केसर की खेती: कम जमीन में ज्यादा मुनाफे वाला व्यवसाय?

किसान भाइयों को मेरा नमस्कार ,अगर आप खेती में कुछ अलग और महंगा उगाना चाहते हैं तो केसर की खेती आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। केसर यानी जाफरान दुनिया का सबसे महंगा मसाला माना जाता है। इसे उगाने के लिए थोड़ी मेहनत और सही तकनीक चाहिए, लेकिन मुनाफा बहुत अच्छा मिलता है। आइए जानते हैं केसर की खेती कैसे शुरू करें, इसके लिए जरूरी बातें क्या हैं और आप इसमें किस तरह फायदा कमा सकते हैं।

केसर की खेती: कम जमीन में ज्यादा मुनाफे वाला व्यवसाय?

केसर की खेती के लिए सही जगह और मौसम?

केसर की खेती के लिए सही जगह और सही मौसम बहुत जरूरी है। ज्यादातर लोग सोचते हैं कि केसर सिर्फ कश्मीर में ही उगाया जा सकता है, लेकिन अब हिमाचल, उत्तराखंड और मध्य भारत के कुछ हिस्सों में भी इसकी खेती होने लगी है।

  1. ऊँचाई का महत्व:
    पहाड़ी इलाकों में 1500 से 2500 मीटर की ऊँचाई के बीच केसर अच्छी तरह उगता है। इससे फूलों की क्वालिटी बढ़िया रहती है।
  2. ठंडा और सूखा मौसम:
    केसर को ज्यादा ठंड और नमी वाली जगह पसंद है। गर्म और ज्यादा बारिश वाले इलाके में इसे उगाना मुश्किल होता है।
  3. सूरज की रोशनी:
    खेत को खुली धूप मिलनी चाहिए, ताकि केसर के पौधे मजबूत और स्वस्थ रहें।

Also read – मक्का की बुवाई कब करें: सही वक्त पर बुवाई से बढ़ेगी पैदावार। 

केसर उगाने के लिए मिट्टी कैसी होनी चाहिए?

मिट्टी का चुनाव केसर की खेती में सबसे जरूरी हिस्सा है। सही मिट्टी नहीं होगी तो उत्पादन पर असर पड़ता है।

  1. भू-गर्भ जल निकासी अच्छी हो:
    मिट्टी ऐसी होनी चाहिए जिसमें पानी ज्यादा देर तक न रुके, वरना पौधे सड़ सकते हैं।
  2. दोमट मिट्टी सबसे बेहतर:
    हल्की बलुई दोमट मिट्टी केसर के लिए बढ़िया मानी जाती है। इसमें पौधे को जरूरी पोषक तत्व आसानी से मिलते हैं।
  3. pH लेवल संतुलित रखें:
    मिट्टी का pH लेवल 6 से 8 के बीच होना चाहिए। इसके लिए आप खेत की मिट्टी की जांच जरूर करवा लें।

केसर की खेती में बीज और बुवाई का सही तरीका?

आपको बता दें कि बीज अच्छी क्वालिटी के हों तो उत्पादन ज्यादा और अच्छा होगा। इसके लिए आपको सही किस्म और सही तरीके से बुवाई करनी होगी।

  1. अच्छे बल्ब चुनें:
    मजबूत और बड़े बल्ब ही खेत में लगाएं। सड़े-गले बल्बों से बीमारी फैल सकती है।
  2. बुवाई का सही समय:
    केसर की बुवाई जुलाई से सितंबर के बीच करना सही माना जाता है। इससे फूल अक्टूबर-नवंबर में आते हैं।
  3. बीजों की दूरी रखें:
    बल्बों को 10 से 12 सेमी की दूरी पर लगाना चाहिए ताकि पौधों को बढ़ने की जगह मिल सके।

Also read – मक्का की पैदावार कैसे बढ़ाएं: आसान भाषा में पूरी जानकारी।

केसर की देखभाल और सिंचाई?

केसर की खेती में ज्यादा सिंचाई की जरूरत नहीं होती लेकिन देखभाल में कोताही यानि लापरवाही नहीं करनी चाहिए।

  1. हल्की सिंचाई करें:
    केसर को ज्यादा पानी पसंद नहीं होता। मिट्टी को सिर्फ हल्का नमीदार रखें।
  2. खरपतवार हटाते रहें:
    खेत में खरपतवार न जमने दें वरना पौधे कमजोर पड़ जाएंगे। समय-समय पर निराई जरूरी है।
  3. कीट नियंत्रण:
    केसर के पौधों में ज्यादा कीड़े नहीं लगते, लेकिन अगर लगें तो जैविक दवाइयों का इस्तेमाल करें।
केसर की खेती: कम जमीन में ज्यादा मुनाफे वाला व्यवसाय?

केसर की तुड़ाई और प्रोसेसिंग:

सबसे खास बात केसर की तुड़ाई और प्रोसेसिंग में है। सही तरीके से तोड़ना और सुखाना ही इसकी क्वालिटी तय करता है।

Also read – Gerbera Flower in Hindi– गर्बेरा फूल: रंग-बिरंगी खुशियों की कहानी।

  1. फूल सही समय पर तोड़ें:
    सुबह के वक्त फूल तोड़ना सबसे सही रहता है क्योंकि उस वक्त फूल पूरी तरह खुले होते हैं।
  2. स्त्रीगन निकालें:
    फूल से केसर निकालने के लिए लाल रंग की तीन पतली तंतुओं (स्त्रीगन) को अलग किया जाता है। यही असली केसर होता है।
  3. धूप में सुखाएं:
    निकाले गए केसर को छांव या हल्की धूप में सुखाकर बंद डिब्बों में रखें ताकि खुशबू बनी रहे।

निष्कर्ष:

तो दोस्तों, अगर आप कम जमीन में ज्यादा कमाई चाहते हैं तो केसर की खेती जरूर ट्राई करें। थोड़ी मेहनत और सही जानकारी से आप भी ‘लाल सोना’ उगा सकते हैं। उम्मीद है यह जानकारी आपको पसंद आई होगी। ऐसी ही और खेती से जुड़ी जानकारियों के लिए मेरी वेबसाइट पर जरूर लौटें — मिलते हैं अगले लेख में एक नई जानकारी के साथ।

अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आया तो आप मुझे कमेन्ट बॉक्स मे बताइए, मैं आपके लिए ऐसे ही और बढ़िया आर्टिकल लिखता रहूंगा।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top