उड़द की बुआई का सही समय क्या है?

सभी किसान भाइयों को मेरा नमस्कार दोस्तों अगर आप “उड़द की बुआई का सही समय क्या है?” इस सवाल का जवाब ढूंढ रहे हैं, तो आप बिल्कुल सही जगह आए हैं। उड़द की खेती भारत में काफी प्रचलित है और इसकी अच्छी पैदावार के लिए सही समय पर बुआई करना बहुत जरूरी है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि उड़द की बुआई का सबसे सही समय कौन-सा होता है और किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।

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1 उड़द की बुआई का सही समय क्या है?

उड़द की बुआई का सही समय क्या है? अगर आप उड़द की खेती से अच्छा उत्पादन चाहते हैं तो बुआई का सही समय बेहद जरूरी है। आमतौर पर उड़द की बुआई का आदर्श समय जून के मध्य से जुलाई के अंत तक माना जाता है, खासकर जब मानसून की पहली अच्छी बारिश हो चुकी हो। कई किसान अप्रैल–मई में ग्रीष्मकालीन उड़द भी बोते हैं, लेकिन बरसात में बोई गई उड़द की उपज ज़्यादा और गुणवत्ता बेहतर होती है।

उड़द की बुआई का मौसम, मिट्टी में नमी की स्थिति, तापमान (25°C से 35°C), और खेत की तैयारी – ये सब मिलकर इसकी उपज को प्रभावित करते हैं। इसलिए अगर आप उड़द उगाने की सोच रहे हैं, तो मौसम का ध्यान रखते हुए उड़द की खेती का सही समय पकड़ना ही आपके मुनाफे की कुंजी है।

उड़द की खेती मुख्य रूप से खरीफ और रबी दोनों मौसमों में की जाती है, लेकिन इसकी बुआई का सही समय जलवायु और मिट्टी की स्थिति पर निर्भर करता है।

· खरीफ मौसम क्या होता है? जून के मध्य से जुलाई के अंत तक (मानसून आने के बाद)।
· रबी मौसम क्या होता है? अक्टूबर से नवंबर (सिर्फ सिंचित क्षेत्रों में)।

अगर आप खरीफ के मौसम में उड़द की बुआई करना चाहते हैं, तो मानसून की पहली बारिश के बाद ही इसे बोना सबसे अच्छा रहता है। इससे फसल को अच्छी नमी मिलती है और पौधे जल्दी विकसित होते हैं। वहीं, रबी मौसम में बुआई उन्हीं जगहों पर की जाती है जहां सिंचाई की पर्याप्त सुविधा होती है।

उड़द की बुआई का सही समय क्या है?

2 उड़द की बुआई के लिए अनुकूल तापमान:

उड़द की अच्छी पैदावार के लिए तापमान का ध्यान रखना बहुत जरूरी है।

· बीज अंकुरण के लिए : 25 से 30 डिग्री सेल्सियस।
· पौधे के विकास के लिए : 30 से 35 डिग्री सेल्सियस।
· फसल पकने के समय : 25 डिग्री सेल्सियस से कम न हो।

अगर तापमान बहुत ज्यादा बढ़ जाता है, तो फसल को नुकसान हो सकता है, इसलिए सही समय पर बुआई करना ही सबसे बेहतर रहता है।

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3 मिट्टी और खेत की तैयारी:

उड़द की खेती के लिए अच्छी जल निकासी वाली दोमट या हल्की काली मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है। • खेत की गहरी जुताई करें ताकि मिट्टी मुलायम और उपजाऊ हो जाए।

· जैविक खाद या गोबर की खाद डालने से मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है।

· बुआई से पहले बीज को फफूंदनाशक से उपचारित करें ताकि रोगों से बचाव हो सके।

4 उड़द की बुआई की सही विधि क्या है?

उड़द की बुआई सीधी कतारों में करना सबसे अच्छा रहता है।

· बीज दर : 8-10 किलोग्राम प्रति एकड़।

· पंक्ति से पंक्ति की दूरी : 30 से 40 सेंटीमीटर।

· गहराई : बीज को 3-4 सेंटीमीटर गहराई में बोना चाहिए।

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5 उड़द की बुआई से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण सुझाव

· समय पर बुआई करने से पैदावार अधिक मिलती है।
· मानसून आने के बाद ही खरीफ में बुआई करें।
· बीजों को नमी वाली मिट्टी में ही बोएं ताकि अंकुरण जल्दी हो।
· कीट और रोगों से बचाने के लिए नियमित निरीक्षण करें।

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निष्कर्ष : उड़द की खेती कैसे करें?

अगर आप अच्छी पैदावार चाहते हैं, तो “उड़द की बुआई का सही समय क्या है?” इस सवाल का जवाब जानना बहुत जरूरी है। सही समय पर बुआई करने से न सिर्फ फसल की उत्पादकता बढ़ती है, बल्कि इसे कम से कम देखभाल में अच्छा उत्पादन भी मिलता है। उड़द की खेती को सफल बनाने के लिए जलवायु, मिट्टी, और बुआई के तरीकों पर खास ध्यान देना चाहिए।

उड़द की खेती से जुड़े कुछ फैक्ट्स

· उड़द दाल प्रोटीन से भरपूर होती है और स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक मानी जाती है।
· उड़द की फसल में नाइट्रोजन फिक्स करने की क्षमता होती है, जिससे मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है।
· भारत में मुख्य रूप से मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, और राजस्थान में उड़द की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है।

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