नमस्कार किसान भाइयों , जैसा कि आप जानते है कि गोबर कि खाद हमारी फसल के लिए कितनी लाभदायक है तो दोस्तों आज हम बात करेंगे कि 1 एकड़ में गोबर की खाद कितनी डालें। तो दोस्तों आप अपने खेत मे फसलों की अच्छी पैदावार कैसे ले सकते है।
किसान भाईयों, खेती में सबसे जरूरी चीज़ है ज़मीन की उर्वरक क्षमता (fertility)। अगर मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी है, तो चाहे आप कितना भी अच्छा बीज बो लें और सिंचाई का इंतज़ाम कर लें, फसल का उत्पादन उतना अच्छा नहीं होगा। इसी वजह से गोबर की खाद (Farm Yard Manure) को हमेशा खेती का बेसिक न्यूट्रिशन माना गया है। लेकिन अक्सर किसान ये सवाल करते हैं कि 1 एकड़ में गोबर की खाद कितनी डालनी चाहिए? तो आइए आज हम इसे विस्तार से समझते हैं।

गोबर की खाद क्यों जरूरी है?
गोबर की खाद खेती के लिए एक बेहद महत्वपूर्ण प्राकृतिक खाद मानी जाती है, क्योंकि यह सिर्फ मिट्टी में पोषक तत्व जोड़ने का काम नहीं करती बल्कि मिट्टी की पूरी संरचना को बेहतर बनाने में मदद करती है। जब हम गोबर की खाद का उपयोग करते हैं, तो यह मिट्टी की जलधारण क्षमता को बढ़ाती है, जिससे मिट्टी लंबे समय तक नमी बनाए रख पाती है और फसल को लगातार पानी मिलता रहता है। इसमें मौजूद प्राकृतिक सूक्ष्मजीव मिट्टी की सेहत सुधारते हैं और पौधों की जड़ों तक पोषक तत्व पहुंचाने में मदद करते हैं।
गोबर की खाद में मौजूद पोषक तत्व धीरे-धीरे मिट्टी में घुलते हैं, जिससे पौधों को लंबे समय तक संतुलित पोषण मिलता है। यह रासायनिक खाद की तरह त्वरित असर तो नहीं दिखाती, लेकिन इसका असर गहरा और लंबे समय तक रहता है, जिससे मिट्टी साल-दर-साल अधिक उपजाऊ बनती है और बार-बार रासायनिक खाद डालने की जरूरत भी कम हो जाती है। इसके साथ ही, यह मिट्टी को सख्त और बंजर होने से बचाती है, जिससे आने वाली फसलों की पैदावार में निरंतर सुधार होता है।
Also read – PM Kisan Yojana Status Kaise Check Kare || अभी जानें ₹2000 आया या नहीं?
1 एकड़ में गोबर की खाद की सही मात्रा कितनी होनी चाहिए?
तो दोस्तों , अब आता है सबसे अहम सवाल – कितनी खाद डालें?
आमतौर पर, कृषि वैज्ञानिकों की सलाह के अनुसार, 1 एकड़ जमीन में 6 से 8 टन गोबर की सड़ी हुई खाद डालनी चाहिए। अगर मिट्टी की उर्वरक क्षमता बहुत कम है या पिछले कई सालों से ज्यादा रासायनिक खाद का इस्तेमाल हो रहा है, तो यह मात्रा 10 टन तक भी रखी जा सकती है।
1 टन का मतलब है 1000 किलो, यानी 8 टन का मतलब लगभग 8000 किलो गोबर की खाद। इसे खेत में बोआई से कम से कम 20-25 दिन पहले डालना जरूरी है ताकि खाद मिट्टी में अच्छे से मिल जाए और पौधों को फायदा मिल सके।
Also read – Thresher Machine Price 2025: कितने की मिलती है? उपयोग और फायदे जानकर हैरान रह जाएंगे?
गोबर की खाद डालने का सही तरीका क्या है?
दोस्तों , गोबर की खाद तभी असरदार होती है जब वह पूरी तरह सड़ी हुई हो। कच्चा गोबर सीधे खेत में डालना कई बार नुकसानदायक हो सकता है क्योंकि उसमें हानिकारक गैसें और कीटाणु हो सकते हैं। सड़ी हुई खाद की पहचान यह है कि उसमें बदबू नहीं होती, रंग गहरा भूरा होता है और वह मिट्टी जैसी महक देती है।
खाद को खेत में डालने का तरीका यह होना चाहिए:
- खेत की जुताई के बाद गोबर की खाद को समान रूप से फैलाएं।
- फिर हल्की जुताई या रोटावेटर चलाकर इसे मिट्टी में मिला दें।
- कोशिश करें कि खाद डालने के बाद खेत को 1-2 दिन न छोड़ें बल्कि तुरंत मिला दें ताकि पोषक तत्व उड़ न जाएं।
Also read – 2025 में टॉप 5 मिनी ट्रक || किसानों के लिए कौन सा मिनी ट्रक Best है?
गोबर की खाद का पौधों पर असर क्या होता है?
आपको बता दें कि गोबर की खाद में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाश, कैल्शियम और सल्फर जैसे कई आवश्यक पोषक तत्व होते हैं। ये सभी पौधों की जड़ से लेकर पत्तियों तक विकास में मदद करते हैं। खासकर सब्जियों, दलहन और तिलहन वाली फसलों में इसका असर ज्यादा दिखता है।
मान लीजिए आपने 1 एकड़ खेत में 8 टन गोबर की खाद डाली है, तो:
- मिट्टी की नमी लंबे समय तक बनी रहेगी।
- पौधों की जड़ें मजबूत होंगी।
- फसल की पैदावार 15-20% तक बढ़ सकती है।
- कीट और रोगों का खतरा कुछ हद तक कम होगा।
Also read – नए ट्रैक्टर की कीमत | भारत में नए ट्रैक्टर की कीमत क्या है?
कितनी बार डालनी चाहिए?
कई किसान साल में सिर्फ एक बार गोबर की खाद डालते हैं, लेकिन अगर आप साल में दो या तीन फसल लेते हैं, तो कम से कम दो बार इसका इस्तेमाल करें –
- खरीफ सीजन (बरसात के पहले)
- रबी सीजन (ठंड के मौसम की फसल से पहले)
अगर खाद की मात्रा सीमित है, तो उसे उन फसलों में डालें जो ज्यादा पोषक तत्व मांगती हैं, जैसे – गन्ना, आलू, गोभी, टमाटर, गेहूं और धान।
Also read – Best Tractor Equipment for Farming | किसानों के लिए खेती के सबसे अच्छे उपकरण कौन-कौन से हैं।
गोबर की खाद से जुड़े 5 रोचक तथ्य:
- धीमी लेकिन लंबी असरदारी: गोबर की खाद पौधों को पोषक तत्व धीरे-धीरे देती है, लेकिन इसका असर लंबे समय तक रहता है।
- सूक्ष्मजीवों का घर: इसमें लाखों फायदेमंद बैक्टीरिया और फंगस होते हैं जो मिट्टी की सेहत बेहतर करते हैं।
- कीटनाशक में मददगार: सही तरीके से तैयार की गई गोबर की खाद में कई रोगों को रोकने की क्षमता होती है।
- गर्मी कम करने वाली: गर्मी के मौसम में यह मिट्टी का तापमान संतुलित रखने में मदद करती है।
- कचरा से खजाना: यह पशु के अपशिष्ट को खेती के लिए खजाने में बदल देती है, यानी वेस्ट को वैल्यू में बदलना।

गोबर की खाद की गुणवत्ता कैसे बढ़ाएं?
अगर आप चाहते हैं कि गोबर की खाद और ज्यादा असरदार हो, तो उसमें नीम की खली, राख, फसल के अवशेष और हरी खाद मिलाएं। इससे इसमें सूक्ष्म पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ेगी और पौधों को ज्यादा फायदा मिलेगा।
गोबर की खाद की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए उसे सीधे खेत में डालने के बजाय 3-4 महीने तक सड़ने दें। इसमें सूखी पत्तियां, नीम की पत्ती और राख मिलाने से पोषक तत्व बढ़ते हैं और कीट भी दूर रहते हैं। खाद को समय-समय पर पलटते रहें ताकि हवा का संचार बना रहे। वर्मी कंपोस्ट तकनीक अपनाने से खाद जल्दी और बेहतर तैयार होती है। इस तरह तैयार खाद पौधों को ज्यादा पोषण देती है और मिट्टी की सेहत भी सुधारती है।
Also read – Combine Machine क्या है? | किसानों के लिए किस प्रकार उपयोगी है।
गोबर की खाद के साथ रासायनिक खाद का संतुलन:
भाई कई किसान ये गलती करते हैं कि गोबर की खाद डालने के बाद वे रासायनिक खाद बिल्कुल नहीं डालते। लेकिन सच ये है कि अगर आप संतुलन बनाकर दोनों का इस्तेमाल करें, तो उत्पादन और भी अच्छा होगा। उदाहरण के लिए:
- गोबर की खाद से मिट्टी की बुनियाद मजबूत करें।
- रासायनिक खाद से तत्काल पोषण की जरूरत पूरी करें।
Also read – Mahindra Tractor Price List 2025 | 15 – 75 HP ट्रैक्टर की कीमत क्या है?
निष्कर्ष: 1 एकड़ में गोबर की खाद कितनी डालें?
अगर आप चाहते हैं कि आपकी मिट्टी सालों-साल उपजाऊ बनी रहे, तो गोबर की खाद का इस्तेमाल जरूर करें। 1 एकड़ में 6-8 टन सड़ी हुई गोबर की खाद डालना सबसे बेहतर है। इसे सही समय और तरीके से डालें, और जरूरत के अनुसार रासायनिक खाद का भी संतुलित उपयोग करें। गोबर की खाद न सिर्फ आपकी फसल के लिए बल्कि आने वाली पीढ़ियों की खेती के लिए भी एक निवेश है। याद रखिए, स्वस्थ मिट्टी ही अच्छी फसल की गारंटी है।
किसान भाइयों अगर आपको जानकारी पसंद आई या फिर काम कि लगी हो तो आप हमे कमेन्ट बॉक्स मे जरूर बताएं और साथ ही अपनों दोस्तों के साथ ही शेयर करे और साथ ही यह जानकारी आपके खेती के काम को आसान बना देंगे।