Masoor ki kheti से अधिक लाभ कैसे लें?

किसान भाइयों को मेरा नमस्कार आज हम लोग इस लेख में इस बात पर चर्चा करेंगे कि मसूर की खेती क्या है और इससे किसान भाइयों को क्या लाभ होता हैं। Masoor ki kheti से अधिक लाभ कैसे लें? मसूर की खेती भारत में रबी मौसम की प्रमुख दलहनी फसल है। यह प्रोटीन का अच्छा स्रोत होती है और मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने में भी मदद करती है।

आइए जानते हैं कि मसूर की खेती के बारे में महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विस्तार से जानते हैं।

Masoor ki kheti से अधिक लाभ कैसे लें?
Masoor ki kheti से अधिक लाभ कैसे लें?

1. मसूर की खेती के लिए अनुकूल जलवायु:

मसूर ठंडी जलवायु वाली फसल है इसे 18-25 डिग्री सेल्सियस तापमान की आवश्यकता होती है।अधिक ठंड और पाला लगने से फसल को नुकसान हो सकता है। और कम वर्षा वाले क्षेत्रों में भी इसकी अच्छी उपज ली जा सकती है।

मसूर की खेती के जरूरी बिंदु: सारांश तालिका?

बिंदुजानकारी
फसल का नाममसूर (Lens culinaris)
मौसमरबी
तापमान18-25°C
मिट्टीदोमट मिट्टी
बुवाई समयअक्टूबर-नवंबर
बीज दर35-40 किलो/हेक्टेयर
उर्वरक20-25 किलो N, 40-50 किलो P
उपज12-15 क्विंटल/हेक्टेयर
खास बातमिट्टी की उर्वरता बढ़ती है

2. मिट्टी एवं खेत की तैयारी:

मसूर की खेती के लिए दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है।इसकी खेती करने के लिए खेत की अच्छे से जुताई कर उसे भुरभुरा बना लेना चाहिए।· जल निकासी की सही व्यवस्था होनी चाहिए ताकि पानी रुके नहीं।

3. उन्नत किस्में:

  • · कुछ प्रमुख उन्नत किस्में हैं: एल. 9, पूसा वैभव, आईपीएल 316, मालवीय मसूर 3 आदि।
  • · किसान भाइयों को यह समझना जरूरी है कि क्षेत्र की जलवायु के अनुसार बीज का चयन करना उनके लिए लाभदायक होगा।

4. बुवाई का समय और तरीका:

मसूर की खेती करने वाले किसान भाई अक्सर यह सोचते हैं कि मसूर की खेती कब करें, मसूर की बुवाई का सही समय, मसूर की उन्नत किस्में, और मसूर की खेती से कितना मुनाफा होता है ऐसे सवालों के जवाब सही तरीके से मिल जाएं तो अच्छी उपज मिल सकती है। अगर आप भी masoor ki kheti ka tarika, masoor ki kheti kaise karein, या फिर masoor ki kheti se adhik labh kaise lein जैसे keywords खोजते हैं तो आप बिल्कुल सही जानकारी पढ़ रहे हैं।

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· मसूर की बुवाई अक्टूबर से नवंबर के बीच करनी चाहिए।

· बीज को 3-4 सेमी गहराई में बोना चाहिए और पंक्तियों के बीच 25-30 सेमी की दूरी रखनी चाहिए।

· एक हेक्टेयर में 35-40 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है।

5. खाद एवं उर्वरक प्रबंधन:

· खेत में 20-25 किलोग्राम नाइट्रोजन और 40-50 किलोग्राम फॉस्फोरस डालना चाहिए।· जैविक खाद का प्रयोग करने से फसल की गुणवत्ता और मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है।

6. सिंचाई प्रबंधन:

· मसूर की फसल को अधिक पानी की आवश्यकता नहीं होती। इसके लिए हल्की सिंचाई बुवाई के समय और फूल व फल बनने की अवस्था में करनी चाहिए।

7. खरपतवार नियंत्रण:

· मसूर की खेती में खरपतवार नियंत्रण बहुत जरूरी है।और शुरुआती 30-40 दिनों में निराई-गुड़ाई करनी चाहिए।

· फ्लूक्लोरालिन या पेंडीमिथालिन जैसे खरपतवारनाशकों का उपयोग किया जा सकता है।

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8. रोग एवं कीट नियंत्रण:

· उकठा रोग (विल्ट), चूर्णिल आसिता (पाउडरी मिल्ड्यू) और फफूंदजनित रोग मुख्य रूप से फसल को प्रभावित करते हैं।

· बीज को थीरम या कार्बेन्डाजिम से उपचारित करके बुवाई करनी चाहिए।

· हानिकारक कीटों को नियंत्रित करने के लिए जैविक उपाय अपनाने चाहिए।

9. कटाई और उपज:

· फसल 110-120 दिनों में पककर तैयार हो जाती है।

· जब पत्तियां पीली पड़ने लगें और फलियां सूखने लगें, तब फसल की कटाई करनी चाहिए।

· मसूर की अच्छी खेती करने पर प्रति हेक्टेयर 12-15 क्विंटल तक उपज मिल सकती है।

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10. मसूर की खेती के फायदे:

· यह मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने में मदद करती है।

· इसकी मांग बाजार में हमेशा बनी रहती है, जिससे किसानों को अच्छा मुनाफा मिलता है।

· मसूर में भरपूर मात्रा में प्रोटीन होने के कारण यह स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है।

· यदि किसान भाई सही तकनीकों का पालन है तो मसूर की खेती से अच्छी पैदावार ली जा सकती है और किसानों की आय बढ़ सकती है।

मसूर की खेती कब और कैसे करें: आसान तरीका जानिए

अगर आप यह जानना चाहते हैं कि मसूर की खेती कब और कैसे करें या फिर मसूर की खेती का तरीका क्या है, तो आप बिल्कुल सही जगह पर हैं। आज के समय में मसूर की खेती एक लाभदायक व्यवसाय बन चुका है, खासकर उन किसानों के लिए जो कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमाना चाहते हैं। सही समय पर बुवाई, उन्नत किस्म के मसूर के बीज का चयन और आधुनिक तकनीकों का उपयोग करके आप भी मसूर की खेती से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। इस लेख में हमने आपको masoor ki kheti ka tarika, masoor ki kheti me labh kaise lein, और इससे जुड़ी हर जरूरी जानकारी आसान भाषा में दी है, ताकि आप इस फसल को उगाकर अपनी आमदनी को दोगुना कर सकें।

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