डीएपी उर्वरक क्या है कृषि मे इसका उपयोग एवं महत्व | dap fertilizer uses in plants in hindi

डीएपी उर्वरक (DAP Fertilizer) : कृषि मे रासायनिक उर्वरकों का विशेष महत्व है। यह रासायनिक उर्वरक फसलों को तरह-तरह के पोषक तत्वों की पूर्ति करते हैं तथा एक सफल फसलोत्पादन मे महत्वपूर्ण योगदान देते है। इन्हीं रासायनिक उर्वरकों में एक महत्वपूर्ण रासायनिक उर्वरक है डीएपी उर्वरक (dap fertilizer)। आखिर क्या है डीएपी उर्वरक ?, कृषि मे क्या है इसका महत्व एवं उपयोग इसी से सम्बंधित है हमारा आज का यह आर्टिकल। तो चलिए विस्तार से डीएपी उर्वरक के बारे मे।

डीएपी उर्वरक क्या है ? | what is DAP fertilizer in hindi :

डीएपी (DAP) जिसका पूरा नाम डाई अमोनियम फास्फेट है एक प्रकार का क्षारीय प्रकृति का रासायनिक उर्वरक है। यह भारत सहित विश्व की सर्वाधिक लोकप्रिय एवं महत्वपूर्ण फास्फेटिक उर्वरको मे से एक है। इसका उपयोग हमारे देश में व्यापक पैमाने पर किया जाता है। 1960 के दशक से खोजी गई यह रासायनिक उर्वरक हरित क्रांति के बाद देखते ही देखते देश की सबसे महत्वपूर्ण फास्फेटिक उर्वरको मे से एक बन गई।

पौधों के लिए महत्वपूर्ण 46% फास्फोरस के साथ 18% नाइट्रोजन उपलब्ध कराता है डीएपी उर्वरक :

पौधों के पोषण के लिए डीएपी उर्वरक (dap fertilizer) नाइट्रोजन एवं फास्फोरस की प्राप्ति हेतु एक उत्कृष्ट स्त्रोत है। जिसमें 18% नाइट्रोजन सहित 46% फास्फोरस पाया जाता है। डीएपी उर्वरक (dap fertilizer) मे पाया जाने वाला इन पोषक तत्वों मे 39.5% घुलनशील फास्फोरस एवं 15.5% अमोनियम नाइट्रेट के साथ 50 किग्रा बोरों के साथ बाजार मे बिक्री हेतु उपलब्ध होता है।

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कृषि मे डीएपी उर्वरक का उपयोग | dap fertilizer uses in plants in hindi :

पौधों की सम्पूर्ण जीवन काल मे कुल 16 पोषण तत्वों की आवश्यकता होती है जिसमें नाइट्रोजन एवं फास्फोरस एक महत्वपूर्ण एवं प्रारंभिक पोषण तत्व माना जाता है। डीएपी उर्वरक (dap fertilizer) इन पोषण तत्वों की पूर्ति हेतु एक उत्कृष्ट स्त्रोत है। जो मृदा के सम्पर्क में आने पर पानी की उपस्थिति में आसानी से घुल कर पौधों के लिए नाइट्रोजन एवं फास्फोरस की पूर्ति करता है। डीएपी मे पाया जाने वाला नाइट्रोजन अमोनिया के रूप में उपलब्ध होता है जो मृदा मे मौजूद बैक्टीरिया के द्वारा आसानी से नाइट्रेट के रुप में परिवर्तन हो कर पौधों को प्राप्त होते रहते हैं। इसके अतिरिक्त इसमे पाया जाने वाला फास्फोरस भी मृदा के सम्पर्क में आने पर आसानी से घुलकर पौधों की जडों के विकास कराने में काफी योगदान देते है इसके अतिरिक्त यह पौधों के कोशिकाओं के विभाजन, न्यूक्लिक अम्ल व फास्फोलिपिड्स के निर्माण के भी योगदान देते हैं।

अमोनिया के साथ फास्फोरिक एसिड के माध्यम से तैयार होता है डीएपी उर्वरक :

डीएपी उर्वरक अमोनिया के साथ फास्फोरिक एसिड की एक वैज्ञानिक प्रक्रिया के द्वारा तैयार किया जाता है जो गर्म घोल को ठंडा करते हुए छलनी के माध्यम से दानेदार रूप में प्राप्त किया जाता है। लगभग 1000 किग्रा डीएपी (dap fertilizer) तैयार करने में 1500 से 2000 की किग्रा फास्फेट राक और 400 किग्रा सल्फर के साथ 200 किग्रा अमोनिया का इस्तेमाल किया जाता है।

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