छिड़काव के बाद बारिश होने पर क्या करें?: हर किसान को जानना जरूरी है।

नमस्कार किसान भाइयों, कई बार हम बड़ी मेहनत से खेतों में कीटनाशक या खाद का छिड़काव करते हैं और कुछ ही घंटों में अचानक बारिश हो जाती है। ऐसे में दिमाग में बस एक सवाल घूमता है  अब क्या करें? छिड़काव का असर तो गया ना? छिड़काव के बाद बारिश होने पर क्या करें?

तो चिंता मत कीजिए आज हम इसी सवाल का हल लेकर आए हैं। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि छिड़काव के बाद बारिश हो जाने पर आपको क्या-क्या करना चाहिए, ताकि आपकी फसल को नुकसान न हो और खर्च भी बर्बाद न जाए।

 Table of Contents

  1. छिड़काव के बाद बारिश क्यों नुकसान करती है?
  2. नुकसान को कैसे पहचाने?
  3. छिड़काव के बाद बारिश हो जाए तो क्या करें?
  4. दोबारा छिड़काव कब और कैसे करें?
  5. खर्च और फसल दोनों को कैसे बचाएं?
  6. निष्कर्ष – थोड़ी समझदारी से बच सकती है पूरी फसल
छिड़काव के बाद बारिश होने पर क्या करें?: हर किसान को जानना जरूरी है।

 1. छिड़काव के बाद बारिश क्यों नुकसान करती है?

जब आप फसल पर दवा या खाद छिड़कते हो तो वो पत्तियों, तनों या मिट्टी पर चिपक जाती है और धीरे-धीरे अपना असर दिखाती है। लेकिन अगर बारिश जल्दी हो जाए, तो:

  • दवा पानी के साथ बह जाती है।
  • असर पूरी तरह खत्म हो सकता है।
  • कुछ दवाएं आधी रह जाती हैं, जिससे कीटों में प्रतिरोधकता आ सकती है

इसलिए बारिश के तुरंत बाद छिड़काव के प्रभाव पर ध्यान देना जरूरी होता है।

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 2. नुकसान को कैसे पहचाने?

बारिश के बाद फसल को ध्यान से देखने पर कुछ बातें समझ में आ सकती हैं:

  • पत्तियों पर दवा का दाग नहीं दिख रहा हो।
  • कीट फिर से दिखने लगे हों।
  • पत्तियों पर चिपचिपापन या बदरंग धब्बे दिखें।
  • टनों पर कोई बदलाव ना महसूस हो।

अगर ऐसा हो रहा है, तो समझ लीजिए कि दवा का असर पूरी तरह या आंशिक रूप से धुल गया है।

 3. छिड़काव के बाद बारिश हो जाए तो क्या करें?

अगर बारिश छिड़काव के 4 से 6 घंटे के अंदर हो जाती है, तो आपको नीचे दिए गए उपाय अपनाने चाहिए:

 1. बारिश रुकते ही फसल की स्थिति जांचें:

फसल पर दवा बची है या पूरी बह गई? यह देखने से ही पता चलेगा कि दोबारा छिड़काव करना है या नहीं।

 2. हल्का छिड़काव दोबारा करें:

अगर 50% से ज्यादा दवा बह गई हो, तो उसी दवा का कम घनत्व वाला (Diluted) छिड़काव करें।

 3. ट्रेक्टर या पंप से स्प्रे न करें तुरंत:

बारिश के बाद पत्तियां भीगी होती हैं। ऐसे में स्प्रे से दवा फिर बह सकती है। इसलिए 5-6 घंटे बाद, जब फसल सूख जाए, तभी छिड़काव करें।

 4. स्टिकर मिलाकर छिड़काव करें:

दूसरी बार छिड़काव करें तो उसमें स्टिकर (जैसे Sandovit या Teepol) मिलाएं ताकि दवा पत्तियों से चिपकी रहे।

 4. दोबारा छिड़काव कब और कैसे करें?

  • बारिश के 6-8 घंटे बाद फसल सूखने पर दोबारा छिड़काव करें।
  • हल्की बारिश हो तो दवा का 50% असर बच सकता है  ऐसे में सिर्फ ज़रूरत वाले हिस्सों पर ही दोहराएं।
  • अगर भारी बारिश हो गई हो, तो पूरा छिड़काव दोबारा करें।
  • हमेशा ताजा घोल बनाएं, पहले से बची दवा का उपयोग न करें।

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 5. खर्च और फसल दोनों को कैसे बचाएं?

  • छिड़काव से पहले मौसम का पूर्वानुमान जरूर देखें।
  • मोबाइल ऐप्स जैसे IMD, Mausam या Skymet का इस्तेमाल करें।
  • सुबह या देर शाम छिड़काव करें ताकि दवा सूखने का समय मिले।
  • फसल की निगरानी रखें ताकि समय पर दोबारा छिड़काव किया जा सके।
  • अगर बारिश की संभावना हो, तो सिर्फ ज़रूरत वाले खेत में ही स्प्रे करें।

 6. निष्कर्ष: थोड़ी समझदारी से बच सकती है पूरी फसल।

किसान भाइयों, बारिश तो प्रकृति की देन है इसे रोका नहीं जा सकता। लेकिन अगर आप थोड़ा सतर्क रहें, मौसम का ध्यान रखें और समय पर फसल की निगरानी करें, तो आप छिड़काव के नुकसान से भी बच सकते हो।

अगर आपको ये जानकारी काम की लगी हो, तो अपने खेतों वाले दोस्तों, रिश्तेदारों और गांव के व्हाट्सएप ग्रुप में शेयर जरूर करें। और नीचे कमेंट करके बताएं आपने कभी ऐसी स्थिति में क्या किया था?

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