समोच्च कृषि क्या हैं?
नमस्कार किसान भाइयों आज हम आपको बताएंगे कि समोच्च कृषि क्या हैं और इसे अपनाने से क्या लाभ मिलता हैं।
समोच्च कृषि एक पारंपरिक और पर्यावरण-संवेदनशील खेती की तकनीक है जिसमें खेतों को ढलान या पहाड़ी वाले इलाकों में समोच्च रेखाओं के समानांतर तैयार किया जाता है।
यह तकनीक मिट्टी के कटाव को रोकने और जल संरक्षण में मदद करती है।
समोच्च कृषि के मुख्य बिंदु:
1. खेतों की तैयारी :
खेतों को समोच्च रेखाओं के समानांतर और प्राकृतिक ढलान के अनुसार जोता और तैयार किया जाता है।
2. मिट्टी कटाव में कमी:
समोच्च कृषि समझने का मुख्य उद्देश्य यह है कि यह ढलानों पर पानी के बहाव को धीमा कर, मिट्टी के कटाव को कम करती है।
3. पानी का प्रभावी उपयोग:
इसका उपयोग खेतों में पानी को अधिक समय तक रखने में मदद करती हैं जिससे फसलों को अधिक समय तक नमी प्राप्त होती है।
4. जैव विविधता को बढ़ावा:
इस पद्धति से खेतों में अलग-अलग फसलें उगाने में आसानी होती है जिससे जैव विविधता को बढ़ावा मिलता है।
5. कम लागत, अधिक लाभ:
यह एक सरल और प्रभावशाली तकनीक है जिसमें किसी जटिल मशीनरी की आवश्यकता नहीं होती। छोटे और सीमांत किसान इसे आसानी से अपना सकते हैं।
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6. जलवायु परिवर्तन :
यह तकनीक खेती को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से बचाने में मदद करती है जैसे अधिक बारिश या सूखे के समय।
समोच्च कृषि क्या हैं: क्यों इसे अपनाना चाहिए?
· यह पर्यावरण-अनुकूल खेती की विधि है।
· पानी और मिट्टी का संरक्षण करती है।
· फसल उत्पादन बढ़ाने में मदद करती है।
· लंबे समय में किसानों की आय बढ़ाती है।
समोच्च कृषि अपनाने से न केवल प्राकृतिक संसाधनों का बेहतर प्रबंधन होता है बल्कि यह भविष्य में टिकाऊ खेती का आधार भी बनती है।
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