नमस्कार किसान भाइयों, जैसा कि आप लोग जानते है कि आजकल खेत में मेहनत तो हर कोई करता है लेकिन समझदारी से अगर काम किया जाए, तो वही मेहनत मज़दूरी नहीं बल्कि मुनाफा बन जाती है। और जब बात हो खेत की जुताई या मिट्टी पलटने की, तो रोटावेटर का नाम सबसे पहले आता है। पहले लोग बैल से हल चलाते थे, फिर ट्रैक्टर आया और अब रोटावेटर ने खेती की तस्वीर ही बदल दी है। लेकिन एक बात जो सबसे ज्यादा पूछी जाती है।
वो है “Rotavator Price in India कितना होता है?” चलिए इसे बड़े ही आसान और देसी अंदाज़ में समझते हैं।

Rotavator ब्रांड, साइज और कीमत?
ब्रांड का नाम | साइज ऑप्शन (फीट में) | औसतन कीमत (₹ में) |
---|---|---|
Mahindra | 4 से 7 फीट | ₹80,000 – ₹1,40,000 |
Shaktiman | 3 से 8 फीट | ₹75,000 – ₹1,60,000 |
Fieldking | 4 से 7.5 फीट | ₹70,000 – ₹1,30,000 |
Sonalika | 4 से 6.5 फीट | ₹65,000 – ₹1,20,000 |
Captain | 3 से 5 फीट | ₹60,000 – ₹1,00,000 |
1. रोटावेटर क्या होता है और खेती में इसका रोल क्या है?
आपको बता दें कि रोटावेटर एक ऐसा कृषि यंत्र है जो ट्रैक्टर से जुड़कर खेत की मिट्टी को बारीक और नरम बनाता है। यह न केवल जुताई करता है बल्कि मिट्टी को पलटने, खरपतवार हटाने और बोने लायक बनाने में भी मदद करता है। इससे किसानों का समय, मेहनत और डीजल – तीनों की बचत होती है। खास बात यह है कि रोटावेटर कई साइज और कंपनियों में आता है, जो आपकी ज़रूरत और खेत के साइज के हिसाब से चुना जा सकता है।
- रोटावेटर मिट्टी की ऊपरी सतह को तोड़कर उसे भुरभुरा बनाता है।
- एक ही बार में जुताई और मिट्टी की सफाई हो जाती है।
- इसकी वजह से फसल की जड़ें मिट्टी में अच्छे से जमती हैं।
- छोटे खेतों से लेकर बड़े खेतों तक के लिए अलग-अलग साइज मिलते हैं।
- परंपरागत जुताई की तुलना में यह 40-50% समय बचाता है।
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2. भारत में रोटावेटर की कीमतें कैसे तय होती हैं?
अब आते हैं असली सवाल पर – रोटावेटर की कीमत। भारत में इसकी कीमत कई बातों पर निर्भर करती है जैसे कि ब्रांड, साइज, ब्लेड की संख्या, और उसमें लगे फीचर्स। सामान्य तौर पर एक 4-5 फीट का रोटावेटर आपको ₹65,000 से ₹90,000 के बीच मिल जाता है। वहीं 6-7 फीट वाले बड़े मॉडल ₹1 लाख से ₹1.5 लाख तक जाते हैं। और हां, जो ब्रांडेड और हेवी ड्यूटी मशीन होती है उसकी कीमत और भी ऊपर जा सकती है।
- ब्रांड बड़ा होगा तो कीमत भी उसी हिसाब से होगी।
- रोटावेटर में ब्लेड जितने ज्यादा होंगे, उतना महंगा पड़ेगा।
- कुछ रोटावेटर में हाइड्रोलिक सिस्टम या मल्टी-स्पीड गियरबॉक्स भी होता है, जो कीमत बढ़ाते हैं।
- डीलर और आपके शहर की दूरी भी कीमत को थोड़ा ऊपर-नीचे कर सकती है।
- पुराने रोटावेटर की कीमत नए से करीब 30-40% कम होती है।
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3. टॉप रोटावेटर ब्रांड्स और उनका कम्पेरिजन?
भारत में बहुत सारे भरोसेमंद ब्रांड रोटावेटर बनाते हैं। कुछ नाम तो किसान भाइयों की जुबान पर रटे होते हैं जैसे Mahindra, Shaktiman, Fieldking, Sonalika, और Captain। अब सवाल आता है, कौन-सा ब्रांड किसमें बेस्ट है? नीचे हमने एक आसान सी टेबल दी है जिससे आप खुद समझ जाएंगे।
ब्रांड का नाम | खासियत (सीधी-साधी भाषा में) |
---|---|
Mahindra | मजबूत बॉडी, ब्रांड पर भरोसा, सर्विस नेटवर्क शानदार |
Shaktiman | हर तरह की मिट्टी में बेहतरीन परफॉर्मेंस |
Fieldking | हाई क्वालिटी ब्लेड और टिकाऊ डिजाइन |
Sonalika | बजट में फिट, छोटे-मझोले खेतों के लिए बढ़िया |
Captain | छोटे खेतों और कम HP ट्रैक्टर के लिए एकदम सही |
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4. रोटावेटर खरीदते वक्त किन बातों का ध्यान रखें?
किसान भाइयो , रोटावेटर खरीदना सिर्फ एक मशीन लेना नहीं है, यह एक इनवेस्टमेंट है। इसलिए खरीदने से पहले कुछ बातें जरूर ध्यान में रखें जैसे कि – ट्रैक्टर का HP कितना है, आपके खेत का साइज क्या है, मिट्टी कैसी है, और आप साल में कितनी बार उसका इस्तेमाल करेंगे। साथ ही, लोकल डीलर की सर्विस भी देख लें क्योंकि मशीन तो खरीद लेंगे, लेकिन सर्विस न मिले तो दिक्कत हो सकती है।
जानिए कुछ जरूरी टिप्स:
- हमेशा अपने ट्रैक्टर के HP से मेल खाता हुआ रोटावेटर लें।
- अगर मिट्टी ज्यादा सख्त है तो ज्यादा ब्लेड वाला मॉडल चुनें।
- रोटावेटर का वजन ज्यादा होगा तो मिट्टी ज्यादा गहराई तक कटेगी।
- डेमो लेकर ही खरीदें, ताकि काम देखकर संतुष्टि हो।
- वारंटी और सर्विस सेंटर की उपलब्धता जरूर चेक करें।
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5. रोटावेटर ऑनलाइन खरीदें या लोकल डीलर से?
आजकल सब कुछ ऑनलाइन मिल रहा है, तो रोटावेटर भी Amazon, TractorGuru, Khetigaadi जैसे प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है। लेकिन कई किसान भाइयों को लगता है कि लोकल डीलर से खरीदना ज़्यादा भरोसेमंद रहता है क्योंकि मशीन को देख-समझकर खरीदने का फायदा मिलता है। दोनों के अपने-अपने फायदे और नुकसान हैं।
ऑनलाइन बनाम ऑफलाइन:
- ऑनलाइन कीमतें कभी-कभी डीलर से सस्ती पड़ जाती हैं।
- लोकल डीलर से तुरंत डिलीवरी और फिजिकल जांच का मौका मिलता है।
- ऑनलाइन EMI ऑप्शन और फाइनेंस फैसिलिटी मिल जाती है।
- लोकल डीलर से रिप्लेसमेंट और सर्विस जल्दी मिलती है।
- ऑनलाइन शॉपिंग में फीडबैक और रिव्यू देखकर फैसला आसान होता है।

6. रोटावेटर की सही मेंटेनेंस से चले सालों-साल?
आपको बता दें कि मशीन चाहे कितनी भी महंगी हो, अगर उसकी देखभाल सही तरीके से न हो तो जल्दी खराब हो जाती है। रोटावेटर की लाइफ बढ़ाने के लिए ज़रूरी है कि हर बार इस्तेमाल के बाद ब्लेड की सफाई हो, समय-समय पर ग्रीसिंग और ऑइलिंग हो, और बारिश में इसे खुले में न छोड़ें। साथ ही, उसका PTO शाफ्ट सही एंगल पर फिट हो यह भी ज़रूरी है।
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मेंटेनेंस की आसान बातें:
- हर सीजन के बाद ब्लेड की धार चेक करें।
- रोटावेटर को छाया या टिन शेड में रखें।
- PTO शाफ्ट में हर 20 घंटे बाद ग्रीस जरूर करें।
- हर 6 महीने में एक बार सर्विस सेंटर से जांच कराएं।
- डस्ट और मिट्टी हटाने के लिए ब्रश या हाई प्रेशर से धोएं।
निष्कर्ष: खेती में रोटावेटर मतलब मुनाफा और समय की बचत?
तो दोस्तों, अब तो आप समझ ही गए होंगे कि रोटावेटर सिर्फ एक खेती का औजार नहीं बल्कि आज के समय में एक जरूरी इनवेस्टमेंट है। सही ब्रांड, सही साइज और बजट में खरीदा गया रोटावेटर आपकी खेती को अगले लेवल तक ले जा सकता है। और हां, अगर आप ऐसे ही आसान और देसी अंदाज़ में जानकारी चाहते हैं, तो हमारी वेबसाइट पर दोबारा ज़रूर आइए, अगली बार हम और भी मजेदार खेती से जुड़ी बातें लेकर आएंगे।
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