिए उगा रहे हैं तो 30-40 दिन में पहली कटाई हो सकती है और फिर हर 10-15 दिन में।

10. बोनस टिप: इंटरक्रॉपिंग से बढ़ाएं मुनाफा

धनिया को आप दूसरी फसलों जैसे गेहूं, चना या मैथी के साथ भी उगा सकते हैं। इससे ज़मीन का बेहतर उपयोग होता है और मुनाफा भी दोगुना हो सकता है।

निष्कर्ष: dhaniya ki kheti से अधिक पैदावार कैसे ले सकते है

अगर आप सोच रहे हैं कि dhaniya ki kheti से अधिक पैदावार कैसे ले सकते है, तो इसके लिए आपको बस कुछ बेसिक बातों का ध्यान रखना है – जैसे सही बीज, समय पर सिंचाई, उचित खाद, खरपतवार नियंत्रण और रोग प्रबंधन।

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