प्रणाम किसान भाइयों , जैसा कि आप जानते है कि भारत के लोगों धान की खेती करके अच्छा मुनाफा कमाते है दोस्तों , धान सिर्फ एक फसल नहीं बल्कि करोड़ों किसानों की मेहनत और जीवनयापन का एक रास्ता है हर साल किसान भाइयों के मन में एक ही सवाल रहता है कि इस साल धान की कीमत क्या होगी वैसे आपको जानकारी के लिए बता दूँ कि इस बार मौसम , सरकार की नीतियों और वैश्विक बाजार के असर से धान की कीमतों मे उतार चढ़ाव देखने को मिलेगा। तो दोस्तों आज हम इसी टॉपिक पर बात करेंगे कि धान का भाव 2025 में कितना चल रहा है।

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धान का भाव 2025 में कितना चल रहा है? – से जुड़े कुछ सवाल
सवाल | जवाब |
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धान का MSP 2025-26 कितना है? | ₹2,369 प्रति क्विंटल |
मंडी भाव में अंतर क्यों है? | राज्य, किस्म और मांग पर निर्भर |
मध्य प्रदेश में आज धान का औसत भाव क्या है? | लगभग ₹2,534.15 / क्विंटल |
यूपी में MSP क्या तय हुआ है? | सामान्य धान ₹2,369 और ग्रेड-ए ₹2,389 |
MSP बढ़ने का मतलब क्या है? | किसानों को बेहतर न्यूनतम कीमत सुनिश्चित |
मंडी भाव और MSP में अंतर क्या है? | MSP सरकारी न्यूनतम दर, मंडी भाव वास्तविक बाजार दर |
किसान धान बेचने से पहले क्या देखें? | मंडी भाव, गुणवत्ता, सरकारी खरीद सुविधा |
2025 में धान के दाम की मौजूदा स्थिति क्या है?
तो किसान भाइयों आपको बता दें कि 2025 मे धान का भाव 2200 रुपये से लेकर 2700 रुपये क्विंटल तक चल रहा है लेकिन सरकार ने इस बारे धान की न्यूनतम मूल्य 2200 रुपये प्रति क्विंटल किया है जिससे किसानों को उनके हक के दाम मिल सके लेकिन कई जगहों पर इसकी कीमत अलग है क्योंकि यह धान की लिटी और मांग-आपूर्ति के हिसाब से अलग हो सकती है कहीं कहीं इसकी कीमत 2500 से 2800 रुपये प्रति क्विंटल तक है। यानी जो किसान अच्छी किस्म की धान उगा रहे हैं उन्हें MSP से ज्यादा दाम मिल रहे हैं, जबकि औसत किस्म के लिए MSP ही मुख्य सहारा है।
तिथि | किलो कीमत | क्विंटल कीमत |
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30/09/2025 | Rs 23.5 | Rs 2350 |
29/09/2025 | Rs 24.5 | Rs 2450 |
28/09/2025 | Rs 23.05 | Rs 2305 |
27/09/2025 | Rs 24.5 | Rs 2450 |
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दोस्तों किसान के लिए MSP इतनी अहम क्यों है?
किसान भाइयों MSP का मतलब सरकार द्वारा तय किया गया मूल्य या कीमत है जो किसान अपनी फसल नहीं बेंच पता है तो सरकार खरीदने की गारंटी देती है। धान के लिए MSP का महत्व और भी बढ़ जाता है क्योंकि यह देश की खाद्य सुरक्षा का सबसे बड़ा आधार है अगर सरकार द्वारा MSP न दी जाए तो व्यापारी किसानों को मनमाने दाम देने लगें और उनकी मेहनत का सही मूल्य न मिल पाए।
MSP तय होने की प्रक्रिया क्या है और यह कैसे तय की जाती है?
- सबसे पहले कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP) किसानों की उत्पादन लागत का आकलन करता है।
- इसमें बीज, खाद, पानी, मजदूरी और जमीन किराए जैसी लागत को शामिल किया जाता है।
- इसके बाद सरकार उसमें मुनाफा जोड़कर MSP तय करती है।
- 2025 में धान का MSP बढ़ाकर 2200 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है, जबकि 2024 में यह लगभग 2040 रुपये था।
धान के दाम पर असर डालने वाले मुख्य कारण क्या है?
धान का भाव सिर्फ MSP पर ही निर्भर नहीं करता बल्कि कई दूसरे कारक भी इसे प्रभावित करते हैं।
- मौसम का असर – अगर मानसून अच्छा हो तो पैदावार बढ़ती है और बाजार में सप्लाई ज्यादा हो जाती है, जिससे दाम घट सकते हैं। वहीं सूखा या बाढ़ जैसी स्थिति में पैदावार कम हो तो दाम बढ़ जाते हैं।
- निर्यात-आयात नीतियां – भारत धान का बड़ा निर्यातक है। अगर सरकार निर्यात पर रोक लगाती है तो मंडियों में धान का भाव कम हो जाता है।
- मांग और आपूर्ति – त्योहारों के समय या शादी-ब्याह के सीजन में चावल की खपत बढ़ने से धान के दाम भी ऊपर चले जाते हैं।
- अंतरराष्ट्रीय बाजार – ग्लोबल लेवल पर चावल की कीमतें भी भारतीय धान के दामों पर असर डालती हैं।
- स्थानीय मंडी का प्रभाव – हर राज्य और जिले में धान का भाव अलग होता है। उदाहरण के लिए, पंजाब-हरियाणा की मंडियों में सरकार की खरीद ज्यादा होती है तो भाव स्थिर रहते हैं, जबकि बिहार या यूपी के ग्रामीण इलाकों में किसानों को MSP से नीचे भाव पर भी धान बेचना पड़ जाता है।
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2025 में किसानों के लिए अच्छी और बुरी खबर क्या है?
दोस्तों , इस साल अच्छी बात यह है कि सरकार ने MSP में बढ़ोतरी की है और कई राज्यों में खरीद केंद्र भी बढ़ाए हैं। किसानों को पहले की तुलना में आसानी से धान बेचने का मौका मिल रहा है। लेकिन दूसरी तरफ बुरी खबर यह है कि बढ़ते हुए डीजल, खाद और मजदूरी के दाम ने लागत को बहुत बढ़ा दिया है। यानी MSP बढ़ने के बावजूद किसानों का मुनाफा बहुत ज्यादा नहीं बढ़ पा रहा।

Fact About: धान का भाव 2025 में कितना चल रहा है?
- भारत दुनिया का सबसे बड़ा चावल निर्यातक है और सालाना 20 मिलियन टन से ज्यादा चावल विदेशों में भेजता है।
- धान की सबसे महंगी किस्म बासमती है, जिसका भाव सामान्य धान से लगभग दोगुना होता है।
- दुनिया की आधी से ज्यादा आबादी की थाली में रोज़ चावल जरूर होता है, यानी धान वास्तव में एक ग्लोबल फसल है।
- भारत में धान की खेती करीब 44 मिलियन हेक्टेयर जमीन पर होती है, जो कुल खेती का लगभग एक-चौथाई हिस्सा है।
- एक रिसर्च के मुताबिक, धान की खेती से निकलने वाली पराली का सही इस्तेमाल किया जाए तो उससे बिजली और बायोफ्यूल बनाया जा सकता है।
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मंडियों में धान का रियल-टाइम भाव क्या है?
तो दोस्तों , अगर बात करें 2025 के ताज़ा मंडी भाव की तो आपको अलग-अलग राज्यों में थोड़ा अंतर दिख रहा है। पंजाब और हरियाणा में सरकारी खरीद मजबूत होने के कारण MSP यानी 2200 से 2300 रुपये क्विंटल तक का भाव मिल रहा है। वहीं उत्तर प्रदेश और बिहार की कुछ मंडियों में किसानों को 2000 से 2100 रुपये तक ही मिल पा रहा है, क्योंकि वहां सरकारी खरीद उतनी सक्रिय नहीं है। दक्षिण भारत की मंडियों में प्रीमियम किस्म का धान 2600 से 2800 रुपये तक बिक रहा है।
किसानों के लिए सुझाव क्या क्या है?
किसान भाइयों अगर आपको भी अपने धान की सही कीमत चाहिए तो आप अपनी फसल को सीधे मंडी या सरकारी खरीद केंद्र पर ही बेचे। क्योंकि कई बार बिचौलिए MSP से कम भाव मे खरीदने की कोशिश करते है जिससे किसानों को काफी नुकसान होता है और साथ ही किसानों को धान की क्वालिटी और ग्रेडिंग पर भी ध्यान देना चाहिए, क्योंकि अच्छी क्वालिटी वाली फसल हमेशा ज्यादा दाम दिलाती है।
भविष्य में धान का भाव कैसा रहेगा?
दोस्तों , विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले महीनों में धान का भाव स्थिर रह सकता है क्योंकि सरकार ने बफर स्टॉक भरने पर जोर दिया है। हालांकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में अगर सप्लाई की कमी होती है तो दाम 3000 रुपये क्विंटल तक भी जा सकते हैं। किसानों को इसके लिए तैयार रहना चाहिए और स्टोरेज की सुविधा होने पर फसल तुरंत बेचने के बजाय कुछ महीने रोककर रखना बेहतर विकल्प हो सकता है।
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किसान भाइयों के लिए मेरी सलाह?
किसान भाइयों आपको बता दें कि 2025 में धान का भाव औसतन 2200 से 2800 रुपये प्रति क्विंटल चल रहा है और हो सकता है कि यह भाव और भी बढ़ सकता है क्योंकि इस बार पंजाब मे बाढ़ की वजह से धान की पैदावार काम हुई है जिससे मंडियों के भाव पर असर पड़ेगा। तो दोस्तों अगर आपको यह जानकारी पसंद आई हो तो आप हमे कमेन्ट बॉक्स मे जरूर बताएं और साथ है अपने दोस्तों को जरूर शेयर करें।