बीज क्या है, बीज का अर्थ, परिभाषा, प्रकार एवं महत्व | seed meaning in hindi

Seed in hindi : फसल उत्पादन में कुछ कारक ऐसे होते हैं जिसका कृषक के हाथ में कोई नियंत्रण नहीं होता है परंतु बीज फसल उत्पादन का सबसे अधिक महत्वपूर्ण कारक होने के साथ ही साथ इसका नियंत्रण भी कृषक हाथ में ही होता है। भारत में उगाई जाने वाली लगभग सभी फसलों की उत्पादकता विश्व के कई देशों की अपेक्षा बहुत कम होने का एक प्रमुख कारण अच्छे व उन्नत किस्म के बीजों की अनुपलब्धता ही हैं।seed in hindi

कृषि बीज का अर्थ |agriculture seed meaning in hindi :

बीज क्या है ? साधारण शब्दों मे कहा जाये तो बीज पौधों का वह भाग होता है जिसमें पौधों के प्रजनन क्षमता होता है। जो मृदा के सम्पर्क में आने पर अपने सामान ही एक नये पौधों को जन्म देता हो। कृषि की नजर से देखा जाये तो बीज का अर्थ पौधों के उन सभी भागो (जैसे- जड़, तना, कन्द, शाखा व फल आदि) से है जिसका उपयोग हम रोपण या फसल उत्पादन के उद्देश्य से प्रयोग में लाते है तथा जिसमें अपने समान ही सन्तान (पौधा) उत्पन्न करने क्षमता हो बीज (Seed) कहलाता हैं।

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कृषि बीज की परिभाषा | agriculture seeds definition in hindi :

बीज को हम निम्नलिखित प्रकार से परिभाषित कर सकते है 

(A). वह निषेचित एवं परिपक्व अन्डाशय  जो बुवाई के काम आ कर फसल उत्पादन करने में सहायक होता है बीज (Seed in hindi) कहलाता है।

(B). सीड्स सुषुप्तावस्था में रहने वाला वह परिपक्व अन्डाशय होता है जिनकी दैहिक एवं अनुवांशिक क्रियाएं अस्थाई रूप से स्थगित होती है।

(C). पुष्पीय पौधे के प्रजनन की वह इकाई बीज (Seed) कही जाती है जिसका भ्रूण सुषुप्त अवस्था में रहता है जो भोज्य सप्लाई से घिरी एवं बाहरी बीज कवको से ढकी रहती है।

कृषि मे बीज का महत्व | importance of seed in hindi :

फसल उत्पादन एवं एक अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए कृषि मे अन्य सभी कारकों की तुलना में बीजो का विशेष महत्व है। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि कृषि उत्पादन का मूल आधार बीज (Seed) ही हैं। चाहे कितने भी अच्छी भूमि की किस्में हो, चाहे कितनी ही उन्नत सस्य क्रियाएं जैसे- खाद व उर्वरक प्रबंध, सिंचाई प्रबंधन हो या चाहे कितनी भी अच्छी फसल प्रबंधन की क्रिया क्यों न की जाए ये सभी क्रियाएँ एक अच्छे बीज के अभाव में  बोना ही साबित होते हैं। कृषि मे एक अच्छे एवं उन्नति किस्म के बीजो के प्रयोग मात्र से ही कृषक अपनी फसल उत्पादन में लगभग 15-20% तक का वृद्धि कर सकता है।

कृषि बीज के प्रकार | different types of  agriculture seed in hindi :

फसल उत्पादन के उद्देश्यो तथा अनुवांशिक गुणों की शुद्धता के आधार पर हम बीजों को निम्नलिखित भागों में विभक्त कर सकते है

(A). मूल बीज (Nucleus Seed) :

यह प्रथम श्रेणी के बीज होते हैं। संस्करण (Hybridization),  म्यूटेशन (Mutation) एवं चुनाव (Selection) विधि से जो बीज प्राप्त होता है उसे मूल बीज (Nucleus Seed) कहते हैं। यह बीज प्रजनन द्वारा उत्पादित किया जाता है इस बीज में सभी आवश्यक अनुवांशिक लक्षण विद्यमान रहते हैं। मूल बीज की अनुवांशिक शुद्धता 100 प्रतिशत रहती है। इस बीज की अनुवांशिक शुद्धता अधिक होने के कारण यह बहुत महंगे होते हैं। 

(B). जनक बीज (Breeder Seed) : 

जनक बीज का उत्पादन मूल बीज द्वारा किए जाते हैं। इनकी अनुवांशिक गुणवत्ता काफी अधिक होती है। यह बीज भी प्रजनन द्वारा तैयार किया जाता है। जनक बीज को बोने पर 5 से 6 वर्षो तक अनुवांशिक शुद्धता कायम रखती है। यह भी प्रथम श्रेणी का बीज होता है तथा इस बीज के थैले पर पीला टैग लगा होता हैं।

(C). आधारीय बीज (Foundation Seed) : 

इस बीज का उत्पादन भी जनक बीज के द्वारा ही किया जाता है। आधारित बीज अनुवांशिक शुद्धता की दृष्टि से द्वितीय श्रेणी के बीज माने जाते हैं। जनक बीजों के परीक्षण अथवा संवर्धन के समय इन बीजों मे कुछ अनुवांशिक शुद्धता कम हो जाती है फिर भी इन बीजों मे मानक के अनुरूप अनुवांशिक शुद्धता बनी रहती हैं। आधारित बीज के पैकेट पर सफेद टैग लगा होता हैं।

(D). प्रमाणित बीज (Certified Seed) : 

प्रमाणित बीज का उत्पादन आधारित बीजो के द्वारा ही किया जाता है। यह बीज तृतीय स्तर का होता है। जिसका प्रयोग बडे़ पैमाने पर कृषकों द्वारा फसल उत्पादन के लिए किया जाता है। इस बीज के थैले पर नीला टैग लगा होता हैं।

(E). सच्चा बीज (Truthful Seed) : 

सच्चा बीज किसी बीज प्रमाणीकरण संस्था द्वारा प्रमाणित नहीं होता है। इस बीज की अनुवांशिक क्षमता तथा भौतिक शुद्धता मानकों के अनुरूप होती है परंतु अनुवांशिक गुणवत्ता पर सदैव संदेह बना रहता है इसलिए इसे न्यूनतम स्तर का बीज भी कहा जाता है।

(F). अवमानक बीज (Sub-standard Seed) : 

बीज उत्पादन के समय मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियां जैसे-  सूखा, बाढ़ अथवा महामारी आदि की स्थिति में उत्पादित बीजों की गुणवत्ता मानक के अनुरूप नहीं हो पाती है तथा इसमें कुुछ भौतिक व अनुवांशिक अशुद्विया आ जाती है तो ऐसे बीजों को अवमानक बीज  कहते हैं। ऐसी स्थिति में कम गुणवत्ता वाले बीजों को ही मानकों के अनुरूप प्रमाणित संस्था द्वारा प्रमाणित कर दिया जाता है।

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