मैंकोजेब क्या है, कृषि मे इसका उपयोग | mancozeb in hindi
mancozeb in hindi : आधुनिक खेती में अच्छी उपज प्राप्त करने हेतु तरह-तरह के कृषि रसायनों का उपयोग होता रहता है। इन्हीं कृषि रसायनों में एक महत्वपूर्ण कृषि रसायन है मैंकोजेब जिसका उपयोग हमारे देश में बड़े पैमाने पर किया जाता है। अब प्रश्न उठता है कि आखिर यह मैंकोजेब क्या है? तथा आधुनिक खेती में इसका क्या महत्व है? तो चलिए किसान सहायता के इस खास आर्टिकल में हम मैंकोज़ेब को विस्तार से जानते हैं।
मैंकोजेब क्या है ? | what is mancozeb in hindi :
मैंकोज़ेब डिथियोकार्बामेट (Dithiocarbamats) समूह का एक अत्यंत प्रभावशाली रक्षक एवं साध्य कवकनाशी (Fungicide) है। यह कवकों की कोशिकाओं के एमिनो साइट्स और एंजाइम के सल्फरहाइड्रिल को निष्क्रिय करके उसके लिपिड चयापचय, श्वसन और उसके एटीपी (ATP) के उत्पादन को बाधित करता है जिसके परिणाम स्वरूप कवकों की मृत्यु हो जाती हैं।
कवकनाशीयों का राजा माना जाता है मैंकोजेब :
मैंकोजेब (mancozeb in hindi) एक ऐसा रक्षात्मक कवकनाशी है जो पौधों में रोग उत्पन्न करने वाले सभी चार प्रकार के कवकों को आसानी से नियंत्रण करते हुए पौधों में कवकों के विरुद्ध व्यापक प्रतिरोध उत्पन्न करता है। कवकों के विरुद्ध इसके कार्यों तथा पौधों में इसके महत्व को देखते हुए इसे ‘कवकनाशीयों का राजा’ यानी ‘The King of Fungicides’ के नाम से जाना जाता हैं।
सभी प्रकार के कृषि रसायनों के साथ संगत होता है मैंकोजेब :
कृषि मे उपयोग किया जाने वाले लगभग सभी प्रकार के कृषि रसायनों के साथ मैंकोजेब (mancozeb in hindi) संगत होता है। अतः चूना, सल्फर, बोर्डो मिश्रण तथा क्षारीय घोलो को छोड़कर लगभग सभी प्रकार के कृषि रसायनों के साथ मैंकोजेब को मिलाकर पौधों पर छिडकाव किया जा सकता है।
रोगों के शुरुआती अवस्थाओं मे काफी घातक होता है मैंकोजेब :
मैंकोजेब का उपयोग आमतौर पर पौधों में रोग उत्पन्न करने से पहले अथवा रोगों के शुरुआती अवस्था में ही करना चाहिए। रोगों के उग्र अवस्था मे मैंकोजेब (mancozeb in hindi) उतना प्रभावी नही होता जितना कि रोगों की शुरुआती अवस्थाओं में होता है। पौधों में लगने वाले रोगों के प्रभावी नियंत्रण के लिए जलवायु परिस्थितियों तथा रोग के गंभीरता के आधार पर 7 से 10 दिनों के अन्तराल पर मैंकोजेब का पत्तियों पर छिडकाव करते रहने से रोग नियंत्रण में काफी सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलता है।
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बीजोपचार मे भी काफी घातक होता है मैंकोजेब :
पौधों में लगने वाले विभिन्न प्रकार के रोगों से बचाव के लिए मैंकोजेब का बीजोपचार भी काफी उपयोगी सिद्ध होता है। बीजोपचार के लिए बीजों को 2.5 से 3 ग्राम प्रति लीटर पानी तथा कन्दो को 2.5 से 5 ग्राम प्रति लीटर पानी के साथ बीजोपचार किया जा सकता है। बीजों के लिए बीजों अथवा कन्दो को कम से कम 20 से 30 मिनट तक मैंकोजेब (mancozeb in hindi) के घोल मे उपचारित करना चाहिए।