पहाड़ी क्षेत्रों में सीढ़ीनुमा खेती क्यों की जाती है यह सवाल काफी लोगों के मन में आता है। इसीलिए आज हम आपको इसी टॉपिक पर जानकारी देने वाले हैं।
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पर्वतीय और पहाड़ी इलाकों में खेती करना आसान नहीं होता, लेकिन सीढ़ीनुमा खेती (Terrace Farming) ने इसे संभव बना दिया है। यह प्राचीन कृषि तकनीक न केवल फसल उत्पादन को बढ़ाती है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी मददगार है। आइए जानें, पहाड़ी क्षेत्रों में सीढ़ीनुमा खेती क्यों की जाती है और इसके फायदे।
सीढ़ीनुमा खेती : क्या है यह तकनीक?
सीढ़ीनुमा खेती का मतलब है ढलान वाली भूमि को सीढ़ीनुमा आकार देकर खेती करना। यह तकनीक पानी के बहाव और मिट्टी के कटाव को नियंत्रित करने में मदद करती है।
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पहाड़ी क्षेत्रों में सीढ़ीनुमा खेती क्यों की जाती है: कारण
1. मिट्टी के कटाव को रोकना :
· पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश के कारण मिट्टी का कटाव आम समस्या है।
· सीढ़ीनुमा खेती में ढलान को सीढ़ियों में बदलकर मिट्टी के कटाव को रोका जाता है।
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2. पानी का प्रभावी उपयोग :
· ढलानों पर पानी तेजी से बहकर नीचे चला जाता है।
· सीढ़ीनुमा खेतों में पानी रुकता है और फसलों को पर्याप्त नमी मिलती है।
3. पहाड़ी इलाकों में खेती को संभव बनाना :
· सीधी ढलानों पर खेती करना असंभव होता है।
· सीढ़ीनुमा खेत बनाकर खेती के लिए भूमि तैयार की जाती है।
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4. फसल उत्पादन में वृद्धि :
· सीढ़ीनुमा खेतों में फसलें व्यवस्थित रूप से उगाई जा सकती हैं।
· यह तकनीक पर्वतीय क्षेत्रों में खेती की उत्पादकता को बढ़ाती है।
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सीढ़ीनुमा खेती के फायदे :
1. पर्यावरण संरक्षण : पानी और मिट्टी के प्रबंधन से प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा होती है।
2. फसलों की विविधता : एक ही क्षेत्र में अलग-अलग ऊंचाई पर विभिन्न प्रकार की फसलें उगाई जा सकती हैं।
3. जल स्रोतों का संरक्षण : पानी को रोककर भूमिगत जल स्तर को बनाए रखा जाता है।
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पहाड़ी क्षेत्रों में सीढ़ीनुमा खेती क्यों की जाती है: चुनौतियां
1. उच्च लागत : सीढ़ीनुमा खेत बनाने में समय और धन की जरूरत होती है।
2. अधिक मेहनत की जरूरत : पारंपरिक खेती के मुकाबले यह पद्धति ज्यादा मेहनत मांगती है।
3. रखरखाव की आवश्यकता : सीढ़ियों की मरम्मत और जल निकासी का ध्यान रखना पड़ता है।
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निष्कर्ष : सीढ़ीनुमा खेती
पहाड़ी क्षेत्रों में सीढ़ीनुमा खेती क्यों की जाती है, यह समझने के लिए हमें इसके लाभों को देखना होगा। यह तकनीक न केवल पहाड़ी इलाकों में खेती को संभव बनाती है, बल्कि पर्यावरण को भी बचाती है। हालांकि इसमें चुनौतियां हैं, लेकिन इसके फायदे इसे पर्वतीय क्षेत्रों में खेती का मुख्य विकल्प बनाते हैं।
इसी प्रकार यदि आपको किसी अन्य प्रकार की खेती प्रणाली से जुड़ी जानकारी चाहिए तो आप हमें Comment में जरूर बताएं। ताकि हम आपको सही जानकारी प्रदान कर सकें।
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