भारतीय किसान की जानकारी | indian farmer information in hindi

Indian farmer information in hindi : निःसंदेह भारतीय किसानों का भूमि से गहरा संबंध रहा है वह भूमि को माता की तरह पूजा करता तथा अपने द्वारा उत्पादित फसलों को वह अपने पुत्रो के समान ही पालन पोषण व उसकी रक्षा करना ही उसकी मुख्य पेशा है। कृषि उनके लिए केवल जीवन निर्वाह का साधन मात्र ही नहीं बल्कि वह प्रगति का पवित्र वह परिपूर्ण सुप्रमारिगत पथ हैं। भारतीय किसान (indian farmer) भूमि से बंढा हुआ, भूमि का दास होता है।

सुबह की पहली किरण से लेकर सूर्यास्त तक कड़ाके की ठंड हो या चिलचिलाती धूप तनिक भी विचलित ना होने वाला भारतीय किसान वास्तव में धरती माता का सच्चा सपूत होता हैं। पृथ्वी पुत्र कहा जाने वाला भारतीय किसान (indian farmer) वास्तव में पृथ्वी का स्वामी होता है जो जीवन भर भूमि से सोना उगाने का कार्य करता रहता है तथा अपने श्रम से अपना, अपने परिवार के साथ ही साथ संसार के पेट को भरने का कार्य करना ही उसकी तपस्या रही हैं। यही कारक है कि किसानों को भारत की आत्मा कहा जाता है जो गांव में निवास करता है।

आखिर अर्श से फर्श पर कैसे पहुंच गया भारतीय किसान (indian farmer) :

एक पुरानी कहावत है “उत्तम खेती मध्यम बान अधम चाकरी भीख निदान” अर्थात भारतीय समाज के दृष्टिकोण से कृषि कार्य सबसे उत्तम कार्य है, व्यापार मध्यम वर्ग का व नौकरी निकृष्ट वर्ग का जबकि भीख मांगना सबसे नीच कार्य के श्रेणी में रखा जाता है। प्राचीन काल से ही सतीक चली आ रही यह कहावतें आखिर आधुनिक काल में यह उलट कैसे हो गई। आज खेती किसानी सबसे निकृष्ट कार्य, व्यापार मध्य वर्ग का जबकि नौकरी सबसे उच्च श्रेणी का कार्य कैसे हो गयी।

विज्ञान के इस युग में खेती किसानी इतनी मंदहारी के दौड़ से क्यों गुजर रही है। प्राचीन काल की सबसे उत्तम कार्य रहा कृषि, अब आमदनी का जरिया क्यों नहीं रह गया। देश में अनेकों किसान कृषि को छोड़ने पर क्यों विवश हो रहे हैं। आज  किसानों के बेटे अपने परंपरागत व्यवसाय कृषि को अपनाना ही नहीं चाहते क्यों। गांव के युवा रोजगार के लिए शहरों की ओर क्यों भाग रहे हैं जबकि उनके पास कृषि योग्य काफी जमीन मौजूद है जिस पर वे कृषि कार्य करके काफी अच्छी जीवन निर्वाह कर सकते हैं फिर भी खेती नहीं करना चाहते आखिर क्यों। देश के अधिकतर भारतीय किसान कृषि से दो वक्त की रोटी जुटाने में भी असमर्थ है आखिर क्यों।

भारतीय किसानों (indian farmers) की इस मंदहारी का जिम्मेदार कौन है ? :

आखिर भारतीय किसानों की इस मंदहारी का जिम्मेदार कौन है ?  हम, आप, हमारा समाज, हमारी सरकारी तंत्र या वे लोग जो इन किसानों के लिए नीति निर्धारण करने का कार्य करते हैं। आजादी के इतने वर्ष बीत जाने के बावजूद आखिर भारतीय किसान इतना बदहाल क्यों है। क्या इसके पीछे की जिम्मेदार वे सरकारे रही है जो चुनाव के समय भारतीय किसानों से वोट बैंक के लिए तरह-तरह की घोषणाएं तो करती हैं परन्तु चुनाव खत्म होने के बाद राजनीतिक जरिया बनाकर सिर्फ अपना उल्लू सीधा करती आ रहे हैं। किसानों के हितो व आर्थिक तंगहाली की बातें तो सभी लोग करते हैं पर क्या वे लोग इन किसानों के लिए कुछ करते हैं।

जरा सोचिए।

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