खेती में काम आने वाले औजार कौन-कौन से हैं?||ये कैसे काम करते हैं?

नमस्कार किसान भाइयों, जैसा कि आप जानते है कि अगर आपको खेती करनी है तो आपके पास खेती करने के लिए औजार भी होने चाहिए जिनकी मदत से आप खेती कर सकते है और अपने खेत मे अच्छी फसल उग सकते है और अगर आपके पास औजार नहीं है तो आप खेती नहीं कर पाएंगे। खेती में काम आने वाले औजार कौन-कौन से हैं?

खेती करना अब पहले जैसा नहीं रहा। आज किसान सिर्फ मेहनत नहीं, मशीनों की समझदारी से भी फसलें उगा रहे हैं। पुराने जमाने के औजार जहां आज भी कुछ इलाकों में चलन में हैं, वहीं नई मशीनें खेतों को तेजी से तैयार कर देती हैं। मिट्टी जोतने से लेकर अनाज निकालने तक हर काम के लिए कोई न कोई औजार जरूर है। हर औजार का काम अलग होता है और उसका इस्तेमाल सही समय पर होना बहुत जरूरी होता है। अगर आप भी खेती करते हैं या करने की सोच रहे हैं, तो इन औजारों की जानकारी आपके बहुत काम आने वाली है।

खेती में काम आने वाले औजार कौन-कौन से हैं

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खेती में इस्तेमाल होने वाले औजारों की लिस्ट और उनका काम:

औजार का नाममुख्य उपयोगआधुनिक विकल्प
हलमिट्टी पलटना और खेत तैयार करनाट्रैक्टर जोत मशीन
ट्रैक्टरहर प्रकार का खेत कार्यस्मार्ट ट्रैक्टर, मिनी ट्रैक्टर
सीड ड्रिलबीज को एक जैसी दूरी और गहराई पर बोनाऑटोमैटिक बीज बोने वाली मशीन
कल्टीवेटरमिट्टी को भुरभुरी और समतल बनानापावर टिलर, हैवी कल्टीवेटर
रोटावेटरमिट्टी को बारीक करना और खरपतवार मिटानामल्टी-स्पीड रोटावेटर
स्प्रेयर मशीनकीटनाशक या दवा छिड़कावबैटरी स्प्रेयर, ट्रैक्टर स्प्रेयर
थ्रेशर मशीनअनाज और भूसा अलग करनाPTO थ्रेशर, मल्टीक्रॉप थ्रेशर

1. हल: मिट्टी पलटने वाला सबसे पुराना औजार?

हल खेती का वो औजार है जो सदियों से किसानों का साथी बना हुआ है। पहले के समय में इसे बैल या ऊँट से खींचा जाता था और अब ट्रैक्टर से भी चलाया जाता है। इसका काम है खेत की मिट्टी को पलटना, ताकि वो फसल के लिए तैयार हो सके। हल मिट्टी की ऊपरी परत को तोड़ता है जिससे उसमें हवा और नमी बनी रहती है। इससे पुराने पौधों की जड़ें भी मिट्टी में मिल जाती हैं। अब कई जगहों पर लोहे के मजबूत हल का इस्तेमाल होने लगा है जो गहराई तक मिट्टी पलटता है।

हल से जुड़े काम:

  1. मिट्टी को पलटने से उसमें नई उर्वरता आती है जो फसल के लिए जरूरी है।
  2. हल खेत में एकसमान जोताई करता है जिससे बीज बोना आसान होता है।
  3. बारिश से पहले हल चलाना जमीन की पकड़ को मजबूत करता है।
  4. पुराने खरपतवार मिट्टी में मिल जाते हैं जिससे खेत साफ होता है।
  5. अब लोहे के आधुनिक हल ज्यादा टिकाऊ और गहरे जोतने वाले बन गए हैं।

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2. ट्रैक्टर: खेती को तेज़ और आसान बनाने वाला औजार?

ट्रैक्टर आज के समय में किसान का सबसे भरोसेमंद औजार बन चुका है। यह एक ऐसी मशीन है जिसे कई खेती के उपकरणों से जोड़ा जा सकता है और हर मौसम में इस्तेमाल किया जा सकता है। ट्रैक्टर से खेत जोता जा सकता है, बीज बोए जा सकते हैं, स्प्रे किया जा सकता है और यहां तक कि फसल की कटाई भी हो सकती है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि ये बहुत सारा काम अकेले कर सकता है, जिससे समय और मज़दूरी दोनों की बचत होती है। आज छोटे ट्रैक्टर भी आ चुके हैं जो छोटे किसानों के लिए काफी फायदेमंद हैं।

ट्रैक्टर के फायदों की झलक:

  1. खेती के लगभग हर काम में ट्रैक्टर की भूमिका होती है।
  2. समय पर बुवाई और कटाई कर पाने में मदद करता है।
  3. भारी औजारों को खींचने में भी सक्षम होता है।
  4. छोटे ट्रैक्टर छोटे खेतों में भी आराम से काम कर सकते हैं।
  5. ट्रैक्टर से जुड़े औजारों की संख्या बहुत बढ़ चुकी है।

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3. सीड ड्रिल: बीज बोने का नया और सटीक तरीका?

आपको बता दें कि सीड ड्रिल का नाम आपने जरूर सुना होगा, खासकर तब जब बात आती है एक समान और सही गहराई पर बीज बोने की। यह मशीन खेत में एकदम सीधे और सटीक लाइन में बीज बोती है जिससे पौधों की बढ़त में समानता बनी रहती है। इसके साथ-साथ इसमें खाद डालने की सुविधा भी होती है जिससे किसान एक साथ दो काम कर सकता है। इसके इस्तेमाल से बीज की बर्बादी नहीं होती और फसल का अंकुरण बेहतर होता है। अब यह मशीनें बैलगाड़ी से लेकर ट्रैक्टर तक पर आसानी से लगाई जा सकती हैं।

सीड ड्रिल की खूबियाँ:

  1. बीज एक ही गहराई और दूरी पर बोए जाते हैं।
  2. समय और बीज दोनों की बचत होती है।
  3. खाद डालने का काम भी साथ में हो जाता है।
  4. पौधों की ग्रोथ एक जैसी होती है जिससे उत्पादन बढ़ता है।
  5. हर तरह की जमीन पर इस्तेमाल करने के लिए अलग-अलग वेरायटी आती है।

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4. कल्टीवेटर: खेत को बारीक मिट्टी में बदलने वाला औजार?

आपको बता दें कि कल्टीवेटर का इस्तेमाल खेत की मिट्टी को भुरभुरी करने के लिए किया जाता है ताकि बीज आसानी से जम सके। जब खेत में मिट्टी बहुत सख्त हो जाती है या पिछले फसल की जड़ें मिट्टी में रह जाती हैं, तब यह औजार कमाल करता है। ट्रैक्टर के पीछे जोड़ा जाने वाला यह औजार खेत में गहराई तक जाकर मिट्टी को उलट-पलट कर देता है। इससे मिट्टी में हवा भी पहुंचती है और नमी भी बनी रहती है। इसका इस्तेमाल बोआई से पहले और बाद दोनों समय किया जा सकता है।

कल्टीवेटर की खास बातें:

  1. मिट्टी को बारीक और मुलायम बनाता है जिससे बीज जल्दी उगते हैं।
  2. पिछले फसल की बची जड़ों को मिट्टी में मिला देता है।
  3. खरपतवार भी इसी दौरान खत्म हो जाते हैं।
  4. पानी और खाद मिट्टी में अच्छे से मिल जाते हैं।
  5. खेत की सतह को समतल करने में भी मदद करता है।

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5. रोटावेटर: गहराई तक जोतने वाली मशीन?

आप सबसे पहले जान लें कि रोटावेटर एक तरह से खेत की सफाई और जोताई का काम एक साथ करता है। यह मशीन मिट्टी को इतनी बारीकी से तोड़ती है कि खेत झटपट बोआई के लिए तैयार हो जाता है। पराली, खरपतवार और पुराने पौधों की जड़ें सब इसमें मिट्टी में अच्छी तरह मिल जाते हैं। यह खासकर उन किसानों के लिए बेहतर है जो बार-बार हल या कल्टीवेटर नहीं चलाना चाहते। समय की बचत के साथ यह खेत की उर्वरकता भी बढ़ाता है, और इसे ट्रैक्टर से जोड़ा जा सकता है।

रोटावेटर से होने वाले लाभ:

  1. मिट्टी बहुत बारीक और एकसमान हो जाती है।
  2. पुराने अवशेष मिट्टी में गलकर खाद बन जाते हैं।
  3. बोआई के लिए तुरंत खेत तैयार हो जाता है।
  4. यह मिट्टी की सतह को समतल और नर्म करता है।
  5. ट्रैक्टर से आसानी से जोड़ा जा सकता है।

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6. स्प्रेयर: दवाइयों और पोषक तत्वों को फैलाने वाला यंत्र?

फसल को रोगों और कीड़ों से बचाना खेती का एक अहम हिस्सा है और यही काम स्प्रेयर मशीन करती है। यह मशीन कीटनाशक या तरल खाद को पौधों पर छिड़कने के काम आती है। कुछ स्प्रेयर हाथ से चलते हैं, कुछ बैटरी से और कुछ ट्रैक्टर से भी जोड़े जाते हैं। इससे दवा बहुत बारीक बूंदों के रूप में फैलती है जो हर पत्ते तक पहुंचती है। इसका इस्तेमाल खासकर तब होता है जब फसल पर कोई रोग लगने की शुरुआत हो रही हो या पौधों को पोषण देना हो।

स्प्रेयर से होने वाले फायदे:

  1. दवा पूरे पौधे पर बराबर तरीके से चढ़ती है।
  2. फसल को बीमारी और कीट से बचाव मिलता है।
  3. बैटरी और ट्रैक्टर से चलने वाले विकल्प उपलब्ध हैं।
  4. हाथ से छिड़काव की तुलना में बहुत तेज़ और असरदार होता है।
  5. फसल की ग्रोथ और सेहत पर इसका सीधा असर पड़ता है।

7. थ्रेशर: अनाज अलग करने वाली मशीन?

तो भाइयों , थ्रेशर का इस्तेमाल फसल कटाई के बाद होता है, जब अनाज को पौधे से अलग करना होता है। यह मशीन तेज़ी से सूखी फसल को घुमाकर भूसा और अनाज अलग करती है। हाथ से यह काम करने में बहुत समय और मज़दूरी लगती है, लेकिन थ्रेशर से यही काम कुछ घंटों में हो जाता है। यह खासकर गेहूं, धान, चना जैसी फसलों में उपयोगी है। अब कई तरह के थ्रेशर आ चुके हैं कुछ डीजल से चलते हैं, कुछ बिजली से और कुछ ट्रैक्टर PTO से भी जुड़ जाते हैं।

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थ्रेशर की खास बातें:

  1. अनाज जल्दी और सुरक्षित तरीके से अलग हो जाता है।
  2. फसल की बर्बादी बहुत कम होती है।
  3. भूसा भी अलग निकलता है जो पशुओं के लिए उपयोगी होता है।
  4. समय और मज़दूरी दोनों की भारी बचत होती है।
  5. छोटे किसान भी इसे किराए पर लेकर उपयोग कर सकते हैं।

निष्कर्ष: खेती आसान तब होती है जब औजारों की पहचान हो?

खेती में जब आप सही औजार सही समय पर इस्तेमाल करते हैं तो न सिर्फ मेहनत कम लगती है बल्कि फसल भी शानदार होती है। हल, ट्रैक्टर, थ्रेशर या स्प्रेयर, हर औजार की अपनी एक खास जगह है। समझदारी इसी में है कि आप अपने खेत, फसल और बजट के हिसाब से औजारों को चुनें और उनका पूरा फायदा उठाएं।

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