मक्का उगाने का सही समय: देसी अंदाज़ में पूरी जानकारी

किसान भाई, अगर आप सोच रहे हैं कि मक्का (भुट्टा) की खेती कब और कैसे शुरू करें ताकि फसल अच्छी हो, लागत कम और मुनाफा ज्यादा मिले – तो इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़िए। यहां हम बात करेंगे मक्का बोने का सही समय, मौसम, मिट्टी की तैयारी, बुवाई की विधि और देसी जुगाड़ के साथ ऐसी पूरी जानकारी देंगे कि आपको दूसरी वेबसाइट खोलने की जरूरत ही न पड़े।

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.1 मक्का बोने का सही समय क्या है?

उत्तर भारत में मक्का की बुआई का सबसे उपयुक्त समय खरीफ मौसम में जून के आखिरी हफ्ते से जुलाई के मध्य तक माना जाता है। इस वक्त तक अच्छी बारिश शुरू हो जाती है और मिट्टी में नमी बनी रहती है, जो बीज के अंकुरण के लिए बहुत जरूरी है। अगर आप बहुत जल्दी (जून की शुरुआत में) या बहुत देर (जुलाई के अंत में) बो देते हैं, तो या तो पौधे कमजोर होंगे या फसल पर कीड़ों और बीमारियों का खतरा बढ़ जाएगा।

दूसरी ओर, अगर आप रबी या बसंत में मक्का बोना चाहते हैं, तो जनवरी के आखिरी हफ्ते से फरवरी के पहले हफ्ते तक बुआई करें। इस मौसम में सिंचाई की जरूरत ज्यादा होती है, लेकिन कीट और रोग कम लगते हैं। यानी सिंचाई का जुगाड़ हो तो यह भी बढ़िया समय है। वहीं, जलवायु और इलाके के अनुसार समय थोड़ा आगे-पीछे हो सकता है। इसलिए स्थानीय कृषि विभाग या अनुभवी किसानों से सलाह ज़रूर लेनी चाहिए।

मक्का उगाने का सही समय: देसी अंदाज़ में पूरी जानकारी

1. खरीफ मौसम (सबसे आम समय)

  • बुवाई का समय: जून के अंतिम सप्ताह से लेकर जुलाई के तीसरे सप्ताह तक।
  • मौसम: बरसात शुरू होते ही बोनी होनी चाहिए, जिससे बीज अंकुरित हो और नमी बनी रहे।
  • लाभ: बारिश का पानी प्राकृतिक सिंचाई का काम करता है।

2. रबी मौसम

  • बुवाई का समय: अक्टूबर के मध्य से नवंबर तक।
  • मौसम: ठंडी शुरू होते वक्त।
  • शर्त: इस मौसम में सिंचाई की व्यवस्था ज़रूरी होती है क्योंकि बारिश नहीं होती।

3. ज़ायद मौसम

  • बुवाई का समय: फरवरी के अंत से लेकर मार्च के बीच।
  • जलवायु: गर्मी शुरू होने से पहले।
  • ध्यान रखें: इस समय पर बुवाई में तेज गर्मी फसल को नुकसान पहुंचा सकती है, तो समय का ध्यान रखें।

.2  मक्का बुवाई का कैलेंडर (तालिका)

मौसमबुवाई का सही समयतापमान (°C)सिंचाई की ज़रूरतविशेष ध्यान
खरीफ20 जून – 20 जुलाई25-35°Cकमबारिश पर निर्भर
रबी15 अक्टूबर – 15 नवंबर20-25°Cज़्यादासिंचाई का प्रबंध
ज़ायद25 फरवरी – 15 मार्च25-30°Cमध्यमगर्मी से बचाव

.3 बीज बोने से पहले ये बातें ध्यान रखें

  1. अंकुरण के लिए तापमान: बीज के अच्छे अंकुरण के लिए 20-30 डिग्री सेल्सियस तापमान सबसे सही रहता है। इससे अंकुरण तेज और फसल स्वस्थ होती है।
  2. भूमि में नमी: बुवाई से पहले मिट्टी में उचित नमी होनी चाहिए। सूखी जमीन में बोवाई न करें, इससे बीज सूख सकता है।

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.4 मक्का उगाने की तैयारी: देसी अंदाज में समझो

1. खेत की तैयारी

खेत की तैयारी – मक्का की खेती के लिए

क्रमतैयारी का कामविवरणसही समय
1गहरी जुताईपहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल या ट्रैक्टर से ताकि जड़ वाले कीट खत्म होंपहली बारिश के बाद या मई–जून
22–3 बार हैरो चलानामिट्टी को भुरभुरा और समतल बनाने के लिएपहली जुताई के बाद
3मिट्टी का समतलीकरणपानी को बराबर फैलाने और जलभराव से बचाने के लिएआखिरी जुताई के बाद
4जैविक खाद मिलाना8–10 टन सड़ी गोबर की खाद या वर्मी कंपोस्ट डालेंअंतिम जुताई के साथ
5नमी जांचनाबुआई से पहले मिट्टी में पर्याप्त नमी होनी चाहिएबुआई से ठीक पहले
  • पहली जुताई गहरी होनी चाहिए ताकि पुरानी जड़ें खत्म हो जाएं।
  • इसके बाद 2-3 बार हैरो या देशी खुरपी से मिट्टी भुरभुरी कर लें।
  • खेत समतल कर दें ताकि पानी एक तरफ जमा न हो।

2. बीज का चुनाव और उपचार

  • अच्छे किस्म के प्रमाणित बीज ही चुनें – जैसे HQPM-1, Bio-9637, Pusa Composite आदि।
  • बीज को बुवाई से पहले फफूंदनाशक से उपचार करें – कार्बेन्डाजिम 2 ग्राम प्रति किलो बीज।

.5 मक्का बोने की विधि

मक्का बोने के लिए सबसे पहले खेत को अच्छे से तैयार करना ज़रूरी होता है। जब पहली बारिश हो जाए या सिंचाई की सुविधा हो, तो 2–3 बार अच्छी जुताई करके मिट्टी को भुरभुरा बना लो। फिर खेत को समतल कर लो ताकि पानी बराबर फैले और बीज जमने में कोई दिक्कत न आए। मक्का की बुआई के लिए लाइन से बोना सबसे अच्छा रहता है क्योंकि इससे पौधों को बढ़ने की पूरी जगह मिलती है और खरपतवार पर नियंत्रण रखना भी आसान होता है।

बुआई के समय बीजों की दूरी बहुत मायने रखती है। मक्का को आमतौर पर पंक्ति से पंक्ति की दूरी 60 सेमी और पौधे से पौधे की दूरी 20 सेमी रखनी चाहिए। बीजों को 4–5 सेंटीमीटर गहराई में बोना सही रहता है। इससे नमी अच्छी मिलती है और बीज जल्दी अंकुरित होते हैं। बीजों को बुआई से पहले फफूंदनाशक दवा (जैसे कार्बेन्डाजिम) से उपचारित कर लेना चाहिए ताकि बीमारी न लगे और अंकुरण अच्छा हो।

1. कतार विधि (Row Method)

  • कतार से कतार की दूरी – 60 सेमी
  • पौधे से पौधे की दूरी – 20 सेमी
  • प्रति हेक्टेयर बीज मात्रा – 18-20 किलो

2. क्यारियों में बोआई (Bed Planting)

  • ये विधि सिंचाई वाले क्षेत्रों में ज्यादा उपयोगी है।
  • नमी नियंत्रण में मदद करती है और फसल मजबूत बनती है।

.6 सिंचाई का सही समय और मात्रा

  1. पहली सिंचाई – बुवाई के 4-5 दिन बाद जब बीज अंकुरित हो।
  2. दूसरी सिंचाई – 15 दिन बाद, जब पौधा 1 फुट लंबा हो जाए।
  3. फूल निकलते समय – ये समय बहुत जरूरी होता है, फूल निकलते वक्त नमी बनी रहनी चाहिए।
  4. दाना भरते समय – अंतिम सिंचाई इस समय करें, इससे दाने अच्छे और भारी बनते हैं।

 .7 मक्का की उन्नत किस्में (तालिका सहित)

किस्म का नाममौसमउपज क्षमता (क्विंटल/हे.)विशेषता
HQPM-1खरीफ60-70हाई प्रोटीन
Bio-9637सभी मौसम65-75रोग प्रतिरोधक
Pusa Compositeखरीफ55-60देशी जलवायु के अनुकूल
DHM 117रबी70-80कम समय में तैयार

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.8 मक्का से जुड़े 10 रोचक तथ्य

  1. मक्का दुनिया की तीसरी सबसे ज्यादा उगाई जाने वाली फसल है (चावल और गेहूं के बाद)।
  2. भारत में मक्का का सबसे ज्यादा उत्पादन कर्नाटक, बिहार और आंध्र प्रदेश में होता है।
  3. मक्का की फसल 90 से 110 दिनों में तैयार हो जाती है।
  4. एक मक्का पौधे से औसतन 1 से 2 भुट्टे मिलते हैं।
  5. मक्का की खेती से पशुओं के चारे और इथेनॉल निर्माण में भी उपयोग होता है।
  6. मक्का का उपयोग पॉपकॉर्न, कॉर्न ऑयल, स्टार्च, सिरप, और प्लास्टिक बनाने तक में होता है।
  7. मक्का की कुछ किस्मों में प्रोटीन 10% से भी ज्यादा होता है।
  8. मक्का के पत्तों और डंठल का उपयोग जैविक खाद में किया जाता है।
  9. भारत में लगभग 90 लाख हेक्टेयर में मक्का की खेती होती है।
  10. वैज्ञानिक तरीके से खेती करने पर मक्का से 2 गुना ज्यादा मुनाफा हो सकता है।

 .9 मक्का बोने के लिए देसी टिप्स

  1. बीज भिगोने का जुगाड़ – बोने से एक दिन पहले बीज को गोमूत्र और नीम के पानी में भिगो दें, इससे फंगस और कीटों से सुरक्षा मिलती है।
  2. साथ में दलहनी फसल लगाएं – जैसे उड़द या मूंग, इससे मिट्टी में नाइट्रोजन बढ़ेगी और मक्का को फायदा मिलेगा।

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.10 गलत समय पर बुवाई के नुकसान

  • देर से बोआई करने पर फसल की पैदावार घट सकती है 30-40% तक
  • अगर तापमान बहुत ज्यादा हो या नमी कम हो, तो अंकुरण ही नहीं होगा
  • असमय बारिश या पाला पड़ने से दाना भराव नहीं हो पाता, जिससे उत्पादन घटता है।

 निष्कर्ष: मक्का उगाने का सही समय: देसी अंदाज़ में पूरी जानकारी

भाई, अगर आप मक्का की खेती से सच में मुनाफा कमाना चाहते हो, तो मौसम और समय को नजरअंदाज मत करो। सही समय पर बीज बोओगे, सही सिंचाई दोगे, तो पैदावार भी तगड़ी मिलेगी। ये फसल मेहनत मांगती है लेकिन उतना ही बढ़िया रिटर्न भी देती है। ऊपर बताई गई जानकारी अगर ध्यान से अपनाई जाए, तो आप मक्का से कम लागत में ज्यादा कमाई कर सकते हैं।

नमस्कार किसान भाइयों आप लोगों को यह आर्टिकल पढ़ाकर कैसा लगा है अगर अच्छा लगा हो तो दोस्तों के पास शेयर करो

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