हैप्पी सीडर अनुदान: 50% सब्सिडी कैसे लें?: प्रणाम किसान भाइयों , जैसा कि आप जानते है कि जब किसान भी खेती में टेक्नॉलजी का इस्तेमाल करते है तो मेहनत कम और मुनाफा ज्यादा होता है किसान भी अब पुराने तरीकों से आगे बढ़कर आधुनिक मशीनों का सहारा ले रहे है इन्हीं में से एक है हैप्पी सीडर मशीन, जो खासकर उन किसानों के लिए वरदान है जो पराली जलाने की समस्या से परेशान रहते हैं। सरकार भी अब इस दिशा में किसानों को बढ़ावा दे रही है और हैप्पी सीडर मशीन खरीदने पर 50% तक का अनुदान यानी सब्सिडी दे रही है।

किसान भाइयों हैप्पी सीडर मशीन क्या है
तो दोस्तों आपको बता दें कि हैप्पी सीडर एक आधुनिक कृषि यंत्र है जो गेहूं की बुवाई करते समय खेत में पड़ी पराली को हटाने की बजाय उसी में मिलाकर बीज बो देता है। इससे न सिर्फ खेत की उर्वरता बढ़ती है बल्कि पराली जलाने की ज़रूरत भी नहीं पड़ती। ये मशीन ट्रैक्टर से चलती है और बहुत कम समय में बड़े खेत में बुवाई का काम पूरा कर देती है। इससे खेत साफ करने, जुताई और बुवाई – तीनों काम एक साथ हो जाते हैं।
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सरकार क्यों दे रही है 50% सब्सिडी?
किसान भाइयों इस मे सरकार का मकसद यह है कि किसान पराली न जलाएं क्योंकि इससे प्रदूषण बढ़ता है इसलिए कृषि विभाग की तरफ से किसानों को हैप्पी सीडर अनुदान योजना के तहत मशीन खरीदने पर 50% सब्सिडी दी जाती है। यानी अगर मशीन की कीमत लगभग 1.5 लाख रुपये है तो किसान को केवल करीब 75 हजार रुपये देने होंगे। वहीं, किसान समूह या सहकारी समिति को 80% तक की सब्सिडी मिल सकती है।
किसान भाई आवेदन प्रक्रिया कैसे करें
दोस्तों , अब सवाल ये आता है कि किसान भाइयों को यह सब्सिडी कैसे मिलेगी। इसका तरीका बहुत आसान है –
- सबसे पहले किसान को अपने राज्य की कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा, जैसे agrimachinery.nic.in या राज्य कृषि पोर्टल।
- वहां कृषि यंत्र अनुदान योजना या Happy Seeder Subsidy के नाम से विकल्प मिलेगा।
- किसान को ऑनलाइन आवेदन करना होगा जिसमें आधार कार्ड, भूमि की जानकारी, बैंक पासबुक और ट्रैक्टर का पंजीकरण नंबर जैसी डिटेल भरनी होती है।
- आवेदन स्वीकार होने के बाद कृषि विभाग से वेरिफिकेशन किया जाता है।
- उसके बाद चयनित किसान को अनुदान की स्वीकृति मिलती है और मशीन खरीदने पर राशि उनके बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाती है
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हैप्पी सीडर मशीन के फायदे क्या क्या है?
यह मशीन सिर्फ एक कृषि यंत्र नहीं बल्कि पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद समाधान है।
- इससे पराली जलाने की समस्या खत्म होती है और वायु प्रदूषण नहीं फैलता।
- खेत की मिट्टी में ऑर्गेनिक पदार्थ बढ़ता है, जिससे फसल की पैदावार में सुधार होता है।
- किसानों को अलग से खेत जोतने या साफ करने की जरूरत नहीं होती, जिससे डीजल और समय दोनों की बचत होती है।
- खेत में नमी बनी रहती है और गेहूं की फसल जल्दी तैयार होती है।
- इसके इस्तेमाल से मशीनरी लागत घटती है, जिससे कुल खेती का खर्च कम होता है।

Fact About: हैप्पी सीडर अनुदान: 50% सब्सिडी कैसे लें?
- हैप्पी सीडर मशीन की तकनीक भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) ने विकसित की थी।
- पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में इस मशीन की सबसे ज़्यादा डिमांड है।
- इस मशीन के इस्तेमाल से पराली से निकलने वाला लगभग 80% प्रदूषण रोका जा सकता है।
- केंद्र सरकार ने इसके लिए “सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर मेकनाइजेशन (SMAM)” के तहत अलग बजट जारी किया है।
- कई राज्यों में अब कस्टम हायरिंग सेंटर खोले गए हैं, जहां किसान बिना खरीदे भी यह मशीन किराए पर ले सकते हैं।
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किसान भाइयों के लिए एक सलाह:
दोस्तों , अगर आप किसान हैं और हर साल पराली से परेशान होते हैं, तो हैप्पी सीडर मशीन आपके लिए एक बढ़िया निवेश साबित हो सकती है। सरकार की इस योजना का फायदा उठाकर आप न सिर्फ खेती को आसान बना सकते हैं। तो दोस्तों , आपको यह आर्टिकल कैसा लगा अगर अच्छा लगा हो तो आप हमे कमेन्ट बॉक्स में जरूर बताएं।