नमस्कार किसान भाई,आज के समय में खेती करना जितना जरूरी है, उतना ही जरूरी है फसल को सही दाम पर बेचना। पहले के ज़माने में किसान मंडी के भरोसे रहते थे, जहां दलाल, कमीशन एजेंट और बिचौलिए उनका काफी पैसा काट लेते थे। लेकिन अब जमाना बदल चुका है। अब किसान मोबाइल से ही अपनी फसल बेच सकते हैं — वो भी सीधे खरीदार को।
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1. ऑनलाइन फसल बिक्री प्लेटफॉर्म क्या होता है?
ऑनलाइन फसल बिक्री प्लेटफॉर्म यानी एक ऐसी डिजिटल सुविधा जहां किसान अपनी फसल, फल, सब्जी या कोई भी कृषि उत्पाद सीधे ऑनलाइन बेच सकते हैं। इसमें ना तो बिचौलिए होते हैं और ना ही दलाल। किसान सीधे व्यापारी, ग्राहक या कंपनियों से जुड़ते हैं।
प्लेटफॉर्म के मुख्य काम:
- किसान अपनी फसल की जानकारी (मात्रा, गुणवत्ता, कीमत) डालता है।
- खरीदार उस जानकारी को देखता है और ऑर्डर करता है।
- भुगतान ऑनलाइन होता है और ट्रांसपोर्ट की भी सुविधा होती है।
2. ऑनलाइन बेचने के फायदे क्या हैं?
अब बात करते हैं असली फायदों की। अगर कोई किसान सोच रहा है कि “मंडी में ही बेच देता हूं”, तो ये फायदे उसे सोचने पर मजबूर कर देंगे:
- सीधा मुनाफा किसान को:
ऑनलाइन बेचने से बिचौलियों की छुट्टी हो जाती है, और किसान को ज्यादा दाम मिलते हैं। - हर जगह से बिक्री संभव:
गांव में बैठकर देश के किसी भी कोने में फसल बेची जा सकती है। - पारदर्शी रेट और पेमेंट:
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म रेट दिखाते हैं, और पेमेंट सीधे किसान के खाते में आता है। - वेरायटी का फायदा:
फल-सब्जी, अनाज, मसाले, फूल – हर तरह की चीज़ें बिकती हैं। - खरीदार खुद आते हैं:
किसान को ढूंढने की ज़रूरत नहीं, खरीदार खुद प्लेटफॉर्म पर तलाश करते हैं।
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3. भारत में लोकप्रिय ऑनलाइन फसल बिक्री प्लेटफॉर्म
नीचे एक टेबल में भारत के कुछ प्रमुख डिजिटल प्लेटफॉर्म की जानकारी दी गई है:
प्लेटफॉर्म का नाम | विशेषताएं | ऐप/वेबसाइट लिंक |
eNAM (राष्ट्रीय कृषि मंडी) | सरकार द्वारा शुरू किया गया, 1000+ मंडियां जुड़ी हैं | |
AgroStar | एग्री प्रोडक्ट्स खरीद-बिक्री, सलाह भी | AgroStar App |
DeHaat | एग्री सप्लाई चेन का डिजिटल समाधान | DeHaat App |
BigHaat | बीज, खाद, कीटनाशक, और फसल बिक्री | BigHaat App |
Krishify | किसान समुदाय, लाइव मंडी रेट, फसल बिक्री | Krishify App |
इन सभी में से ज़्यादातर ऐप गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध हैं और इनमें यूजर फ्रेंडली इंटरफेस होता है।
4. क्या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पूरी तरह सुरक्षित हैं?
बहुत से किसान सोचते हैं कि कहीं ये फ्रॉड तो नहीं? तो जवाब है – हां, भरोसेमंद प्लेटफॉर्म सुरक्षित होते हैं, लेकिन फिर भी सतर्क रहना ज़रूरी है।
ध्यान रखने योग्य बातें:
- केवल सरकारी या रजिस्टर्ड ऐप्स का इस्तेमाल करें।
- कोई भी व्यक्ति अगर आपको प्राइवेट पेमेंट लिंक भेजे, तो सतर्क रहें।
- पेमेंट हमेशा प्लेटफॉर्म के माध्यम से ही लें।
5. ऑनलाइन फसल बेचने का सही तरीका क्या है?
अब आपको समझाते हैं कि कैसे कोई किसान अपनी फसल को सही तरीके से ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर बेच सकता है:
- सही ऐप डाउनलोड करें:
गूगल प्ले स्टोर से eNAM, DeHaat, AgroStar जैसे ऐप डाउनलोड करें। - रजिस्ट्रेशन करें:
आधार कार्ड, मोबाइल नंबर और बैंक अकाउंट से रजिस्टर करें। - फसल की फोटो और डिटेल्स डालें:
कौन सी फसल है, कितनी है, किस क्वालिटी की है – ये सब। - रेट डालें या ऑफर लें:
या तो आप खुद रेट सेट कर सकते हैं या फिर खरीदार की बोली देख सकते हैं। - ऑर्डर कन्फर्म और डिलीवरी:
जब ऑर्डर मिले तो प्लेटफॉर्म की मदद से ट्रांसपोर्टेशन किया जाता है।
6. कौन-कौन सी फसलें सबसे ज्यादा बिकती हैं ऑनलाइन?
अभी भारत में जिन कृषि उत्पादों की सबसे ज्यादा डिमांड है, वो नीचे टेबल में दिए गए हैं:
फसल का नाम | क्यों ज्यादा बिकती है? |
गेहूं | रोजमर्रा का अनाज, लंबी शेल्फ लाइफ |
धान/चावल | पूरे भारत में खपत |
आलू और प्याज | लगातार डिमांड, स्टोरेज आसान |
हरी सब्जियाँ | होटल और घरों से सीधी डिमांड |
मसाले (हल्दी, मिर्च) | बड़ी प्रोसेसिंग कंपनियां खरीदती हैं |
7. क्या छोटे किसान भी इसका फायदा उठा सकते हैं?
बिलकुल, छोटे और सीमांत किसान तो सबसे ज्यादा फायदे में रहते हैं क्योंकि उनके पास लिमिटेड फसल होती है और मंडी तक जाने में खर्चा ज्यादा होता है।
छोटे किसानों के लिए खास टिप्स:
- समूह बनाकर सामूहिक रूप से फसल बेचना शुरू करें।
- मंडी की बजाय eNAM जैसे प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करें।
- सरकार से जुड़ी योजनाओं और ट्रेनिंग का लाभ लें।
8. सरकार कैसे मदद कर रही है?
सरकार ने कई योजनाएं और ऐप्स लॉन्च किए हैं ताकि किसानों को डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़ा जा सके।
कुछ प्रमुख सरकारी पहल:
- eNAM: 22 से ज्यादा राज्यों की मंडियां इससे जुड़ी हैं।
- PM-Kisan ऐप: जहां किसान पेमेंट की जानकारी और योजना का लाभ देख सकते हैं।
- कृषि ई-लर्निंग पोर्टल: डिजिटल खेती और मार्केटिंग सिखाता है।
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9. किसान की सोच कैसे बदलेगी?
अब वक्त आ गया है कि किसान सिर्फ “मंडी रेट” तक सीमित न रहे, बल्कि अपने दाम खुद तय करे। इसके लिए डिजिटल पढ़ाई, मोबाइल का इस्तेमाल और इंटरनेट की समझ जरूरी है।
बदलाव की शुरुआत कैसे करें?
- गांव में डिजिटल लर्निंग सेंटर खोलें।
- युवा किसानों को आगे लाएं।
- मोबाइल-प्रेमी बनें, जैसे स्मार्टफोन चलाना सीखा, वैसे ही ऑनलाइन बेचने का तरीका भी सीखें।

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10. रोचक फैक्ट्स – ऑनलाइन फसल बिक्री के बारे में
- भारत के 1.75 करोड़ से ज्यादा किसान eNAM से जुड़े हैं।
- बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश में सबसे तेजी से किसान ऑनलाइन बेच रहे हैं।
- अब QR कोड स्कैन करके भी फसल बेचने की शुरुआत हो चुकी है।
- WhatsApp जैसे प्लेटफॉर्म से भी छोटे ग्रुप में बिक्री हो रही है।
- कुछ ऐप्स फसल का फोटो डालते ही AI से उसकी कीमत का अनुमान बता देते हैं।
- Amazon और Flipkart जैसे ई-कॉमर्स साइट भी किसानों से जुड़ने लगे हैं।
- मध्य प्रदेश में एक किसान ने ऑनलाइन आम बेचकर ₹3 लाख कमाए!
- eNAM अब इंटरनेशनल मार्केट से भी लिंक हो रहा है।
- 2024 में पहली बार डिजिटल मंडी से टमाटर का सीधा एक्सपोर्ट हुआ।
- बहुत सारे स्टार्टअप अब किसान की बोली पर भी आधारित ऐप ला रहे हैं।
निष्कर्ष : ऑनलाइन फसल बिक्री प्लेटफॉर्म – एक किसान दोस्त की तरह समझिए ?
आज का किसान केवल हल नहीं चला रहा, वो अब मोबाइल भी चला रहा है। जो किसान स्मार्टफोन से व्हाट्सएप चला सकता है, वो eNAM या किसी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से भी अपनी फसल बेच सकता है। फायदा सीधा है – ज्यादा मुनाफा, कम खर्च, और खुला बाज़ार।
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