नमस्कार किसान भाइयों, अगर आप भी धान की खेती करते हो या करने की सोच रहे हो, तो आपके मन में ये सवाल जरूर आता होगा कि धान की खेती में खाद कब डालें। सही टाइम पर सही तरीके से खाद डालोगे तो पैदावार भी बढ़िया होगी और खेत भी स्वस्थ रहेगा।
चलिए, आज मैं आपको एकदम आसान भाषा में समझाता हूं कि धान की खेती में खाद डालने का सही समय और तरीका क्या है।
धान की खेती में खाद डालने का सही समय और मात्रा:
खाद का नाम | डालने का समय | मात्रा (प्रति एकड़) |
---|---|---|
गोबर की सड़ी खाद | खेत तैयार करते समय | 8-10 टन |
DAP (फास्फोरस) | रोपाई से पहले | 60 किलो |
MOP (पोटाश) | रोपाई से पहले | 20 किलो |
यूरिया (1st बार) | रोपाई के 20 दिन बाद | कुल यूरिया का 50% |
यूरिया (2nd बार) | रोपाई के 40-45 दिन बाद | कुल यूरिया का 25% |
यूरिया (3rd बार) | बालियां निकलने से पहले | कुल यूरिया का 25% |
धान की फसल में खाद क्यों जरूरी है?
1️. सबसे पहले यह समझ लो कि बिना खाद के अच्छी पैदावार मिलना मुश्किल है।
2️. खाद मिट्टी में जरूरी पोषक तत्वों की कमी पूरी करती है।
3️. सही समय पर खाद डालने से पौधे मजबूत होते हैं और बीमारी से भी बचे रहते हैं।
4️. इससे दाना भरपूर बनता है और क्वालिटी भी अच्छी रहती है।

धान की खेती में कौन-कौन सी खाद डालनी चाहिए?
देखो भाई, धान की खेती में तीन मुख्य चीजें जरूरी होती हैं:
1️. नाइट्रोजन (यूरिया)
2️. फास्फोरस (DAP या सुपर फास्फेट)
3️. पोटाश (MOP)
साथ ही, अगर जैविक खेती करते हो तो गोबर की खाद, वर्मी कंपोस्ट या हरी खाद भी डाल सकते हो। आपको बात दे कि गोबर की खाद धान के लिए बहुत फायदे मंद है और साथ ही आपको ज्यादा मुनाफा भी देगी।
Also read – फसल में कीड़ा लगने पर क्या करें: आसान भाषा में समझो।
अब सबसे जरूरी बात , खाद कब डालें?
कई किसान ये पूछते हैं कि धान की खेती में कौन सी खाद डालें जिससे फसल भी बढ़िया हो और लागत भी काबू में रहे। इसके लिए नाइट्रोजन (यूरिया), फास्फोरस (DAP) और पोटाश (MOP) की संतुलित मात्रा देना सबसे जरूरी होता है। अगर आप जैविक खाद जैसे गोबर या वर्मी कंपोस्ट का भी इस्तेमाल करें, तो मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है। सही खाद का चयन ही धान की खेती को मुनाफे का सौदा बनाता है।
1️. खेत तैयार करते समय:
जब आप खेत की तैयारी कर रहे हो, मतलब जब पहली बार जुताई कर रहे हो, उसी समय 8-10 टन गोबर की सड़ी खाद प्रति हेक्टेयर डाल देना चाहिए। इससे मिट्टी की ताकत बढ़ती है।
2️. रोपाई से पहले:
धान की नर्सरी लगाने के 8-10 दिन पहले या रोपाई से पहले फास्फोरस और पोटाश की पूरी मात्रा डालनी चाहिए।
उदाहरण:
- DAP – 60 किलो प्रति एकड़
- MOP – 20 किलो प्रति एकड़
3️. रोपाई के बाद:
अब आता है नाइट्रोजन (यूरिया) का रोल। यूरिया तीन बार में डालना चाहिए, एक साथ बिलकुल नहीं डालना है।
पहली बार:
रोपाई के 20 दिन बाद , यूरिया की 50% मात्रा।
दूसरी बार:
रोपाई के 40-45 दिन बाद , बाकी 50% का आधा हिस्सा।

तीसरी बार:
धान में बालियां निकलने से पहले – बाकी बचा यूरिया डाल देना चाहिए।
खाद डालते समय इन बातों का रखें ध्यान:
- खाद को हमेशा मिट्टी में अच्छी तरह मिला देना चाहिए।
- बारिश के मौसम में यूरिया डालते वक्त ध्यान रखना कि पानी ज्यादा जमा न हो।
- जैविक खाद का इस्तेमाल जरूर करें, इससे मिट्टी की सेहत अच्छी रहती है।
- संतुलित मात्रा में ही खाद डालें, ज्यादा खाद से पौधे को नुकसान भी हो सकता है।
यह भी जानें- Matar Ki Kheti: मटर की खेती से अधिक उत्पादन कैसे लें?
कुछ जरूरी सवाल-जवाब: (FAQ)
धान की फसल में कितनी बार यूरिया डालें?
यूरिया तीन बार में डालें – रोपाई के 20, 40 और 60 दिन बाद।
क्या जैविक खाद जरूरी है?
हां, जैविक खाद जैसे गोबर या वर्मी कंपोस्ट खेत को मजबूत बनाते हैं और मिट्टी की उर्वरता बढ़ाते हैं।
DAP कब डालें?
रोपाई से पहले ही पूरी मात्रा खेत में मिला दें।
निष्कर्ष:
तो किसान भाइयों, अब आप समझ गए होंगे कि धान की खेती में खाद कब डालें। सही समय और सही मात्रा में खाद डालने से फसल अच्छी होती है, दाना मजबूत बनता है और आपका मुनाफा भी बढ़ता है।
अगर आप सोच रहे हैं कि धान की फसल में खाद डालने का सही तरीका क्या है, तो आपको सबसे पहले मिट्टी की जरूरतों को समझना होगा। खेत तैयार करते समय गोबर की सड़ी खाद और रोपाई से पहले DAP व MOP मिलाना जरूरी होता है। यूरिया को तीन हिस्सों में बांटकर देना ही सबसे असरदार तरीका माना गया है। इससे पौधे मजबूत बनते हैं और पैदावार में शानदार बढ़ोतरी होती है।
अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी हो तो इसे अपने साथी किसानों से जरूर शेयर करें और अपनी खेती से जुड़ा कोई भी सवाल हो तो नीचे कमेंट जरूर करें। हम जल्द ही और भी काम की जानकारी लेकर आएंगे।
खेती से जुड़ी और भी जानकारी पढ़ते रहो, बस जुड़े रहो हमारी वेबसाइट से।