डीएपी उर्वरकों पर मिलने वाली सब्सिडी मे 140 % की वृद्धि, बढते दामों के बावजूद मिलेगा 1200 मे डीएपी
DAP Fertilizer new price 2021: डीएपी के बढते दामों से परेशान देश के किसानों के लिए एक बडी खबर है। केंद्र की मोदी सरकार ने डीएपी उर्वरकों पर दिये जाने वाले सब्सिडी मे 140 फीसदी की भारी वृद्धि की है। अतः अब किसानों को डीएपी की प्रति बोरी पर ₹ 500 के बजाय ₹ 1200 की सब्सिडी मिलेगा। बढती सब्सिडी का सीधा लाभ देश के किसानों की लागत पर पडेगा। अतः अब किसान पुराने दामों पर ही इस उर्वरकों को खरीद पायेंगे।
सब्सिडी वृद्धि से सरकार को उठाना पड़ेगा 14775 करोड़ का अतिरिक्त भार :
डीएपी उर्वरक पर दिये जाने वाले सब्सिडी मे वृद्धि की वजह से केन्द्र की मोदी सरकार पर लगभग 14775 करोड़ रुपये की अतिरिक्त भारो का सामना करना पड सकता है। इसके उलट अन्तर्राष्ट्रीय बाजारों में डीएपी के बढते दामों के बावजूद किसानों को पुराने दरो पर ही इस उर्वरक को खरीदने का मौका मिलेगा।
इफको के पास मौजूद है पुराने दर पर 11 लाख टन से भी ज्यादा का फास्फेटिक उर्वरक :
वही इफको (IFFCO) ने अपने आधिकारिक बयान में कहा है कि उसके पास अभी भी बाजार में डीएपी (DAP) तथा एनपीके (NPK) की लगभग 11.26 लाख टन उर्वरक उपलब्ध है। अतः इफको किसानों को हितों को सर्वोपरि रखते हुए बाजार में उपलब्ध पुराने दरों वाले उर्वरकों को वह पुराने दर पर ही बेचेगा। बाजार में पुराने दरों पर उपलब्ध फास्फेटिक उर्वरकों के खात्मे के बाद वह किसानों के हितों को ध्यान में रखकर आगे का फैसला लेगा। अतः किसान पुराने दर पर उपलब्ध इन फास्फेटिक उर्वरकों को विभिन्न इफको सेन्टर से पुराने दरों पर ही खरीद सकते है।
आखिर क्या है डीएपी उर्वरक (DAP Fertilizer) :
डीएपी एक महत्वपूर्ण फास्फेटिक उर्वरक है जिसमें 18% नाइट्रोजन के साथ 46% फास्फोरस तत्व पाया जाता है। डीएपी मे पाया जाने वाले इन 46% फास्फोरस मे 39.5% घुलनशील जबकि बाकी अघुलनशील रुपो मे उपलब्ध होता है। फास्फोरस पौधों की जडों के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके अतिरिक्त यह फलीदार फसलों की जड़ों में स्थित ग्रंथियों की संख्या तथा आकार में भी वृद्धि करता है जिससे पौधों में नाइट्रोजन के स्थिरीकरण में सहायता मिलती है। आप को बता दें कि रबी तथा खरिफ की फसलों की बुआई के लिए डीएपी व एनपीके सहित फास्फेटिक उर्वरकों का विशेष महत्व होता है। अतः किसान गेहूं, आलू सहित अपनी विभिन्न प्रकार के रबी फसलों की बुआई के लिए इस रासायनिक उर्वरकों का खूब प्रयोग करते है।
ऐसे समझे डीएपी (DAP Fertilizer) फास्फेटिक उर्वरकों के दामों में परिवर्तन का गणित :
भारत यूरिया के मामले में लगभग आत्मनिर्भर है जबकि फास्फेटिक उर्वरक जैसे कि डीएपी (DAP Fertilizer), एनपीके आदि के मामले में यह विभिन्न देशों से आयात के माध्यम से ही पूरी करता है। इन रासायनिक उर्वरकों का क्रय डालर के माध्यम से की जाती है और डालर का मूल्य समय-समय पर बदलता रहता है। दुसरी तरफ इन रासायनिक उर्वरकों की आपूर्ति व कीमतों पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं होता है। कम्पनियां अपनी घाटों से बचने के लिए समय-समय पर इन उर्वरकों के मूल्यों मे परिर्वतित करती रहती है। अतः सरकार कुछ हद तक इन रासायनिक उर्वरकों को मूल्यों में परिवर्तन होने देती है तथा कम्पनियों को इसका सब्सिडी देती रहती हैं।
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