सल्फर क्या है ? जानिए पौधों में इसके महत्व, कार्य एवं कमी के लक्षण | What is sulphur in hindi
what is sulphur hindi : फसलों की वृद्धि, विकास एवं अधिक उपज प्राप्त करने मे नाइट्रोजन, फास्फोरस एवं पोटाश के बाद चौथा सबसे महत्वपूर्ण पोषण तत्व है सल्फर (Sulphur) जिसे गंधक के नाम से भी जाना जाता है। भारतीय मृदाओं मे सल्फर की कम मात्रा में उपलब्धता तथा दलहन व तिलहन फसलों में सल्फर का अवशोषण फास्फोरस से भी अधिक मात्रा में होने के कारण एक अच्छी फसल उत्पादन मे इसका महत्व और बढ़ जाता है। आखिर पौधों में क्या है सल्फर के महत्व एवं फायदे इसी से सम्बंधित है हमारा आज का यह आर्टिकल। तो चलिए विस्तार से जानते है पौधों मे सल्फर के महत्व एवं इसके फायदे को
सल्फर क्या है ? | what is sulphur in hindi :
सल्फर पृथ्वी पर पाया जाने वाला पांचवा सबसे महत्वपूर्ण तत्व है जो आमतौर पर सल्फाइड एवं सल्फेट खनिजों के रूप में पृथ्वी पर मौजूद है। सल्फर (sulphur) जैव रासायनिक कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है क्यों कि यह सभी जीवित कोशिकाओं का एक आवश्यक घटक है। यह समस्त जीवधारियों के शरीर निर्माण के लिए एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व होता है।
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पौधों मे सल्फर का महत्व | importance of sulphur in plants in hindi :
सल्फर जैविक प्रक्रियाओं के द्वारा विभिन्न प्रकार के फसलों में मुख्य रूप से प्रोटीन, तेल, विटामिंस, सुगंध व तीखापन वाले यौगिक पदार्थों के निर्माण में विशेष योगदान देता है जिससे कि फसलों में एक विशेष प्रकार का गुण विकसित होता है। पौधों को जीवित रहने के लिए एमिनो एसिड जैसे तत्वों की आवश्यकता होती है जिसके निर्माण में भी सल्फर (sulphur) का महत्वपूर्ण भूमिका रहता है।
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पौधों को सल्फर के फायदे | benefits of sulphur in plants in hindi :
(A). सल्फर पत्तियों के क्लोरोफिल के निर्माण में सहायता करता है जिससे पौधों की पत्तियों का रंग हरा हो जाता है।
(B). यह प्रोटीन, अमीनो एसिड, तेल एवं विटामिन के निर्माण में सहायक होता है।
(C). दलहनी फसलों की जड़ ग्रंथियों का विशेष महत्व होता है। सल्फर इन फसलों की जड़ ग्रंथियों के निर्माण एवं विकास में सहायता प्रदान करता है।
(D). गंधक की उपस्थिति में पौधों में नाइट्रोजन एवं फास्फोरस की अवशोषण क्षमता में वृद्धि होती है।
(E). सल्फर अमीनो एसिड का अनिवार्य भाग होने के कारण प्रोटीन एवं रासायनिक द्रव्यों के निर्माण में सहायक होता हैं।
(F). यह सरसों, लेहसुन, प्याज एवं मिर्च जैसे फसलों में एक विशेष प्रकार के रंग, गंध एवं तीखापन विकसित करने का कार्य करता है जिससे कि इन फसलों की अहमियत बढ़ जाती है।
पौधों में सल्फर की कमी के लक्षण | sulphur deficiency symptoms in plants in hindi :
(A). सल्फर की कमी से पौधों की नई पत्तियां प्रभावित होकर पीली पड़ जाती हैं तथा पत्तियों के शिराओं के बीच का भाग हल्के हरे-पीले रंग का हो जाता है।
(B). इसकी अनुपस्थिति में पौधे की वृद्धि धीमी हो जाती है जिससे कि पौधे की विकास प्रभावित होती है।
(C). तिलहन फसलों में सल्फर की कमी की वजह से दानों में तेल की मात्रा में कमी हो जाती है इसके साथ ही साथ दलहन फसलों की जड़ ग्रंथियों का विकास रुक जाता है।
(D). इसकी कमी से अनाजों की क्वालिटी में गिरावट आती है जिससे कि इन अनाजों का बाजार मूल्य प्रभावित होती है।
Men kisan ka bachcha hun aap hamen asihi jankari pradan karte rahe jisse hamari fasalon ki upaze adhic ho thank you