नमस्कार किसान भाइयों, बरसात का मौसम आते ही हर किसान के दिमाग में एक ही सवाल होता है कौन सी फसल बोई जाए जो ज्यादा पानी में भी अच्छा उत्पादन दे और नुकसान से बचाए? बरसात में सही फसल चुनना और सही तरीके अपनाना आपकी मेहनत को दोगुना फायदा दे सकता है। बरसात में किसानों के लिए बेस्ट फसलें: फायदा कमाएं, नुकसान से बचें।
बरसात में खेती के तरीके अपनाते समय खेत की तैयारी और पानी निकासी पर खास ध्यान दें। बरसात में फसल की देखभाल के लिए ऊँची मेंड़ बनाना, नालियां तैयार करना और बीज का उपचार करना जरूरी है। बरसात में खेती के देसी तरीके जैसे नीम का घोल या प्याज-लहसुन का पेस्ट छिड़कने से कीट नियंत्रण आसानी से हो जाता है। जैविक खाद का इस्तेमाल बरसात में फसल को मजबूती देता है और मिट्टी की उर्वरता बढ़ाता है। बरसात में जैविक खेती अपनाने से न केवल फसल की क्वालिटी बढ़ती है बल्कि बाजार में अच्छा दाम भी मिलता है। बरसात में मूंग की खेती और सोयाबीन की खेती तेजी से तैयार होकर किसानों को जल्दी मुनाफा देती हैं, जिससे यह मौसम कमाई का सुनहरा मौका बन सकता है।
इस लेख में हम बरसात की बेस्ट फसलों, उनकी देखभाल, और देसी नुस्खों की बात करेंगे ताकि आपका खेत हरा-भरा रहे और जेब भरी रहे।
बिंदु | विवरण |
मौसम | बरसात (जून से सितंबर) |
चुनौतियां | ज्यादा पानी, कीड़े-मकोड़े, फफूंदी, जड़ सड़ना |
लक्ष्य | ऐसी फसलें चुनना जो पानी सहन करें और अच्छा मुनाफा दें |

समस्या: बरसात में खेती की मुश्किलें
बरसात में खेती करना आसान नहीं है। ज्यादा बारिश से खेत में पानी भर जाता है, जिससे फसल की जड़ें सड़ सकती हैं। कीड़े-मकोड़े और फफूंदी भी तेजी से फैलती है, जो फसल को नुकसान पहुंचाती है। अगर खेत में पानी निकासी की व्यवस्था न हो, तो बीज, खाद, और मेहनत सब बर्बाद हो सकता है। लेकिन सही फसल और देखभाल से इन समस्याओं से बचा जा सकता है।
मुश्किल | प्रभाव | उदाहरण |
ज्यादा पानी | जड़ सड़ना, फसल खराब होना | धान के अलावा कई फसलें पानी में गल जाती हैं |
कीड़े-मकोड़े | पत्तों को नुकसान, कम पैदावार | सफेद मक्खी, फफूंदी |
खराब निकासी | खेत में पानी जमा होना | फसल की ग्रोथ रुकना |
बरसात की बेस्ट फसलें और उनकी खासियत।
बरसात में कुछ फसलें ऐसी हैं जो ज्यादा पानी और नमी में भी अच्छा उत्पादन देती हैं। नीचे कुछ फसलों के नाम और उनकी खासियत दी गई है:
फसल | खासियत | बुआई का समय | उपयुक्त मिट्टी |
धान | ज्यादा पानी में बढ़िया, अच्छा दाम | जून-जुलाई | चिकनी मिट्टी |
मक्का | कम पानी में अच्छा, जल्दी तैयार | जून-जुलाई | दोमट, रेतीली मिट्टी |
सोयाबीन | जल्दी तैयार, ज्यादा मुनाफा | जून-मध्य जुलाई | हल्की दोमट मिट्टी |
अरहर (तूर) | मिट्टी को उपजाऊ बनाए, लंबी फसल | जून-जुलाई | सभी प्रकार की मिट्टी |
बाजरा | कम पानी में भी अच्छा, जल्दी तैयार | जून-जुलाई | रेतीली, दोमट मिट्टी |
मूंग | छोटी अवधि, मिट्टी को नाइट्रोजन देता है | जुलाई | हल्की मिट्टी |
टिप: अपने क्षेत्र की मिट्टी और मौसम के हिसाब से फसल चुनें। स्थानीय कृषि केंद्र से फसल की उन्नत किस्मों (जैसे IR-64 धान या Pusa-1121) के बारे में पूछें.
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प्रैक्टिकल और देसी उपाय:
बरसात में फसल को बचाने के लिए कुछ आसान और देसी उपाय अपनाएं:
- खेत की तैयारी: खेत की अच्छे से जुताई करें। ऊँची मेंड़ (8-10 इंच) या बेड बनाएं ताकि पानी जमा न हो। नाली बनाकर पानी निकासी सुनिश्चित करें।
- बीज उपचार: बीज को बोने से पहले Trichoderma (जैविक फंगसनाशक) में 12 घंटे भिगोएं। इससे फफूंदी से बचाव होगा।
- कीट नियंत्रण:
- 5 लीटर पानी में 1 किलो नीम की पत्तियां उबालकर छिड़काव करें।
- 1 लीटर पानी में 100 ग्राम प्याज और 50 ग्राम लहसुन का पेस्ट मिलाकर छिड़कें।
- खाद का उपयोग: जैविक खाद (गोबर खाद) और वर्मीकम्पोस्ट का उपयोग करें। रासायनिक खाद का कम इस्तेमाल करें।
उपाय | कैसे करें | लाभ |
ऊँची मेंड़ | 8-10 इंच ऊँचे बेड बनाएं | पानी जमा होने से रोकता है |
बीज उपचार | Trichoderma में भिगोएं | फफूंदी और बीमारी से बचाव |
नीम का घोल | 1 किलो पत्ती + 5 लीटर पानी | कीड़े-मकोड़े भगाए |
नाली बनाएं | खेत के चारों ओर नाली | पानी निकासी आसान |
स्थानीय किसानों की सलाह:
हमारे गाँव के अनुभवी किसान मुरारी भाई कहते हैं, बरसात में एक ही फसल पर दांव मत लगाओ। धान के साथ-साथ मक्का, सोयाबीन या मूंग भी बोओ। अगर एक फसल खराब हो तो दूसरी से नुकसान पूरा हो जाएगा। हमेशा स्थानीय किसानों या कृषि विशेषज्ञ से सलाह लें।
सलाह | क्यों जरूरी |
मिश्रित खेती | जोखिम कम, फायदा ज्यादा |
स्थानीय सलाह | क्षेत्र के हिसाब से सही फसल और तकनीक |
सक्सेस स्टोरी: सुनील भाई की कामयाबी
रमेश भाई (उत्तर प्रदेश) ने पिछले साल अपने 2 एकड़ खेत में आधा हिस्सा धान (IR-64) और आधा हिस्सा सोयाबीन (JS-335) लगाया। उन्होंने ऊँची मेंड़ बनाई और नीम के घोल का इस्तेमाल किया। भारी बारिश के बावजूद उनकी फसल बची रही। धान की पैदावार 20 क्विंटल/एकड़ और सोयाबीन 10 क्विंटल/एकड़ हुई। कुल मिलाकर उन्होंने 70,000 रुपये का मुनाफा कमाया। उनकी सलाह है, “सही फसल और सही तरीके से बरसात में भी अच्छी कमाई हो सकती है।”
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विवरण | सुनील भाई का अनुभव |
खेत का आकार | 2 एकड़ |
फसलें | धान (IR-64), सोयाबीन (JS-335) |
पैदावार | धान: 20 क्विंटल/एकड़, सोयाबीन: 10 क्विंटल/एकड़ |
मुनाफा | 70,000 रुपये |

छोटे सवाल-जवाब (FAQ)
सवाल | जवाब |
बरसात की सबसे अच्छी फसल? | धान, मक्का, सोयाबीन, मूंग — मिट्टी और पानी के हिसाब से चुनें। |
कीड़े कैसे रोकें? | नीम का घोल, प्याज-लहसुन का पेस्ट छिड़कें। |
खेत में ज्यादा पानी भर जाए तो? | ऊँची मेंड़ और नाली बनाकर पानी निकालें। |
जैविक दवा कहाँ मिलेगी? | स्थानीय कृषि केंद्र या सहकारी समिति से। |
धान के अलावा और क्या बोया जा सकता है? | मक्का, सोयाबीन, बाजरा, अरहर, मूंग। |
बरसात में खाद का उपयोग? | जैविक खाद (वर्मीकम्पोस्ट) और कम रासायनिक खाद। |
निष्कर्ष: मेहनत का फल और भाईचारा।
किसान भाइयों, बरसात में सही फसल और देसी नुस्खों से आप अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। खेत को तैयार करें, सही फसल चुनें, और स्थानीय सलाह लें। अगर कोई सवाल हो तो अपने नजदीकी कृषि केंद्र या हमारे WhatsApp ग्रुप में पूछें। इस लेख को अपने दोस्तों और किसान ग्रुप में शेयर करें ताकि सबको फायदा हो। आइए, मिलकर खेती को और बेहतर बनाएं।
बरसात में खेती करने वाले किसान भाइयों के लिए सही फसल का चुनाव बहुत जरूरी है, क्योंकि इस मौसम में ज्यादा पानी और नमी फसल के लिए चुनौती बन सकती है। बरसात की बेस्ट फसलें जैसे धान, मक्का, सोयाबीन और मूंग ज्यादा पानी सहन करने के साथ अच्छी पैदावार भी देती हैं। बरसात में बोने वाली फसल चुनते समय अपने क्षेत्र की मिट्टी और मौसम का ध्यान रखें। बरसात में धान की खेती चिकनी मिट्टी में बेहतरीन होती है, जबकि मक्का और सोयाबीन दोमट मिट्टी में अच्छा उत्पादन देती हैं। अगर आप बरसात में मुनाफे वाली फसल चाहते हैं तो मिश्रित खेती का तरीका अपनाएं, इससे एक फसल खराब होने पर दूसरी से नुकसान की भरपाई हो जाएगी।