नमस्कार किसान भाइयों, अगर आप खेती करते हैं तो आप अच्छे से जानते होंगे कि अच्छी फसल के लिए सबसे जरूरी चीज होती है मिट्टी की उपजाऊ क्षमता। लेकिन समय के साथ मिट्टी की ताकत कम होती जाती है, और इसका असर सीधा फसल पर पड़ता है। ऐसे में सवाल उठता है मिट्टी की उपजाऊ क्षमता कैसे बढ़ाएं?
इस आर्टिकल में हम आपको सरल भाषा में बताएंगे कुछ ऐसे असरदार और प्राकृतिक तरीके, जिनसे आप अपनी खेत की मिट्टी को फिर से उपजाऊ बना सकते हैं और कम लागत में ज्यादा पैदावार हासिल कर सकते हैं।

1. हर साल फसल चक्र अपनाएं (Crop Rotation)
अगर आप भी हर साल एक ही तरह की फसल बैठे है तो मिट्टी के कुछ खास पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं। लेकिन अगर आप हर साल फसल बदलते रहेंगे, जैसे गेहूं के बाद मटर या चना, तो मिट्टी में नाइट्रोजन और दूसरे पोषक तत्वों का संतुलन बना रहेगा। ये तरीका मिट्टी की उपजाऊ क्षमता बढ़ाने का सबसे आसान और असरदार तरीका है।
2. गोबर खाद और जैविक खाद का इस्तेमाल करें।
केमिकल खाद से जितनी तेजी से फसल बढ़ाती है, उतनी ही तेजी से मिट्टी को खोखला भी कर देती है। इसके बजाय गोबर की खाद, वर्मी कम्पोस्ट और नीम की खली जैसी जैविक खादों का इस्तेमाल करें। ये खादें मिट्टी की बनावट को सुधारती हैं और उसमें मौजूद जीवाणुओं को एक्टिव बनाती हैं जो फसल के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं।
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3. हरी खाद (Green Manure) अपनाएं।
हरी खाद मतलब , ऐसी फसलें जो सिर्फ मिट्टी को उपजाऊ बनाने के लिए बोई जाती हैं, जैसे सनई या ढैंचा। इन्हें कटाई से पहले मिट्टी में मिला दिया जाता है, जिससे मिट्टी में ऑर्गेनिक मैटर और नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ती है। इससे फसल को बेहतर पोषण मिलता है।
4. जैविक कीटनाशकों का उपयोग करें।
आपको बता दें कि ज्यादा रासायनिक कीटनाशकों का इस्तेमाल मिट्टी के जीवाणुओं को नुकसान पहुंचाता है। इसलिए कोशिश करें कि नीम का तेल, लहसुन का घोल या गाय के गोमूत्र से बने जैविक कीटनाशकों का इस्तेमाल करें। इससे मिट्टी की गुणवत्ता बनी रहती है।
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5. मिट्टी की जांच करवाएं (Soil Testing)।
आपको हर दो-तीन साल में मिट्टी की जांच जरूर करवाएं। इससे आपको पता चलेगा कि आपकी मिट्टी में कौन-से पोषक तत्व कम हैं और कौन-से ज्यादा। फिर उसी हिसाब से खाद डालें। इससे फालतू खर्च भी बचेगा और मिट्टी की सेहत भी सुधरेगी।
6. मल्चिंग करें (Mulching Technique)।
फसल के अवशेषों या सूखे पत्तों को खेत में छोड़ना मल्चिंग कहलाता है। इससे नमी बनी रहती है, मिट्टी का कटाव रुकता है और इसमें जैविक तत्व बढ़ते हैं। ये तरीका गर्मी में बहुत फायदेमंद होता है।

7. सिंचाई का सही तरीका अपनाएं।
आपको बता दें कि बहुत ज्यादा पानी डालने से मिट्टी की ऊपरी परत बह जाती है और उपजाऊ तत्व नष्ट हो जाते हैं। इसलिए टपक सिंचाई (Drip Irrigation) या छिड़काव सिंचाई (Sprinkler Irrigation) अपनाएं जिससे पानी की भी बचत हो और मिट्टी की ताकत भी बनी रहे।
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8. जैव उर्वरकों का इस्तेमाल करें (Bio-fertilizers)।
राइजोबियम, एजोटोबैक्टर और फॉस्फेट सोल्युबिलाइजिंग बैक्टीरिया जैसे जैव उर्वरक मिट्टी में पोषक तत्वों की उपलब्धता बढ़ाते हैं। ये खेती के लिए बिल्कुल सुरक्षित और प्राकृतिक तरीका है।
निष्कर्ष:
अगर आप भी सोच रहे हैं कि मिट्टी की उपजाऊ क्षमता कैसे बढ़ाएं, तो ऊपर बताए गए तरीकों को जरूर अपनाएं। ये तरीके न केवल प्राकृतिक और सस्ते हैं, बल्कि आपकी फसल को भी मजबूत और ज्यादा उत्पादन देने वाली बनाएंगे।
मिट्टी की सेहत का ख्याल रखेंगे, तो फसल खुद-ब-खुद मुस्कुराएगी।